Sandeep Yadav Journalist (पत्रकार)
अंबेडकर नगर: जलालपुर तहसील के सुरहुरपुर गांव में एक दर्दनाक विद्युत हादसा हुआ, जिसमें सुनील राजभर उर्फ गुड्डू नाम के युवक की मृत्यु हो गई। लगभग 35 वर्षीय गुड्डू की मौत के बाद उसकी दो मासूम बेटियों के सिर से पिता का साया उठ गया, जिससे गांव में शोक और आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों ने इस हादसे के लिए विद्युत विभाग और SDO जलालपुर मुकेश कुमार मौर्य की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है, जो समय पर नंगे,जर्जर तारों को नहीं बदल पाए।
ग्रामीणों का आरोप: SDO की लापरवाही के कारण हुई युवक की मौत
गांववासियों का कहना है कि अगर SDO और विद्युत विभाग ने समय रहते नंगे,जर्जर तारों को बदलने का काम किया होता, तो इस हादसे को टाला जा सकता था। उन्होंने कई बार तारों की स्थिति को लेकर शिकायतें की थीं, लेकिन SDO की उदासीनता के कारण उन्हें अनसुना किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि SDO खुद को ऊंचे पदाधिकारियों का करीबी बताते हुए कई बार जिम्मेदारी से बचते रहे, जिससे उनका रवैया गैर-जवाबदेह बना रहा। अनुराग पांडे नामक एक स्थानीय निवासी ने बताया कि SDO की इस लापरवाही के कारण गुड्डू की मौत हो गई और उसकी बेटियां अनाथ हो गईं।
परिवार मुआवजे की प्रतीक्षा में, पिछली मदद अब तक अधूरी
सुरहुरपुर गांव में यह पहला हादसा नहीं है। इससे पहले भी एक दुर्घटना में विद्युत विभाग की लापरवाही से हादसे का शिकार युवक की दादी की जान गई थी। उस समय विभाग ने पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये की मदद का आश्वासन दिया था, जो आज तक नहीं मिला। इस बार भी विभाग ने आर्थिक सहायता का आश्वासन दिया है, परंतु परिवार को आशंका है कि यह वादा भी पिछले वादे की तरह अधूरा रह सकता है।
युवा नेता नीरज प्रताप सिंह का हस्तक्षेप, परिवार को मदद का भरोसा
घटना की खबर मिलते ही युवा नेता और जिला पंचायत सदस्य नीरज प्रताप सिंह ने मौके पर पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की। छात्र नेता रहे नीरज सिंह, जो लखनऊ विश्वविद्यालय से भी जुड़े हैं, ने पीड़ित परिवार का हाल-चाल जाना और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत की और उनकी समस्याओं को समझा। उन्होंने कहा कि वह इस घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करवाने की दिशा में हर संभव प्रयास करेंगे। नीरज सिंह ने प्रशासन और विद्युत विभाग पर भी जोर दिया कि पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए और भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों, इसके लिए सुधारात्मक कदम उठाए जाएं।
SDO पर गंभीर आरोप, ग्रामीणों की नाराजगी चरम पर
ग्रामीणों के अनुसार, SDO मुकेश मौर्य ने बार-बार शिकायतों के बावजूद नंगे ,जर्जर तारों को बदलने की कोई कार्रवाई नहीं की। ग्रामीणों ने वीडियो भी साझा किया है, जिसमें हादसे के बाद आनन-फानन में तारों को बदलते हुए दिखाया गया है। उमापति विश्वकर्मा, जिनके घर पर काम के दौरान यह हादसा हुआ, ने बताया कि उन्होंने कई बार शिकायत की थी, लेकिन उनकी बात को अनसुना किया गया।
प्रशासन से निष्पक्ष जांच और कार्यवाही की मांग
ग्रामीणों ने प्रशासन से SDO मुकेश मौर्य के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि इस लापरवाही ने एक परिवार को अनाथ बना दिया है। अगर प्रशासन ने उनकी मांगें नहीं सुनीं तो वे आंदोलन करने के लिए तैयार हैं।
निष्कर्ष: पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की दिशा में क्या कदम उठाएगा प्रशासन?
इस हादसे ने विद्युत विभाग की कार्यशैली और उनकी जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन इस दर्दनाक घटना के बाद क्या कदम उठाता है और पीड़ित परिवार को किस प्रकार से न्याय दिलाने का प्रयास करता है?।
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