तहसील क्षेत्र के अन्नदाता इस समय उर्वरक और बीज की भारी कमी से जूझ रहे हैं। रब की बुआई के लिए खाद गन्ना सहका री समिति उतरौला, सहकारी समिति , रेडवालिया, सहकारी समिति, चिरकुटिया सहकारी समिति शाहपुर इटई,आदि सहकारी समिति जैसी प्रमुख सहकारी समितियों पर खाद की उपलब्धता नदारद दिखाई पड़ रहीं है।
सैकड़ो अन्नदाता खाद के चक्कर में रोज इन समितियों का चक्कर लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं, लेकिन उन्हें कहीं से खाद नहीं मिल पा रही है। राजकीय बीज भण्डार उतरौला पर बीज समाप्त हो चुका है, जब कि गैडास बुजुर्ग में बीज उपलब्ध है,लेकिन गोदाम प्रभारी की तबीयत खराब हो जाने के कारण किसानों को बीज नहीं मिल पा रहा है। गैडास बुजुर्ग सहकारी समिति में उर्वरक की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है,लेकिन गोदाम प्रभारी विजय कुमार मिश्रा के दूसरे समिति पर कार्य करने की वजह से वहां ताला बराबर लटका रहता है, जिससे अन्नदाताओ को बार-बार निराश होकर लौटना पड़ता है। गोदाम प्रभारी विजय कुमार मिश्रा ने बताया कि गैडास बुजुर्ग में 210 बोरी डी ए पी और 313 बोरी यूरिया खाद उपलब्ध हैं,जब कि इटई रामपुर में 100 बोरी डी ए पी और 324 बोरी यूरिया खाद उपलब्ध हैं। हालांकि विजय मिश्रा के वितरण कार्य मझौली भवानी में चलने के कारण गैडास बुजुर्ग और इटई रामपुर में खाद का वितरण प्रभावित हो रहा है। रवि की बुवाई का मौसम जोरों से चल रहा है, और ऐसे में उर्वरक
बीज की आपूर्ति न होने से अन्नदाताओ के लिए समस्या गहरी हो गई है। अब सवाल यह उठता है कि किसानों को उर्वरक और बीज कहां से मिलेगा।अगर कहीं उर्वरक उपलब्ध है तो वह जमाखोरों के पास पहुंच चुका है, जहां से उर्वरक की सप्लाई प्राप्त करना अन्नदाताओं के लिए टेढ़ी खीर बन गई है। जमाखोरों के पास बड़ी मात्रा में उर्वरक होने के बाव जूद, भी छोटे व मझोले अन्नदाताओं को सप्लाई नहीं मिल पा रही है, जो उनके लिए आर्थिक संकट का कारण बना हुआ है।
अन्नदाता इस दुविधा में हैं कि अगर उर्वरक और बीज समय पर नहीं मिलते हैं तो उनकी फसल कैसे तैयार होगी खेत की नमी समाप्त होने पर उसकी सिचाई करनी पड़ेगी। यह स्थि ति उनके भविष्य के लिए एक गम्भीर चिंता का विषय बन चुका है।
हिन्दी संवाद न्यूज से
असगर अली की खबर
उतरौला बलरामपुर।
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