डॉ0 हिमांशु पाठकए महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एवं सचिव डेयरए नई दिल्ली ने किया केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थानए मखदूम का भ्रमण
केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थानए मखदूम में दिनांक 20ण्10ण्2024 को डॉ0 हिमांशु पाठकए महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एवं सचिव डेयरए नई दिल्ली का आगमन हुआ ।
माननीय महानिदेशक द्वारा जमुनापारी शेड पर स्थित नवनिर्मित बक स्टेशन का उद्घाटन किया गया उसके उपरांत संस्थान की विभिन्न बकरी एवं भेड़ परियोजनाओं का भी भ्रमण किया गया और बकरी व भेड़ की विभिन्न प्रकार की नस्लों एवं उनके रखरखाव पर चर्चा की ।
संस्थान भ्रमण के उपरांत कार्यक्रम की शुरुआत माननीय महानिदेशक की संस्थान के वैज्ञानिकगणए अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ गोष्ठी से हुयी ।
संस्थान निदेशक डॉ0 मनीष कुमार चेटली द्वारा मंच पर माननीय महानिदेशक एवं विशिष्ट अतिथि डॉ0 संजीव गुप्ताए सहायक महानिदेशकए डॉ0 पी0 के0 रायए निदेशक सरसों अनुसंधान संस्थानए भरतपुरए डॉ0 विनय भारद्वाजए निदेशक एनण्आरण्सी ऑन सीड एवं स्पाइसीए अजमेर का पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर एवं पटका पहनाकर स्वागत किया गया एवं बकरी की विश्व में तथा भारत में गरीबी उन्मूलनए आजीविका सृजन में योगदान की चर्चा की ।
संस्थान निदेशक ने संस्थान द्वारा किए जा रहे शोध कार्यों एवं प्रसार गतिविधियों के बारे सभा में उपस्थित सभी लोगों को अवगत करायाए इसके अतिरिक्त निदेशक द्वारा संस्थान में चल रही विभिन्न शोध एवं अनुसंधान परियोजनाओं जैसे वैक्सीन किटए हर्बल प्रोडक्टए तकनीकी स्थानांतरणए जीन एडिटिंग एवं कासा के उपयोग पर विस्तृत चर्चा की और किसान एवं बकरी पालकों के लिए उनके उपयोग के बारे में बताया । संस्थान द्वारा किसानों की आय को बढ़ाने के साथ.साथ अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसानों एवं महिला किसानों के विकास एवं सशक्तिकरण के लिए परियोजना एवं कार्यक्रम चलाए गये है । संस्थान ने बकरी की नई नस्लों के विकासए रोग प्रबंधनए आहार सुधार और प्रजनन तकनीकों में उल्लेखनीय प्रगति की है ।
माननीय महानिदेशक ने कहा कि वे संस्थान द्वारा किये जा रहे शोध कार्यों एवं किसानों एवं बकरी पालकों के विकास में संस्थान की भूमिका की प्रशंसा करते है । उन्होंने कहाए ष्बकरी पालन ग्रामीण क्षेत्रों के लिए आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और यह देश के आर्थिक विकास में भी योगदान देता है । उनके द्वारा संस्थान के क्।च्ैब् एवं क्।च्ैज् के अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं जनजाति व महिला किसानों के मध्य बकरी पालन को आजिविका अर्जन हेतु प्रोत्साहन के प्रयासों की प्रशंसा की । उन्होंने संस्थान के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की सराहना की और कहा कि उनकी मेहनत और समर्पण से देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बकरी पालन की तकनीकियों में सुधार हो रहा है ।
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