मथुरा।आजकल कथावाचक
अनिरुद्धाचार्य बिग बोस में जाने के कारण काफी चर्चा में हैं।बिग बॉस में अनिरुद्धाचार्य के जाने पर एक तरफ कुछ संगठन विरोध में हैं तो कुछ धर्माचार्य बिग बॉस में अनिरुद्धाचार्य का जानना गलत नहीं मान रहे। मथुरा के कथावाचक पंडित राजेश अग्निहोत्री और अनिरुद्धाचार्य की एक शिष्टाचार भेंट हुई। कथावाचक पंडित राजेश अग्निहोत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि संत या धर्माचार्य यदि भटके हुए लोगों के पास नहीं जाएंगे तो उनका उद्धार कैसे होगा? गुरु नानक देव उस गांव में भी गये थे जहां के लोगों ने न तो उनका सम्मान किया और न ही उनके उपदेशों को सुना, महात्मा बुद्ध के सत्संग से ही डाकू अंगुलिमाल का हृदय परिवर्तन हुआ, संतों का सानिध्य मिलने से ही लूटपाट करने वाले रत्नाकर से बाल्मीकि बने, संत तो अजामिल के यहां भी गए जबकि अजामिल का संग तो वैश्या के साथ था। फिर भी संत वहां गए और अजामिल को अपने पुत्र का नाम नारायण रखने के लिए आदेश दिया , उसने अपने पुत्र का नाम नारायण रखा और उसका उद्धार हो गया। दत्तात्रेय जी ने अपने जीवन में 24 गुरू बनाए । उनमें से एक गुरु वायु थी। वायु से शिक्षा ग्रहण की ,कि संत को बिना किसी भेदभाव के हर स्थान,शहर,और गांव में जाना चाहिए,चाहे वहां सज्जन लोगों का निवास हो या दुर्जन लोगों का। वायु बहते समय यह नहीं देखती है कि यहां दुर्गन्ध आ रही है तो हमें नहीं जाना चाहिए। वायु हर जगह बहती है दुर्गन्ध में भी और सुगंध में भी।सठ सुधरहिं सत्संगति पाई। यदि सठों को सत्संग नहीं मिलेगा तो उनको सुधरने का अवसर कैसे प्राप्त होगा। सभी की सोच अपनी अपनी होती है।आधे भरे हुए गिलास को कोई कहता है कि गिलास आधा भरा है तो कोई कहता है कि गिलास आधा खाली है। अपना अपना देखने का नजरिया है मैं किसी की टिप्पणी पर अपनी कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।
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