उतरौला बलरामपुर क्षेत्र में डी ए पी खाद की किल्लत और काला बाजारी से किसान इस समय गम्भीर संकट का सामना कर रहे हैं। रबी की बुवाई के महत्व पूर्ण मौसम में भी किसानों को खाद के लिए भटकना पड़ रहा है।
क्षेत्र के उतरौला, ग्राम भैरमपुर, गैंड़ास बुजुर्ग, महादेव,और शाहपुर इटई, चिरकुटिया, आदि सहकारी समितियों पर खाद न होने के कारण क्षेत्रों में खाद की भारी कमी है। ग्रामीणो ने आरोप लगाया हैं कि कुछ निजी खाद विक्रेता इस अवसर का लाभ उठाते हुए महंगे दामों में डी ए पी उर्वरक की बिक्री कर रहे हैं और किसान सुबह से शाम तक दुकानों का चक्कर काट रहे हैं।उनका का कहना है कि सरकारी स्तर पर समय पर खाद उपलब्ध कराने की कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही है। इससे गेहूं और अन्य फसलों की बुवाई में देरी हो जाती है, जिसका असर उनकी पैदावार और आय पर पड़ेगा। ग्रामीणमोहम्मद नजीर, राज मोहम्मद, सोमई,चिनकुन,एहसानुल्ला, ताज मोहम्मद, फरमान, पारशुराम, मेवाराम बजरंगी लाल आदि किसानों ने बताया कि बुआई के लिए खेत तैयार कर लिया है। अब खाद की किल्लत से गेहूं व सरसों की बुआई प्रभावित हो रहा है उन्होंने प्रशासन से काला बाजारी पर अंकुश लगाने और खाद की आपूर्ति सुचारू रूप से सुनि श्चित करने की मांग की है। गन्ना सहकारी समिति उतरौला में तैनात गोदाम प्रभारी अमित कुमार ने बताया कि निजी खाद विक्रेता रैक लगाते समय कुछ खर्च कर देते हैं जिससे उन्हें जल्द आपूर्ति हो जाती है। और हम रैक लगाकर खाद आने का इंतजार भी करते रहते हैं। परन्तु समय पर आपूर्ति नहीं हो पाती है।एस डी एम अवधेश कुमार ने स्थिति पर संज्ञान लेने की बात कही है। जिम्मेदार अधिकारियों को खाद की आपूर्ति की निगरानी और काला बाजारी रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।
समस्या की जल्द समाधान के बिना किसानों को बड़े पैमाने पर नुकसान झेलना पड़ सकता है।
हिन्दी संवाद न्यूज से
असगर अली की रिपोर्ट
उतरौला बलरामपुर।
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