यूपी पुलिस के दारोगा का बेटा कर रहा था हथियारों की तस्करी, जखीरा बरामद, एके-47 भी हुई सप्लाई
यूपी पुलिस के दरोगा का बेटा हथियारों का अंतरराज्यीय तस्कर निकला है। एसटीएफ मेरठ यूनिट ने कंकरखेड़ा में शनिवार देररात मुठभेड़ में दरोगा के बेटे और अनिल बंजी गैंग के गुर्गे को हथियार-कारतूस की बड़ी खेप के साथ दबोचा।आरोपी पंजाब से फर्जी रसीदों पर हथियार-कारतूस लाकर यूपी, दिल्ली और बिहार में बेच रहे थे। इसको कुख्यात अनिल बालियान उर्फ अनिल बंजी गैंग अंजाम दे रहा था। आरोपी से 17 बंदूकें और 700 कारतूस बरामद किए गए हैं।

एसटीएफ ने कंकरखेड़ा के खिर्वा रोड पर पोहली तिराहे पर शनिवार देररात एक स्कार्पियो को घेरा। स्कार्पियो सवार बदमाशों ने एसटीएफ टीम पर फायरिंग कर दी। स्कार्पियो को घेरकर रोका गया। एक आरोपी पकड़ा गया, जबकि चार फरार हो गए।

स्कार्पियो की तलाशी में सीट के नीचे छिपाकर रखी 17 बंदूक और 700 कारतूस बरामद हुए। पकड़े गए आरोपी की पहचान रोहन पुत्र राकेश कुमार निवासी गांव लोहड्डा, बड़ौत के रूप में हुई। राकेश कुमार यूपी पुलिस में दरोगा है और मथुरा में तैनाती है।

फर्जी रसीदों पर पंजाब से लाते थे हथियार

रोहन से पूछताछ में खुलासा हुआ कि पल्लवपुरम निवासी अनिल बालियान उर्फ अनिल बंजी के साथ मिलकर वह हथियारों की तस्करी करता है। पंजाब से फर्जी रसीदों पर गन हाउस के मालिकों से फैक्ट्री मेड बंदूकें-पिस्टल और कारतूस खरीदकर लाता है। इन हथियारों को मेरठ में अनिल बंजी के पास रखा जाता है। 

अनिल इन हथियारों को यूपी, दिल्ली, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ में सप्लाई करता है। रोहन ने बताया कि मराठा गन हाउस अटारी रोड खासा, अमृतसर से 40-50 हजार रुपये प्रति बंदूक तथा 100 रुपये प्रति कारतूस (315 बोर) के हिसाब से लिए थे। इन बंदूकों को 80 से एक लाख रुपये में बेचना था। पूर्व में भी इसी रेट में हथियारों को बेचता था।

अनिल बंजी से मिली थी एके-47

गिरोह का सरगना अनिल बालियान उर्फ अनिल बंजी है। अनिल बंजी से शामली पुलिस ने पूर्व में एके-47 बरामद की थी। अनिल बंजी का नाम कृषि विवि के प्रोफेसर पर किए गए कातिलाना हमले में भी सामने आया था। आरोपी ने सुपारी देकर हमला कराया था। अनिल बंजी ने पूछताछ में बताया था कि उसे एके-47 संजीव जीवा ने दी थी। अनिल बंजी ही इस गैंग को चला रहा था और फरार है। एफटीएफ अनिल बंजी समेत कई की तलाश में लगी है।

        हिन्दी संवाद न्यूज से
         रिपोर्टर वी. संघर्ष

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