अग्नि सुरक्षा को लेकर एडवाइजरी जारी। 
जिलाधिकारी ने बताये अग्नि सुरक्षा के उपाय एवं जनमानस से एहतियतात बरतने की अपील। 
आपात स्थिति में अग्नि शमन एवं जिला कन्ट्रोल रूम में कॉल करके ले सकते हैं मदद। 
जिले में आगामी दीपावली पर्व के दौरान अग्नि सुरक्षा उपायों के संबंध में बरती जाने वाली सावधानी, अग्नि सुरक्षा उपायों, आपातकालीन सेवाओं के सम्बन्ध में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है।
 जिलाधिकारी/अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण श्री पवन अग्रवाल ने अपील करते हुए कहा है कि लायसेंस प्राप्त विक्रेताओं से ही पटाखे खरीदें। यह सुनिश्चित करें कि गुणवत्ता वाले पटाखे खरीदें जो दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने के लिए अनुमोदित हांे। इमारतों, वाहनों और ज्वलनशील पदार्थों से दूर पार्क, बड़े मैदान जैसे खुले स्थानों में पटाखे जलाएं। पटाखे जलाते समय संभावित आपातकालीन स्थिति के लिए पानी की बाल्टी निकट रखें। आग से संबंधित चोट के जोखिम को कम करने के लिए सूती वस्त्र पहनने को प्राथमिकता दें क्योंकि सिथेंटिक कपडे आसानी से आग पकड़ सकते हैं। पटाखे जलाते समय बच्चों की निगरानी के लिए हमेशा एक व्यस्क को साथ रखें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे सुरक्षा उपायों का पालन कर रहे हैं। पटाखे फोड़ने के बाद इस्तेमाल किए गए पटाखों का पानी की बाल्टी में सुरक्षित तरीके से निपटान करें ताकि किसी बची हुई चिंगारी से अग्नि दुर्घटना न हो। एक बार में एक ही पटाखे जलाएं एवं आग लगने की आशंका को देखते हुए एक साथ कई पटाखे जलाने से बचे। पटाखे में आग लगाने के बाद उससे सुरक्षित दूरी रखें। पटाखे जलाते समय हमेशा हवा की दिशा को ध्यान में रखें जिससे उसकी चिंगारी घरों या व्यक्तियों की ओर न उड़े। उन्होंने बताया कि इस दौरान घर के अंदर खिड़कियों के पास या अन्य बंद स्थानों पर कभी पटाखे न जलाए। पटाखे जलाते समय ढीले या लटकने वाले वस्त्र पहनने से बचें क्योंकि वे आसानी से आग पकड़ सकते हैं। ज्वलनशील पदार्थों के पास पटाखों का उपयोग न करें, पटाखों को सूखी पत्तियों, गैस सिलेण्डर या वाहनों जैसी वस्तुओं से दूर रखें। यदि कोई पटाखा जलने में विफल रहता है तो उसे पुनः जलाने का प्रयास न करें, अपितु कुछ देर प्रतीक्षा करने के उपरांत उसका सुरक्षित रूप से निपटान करें। यह सुनिश्चित करें कि पटाखे ऐसे स्थानों में न जलाए जाएं जो आग लगने की स्थिति में आपातकालीन निकास मार्ग को अवरूद्ध कर सकते है। तेल के दियों या मोमबत्तियों को जलते हुए उपेक्षित न छोड़े, विशेष रूप से पर्दा या ज्वलनशील पदार्थों के पास कतई न छोड़ें। किसी भी तरह की चोट लगने या जलने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लें तथा उचित मार्ग दर्शन के बिना घरेलू उपचार न करें।
जिलाधिकारी ने बताया कि किसी भी आपात स्थिति में *अग्नि शमन सेवा के नम्बर 9454418819,* कलेक्ट्रेट स्थिति *जिला इमरजेन्सी कन्ट्रोल रूम के नम्बर 9170277336* तथा एम्बुलेन्स सेवा 108 अथवा पुलिस हेल्प लाइन नम्बर डॉयल 112 पर कॉल करके मदद ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अस्पतालों में डाक्टरों की उपस्थिति एवं तैयारियों के सम्बन्ध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है।

         हिन्दी संवाद न्यूज से
         संवाददाता वी. संघर्ष
             बलरामपुर। 

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