उतरौला बलरामपुर घर आ जा परदेशी,आधार कार्ड बनवा वैक है। नया आधार कार्ड बनवाने अथवा उसमें के त्रुटियों को दूर करने के लिए परदेश से अपना रोजी रोजगार कमाने गए परदेशी को उनकी पत्नियां रोजगार छोड़कर घर वापस आने को कहती हैं। इससे परदेशी अपना रोजगार छोड़कर घर वापस आ रहे हैं। घर आने पर दो दो महीने की तारीख आधार केंद्र पर मिलने पर परदेशी काफी निराश हैं।आधार कार्ड है तब अधिकार है। के सरकारी नीतियों के कारण आधार केंद्र पर आधार कार्ड बनवाने वालों की भारी भीड़ लग रही है।आधार केंद्र डाकघर उतरौला में केवल आधार कार्ड बनाए जाने से सुबह छः बजे से डाकघर अपना टोकन प्रतिदिन औसतन पचास लोगों को देता है। डाकघर उतरौला में आधार कार्ड बनाने वाले अरुण ने बताया कि वर्तमान समय में आगामी 21 नवम्बर 2024 तक का टोकन वितरण किया जा चुका है। आने वाले लोगों को क्रम से टोकन दिया जाता है, और उसी के अनुसार आधार कार्ड बनाने अथवा उसमें संशोधन कराया जाता है।आधार कार्ड बनवाने आई नाजमा बेगम ने बताया कि राशन कार्ड बनवाने में आधार कार्ड कोटेदार मांग रहे हैं। मेरा पति हैदराबाद मे मेहनत मजदूरी करता है। मैंने उसका अंगूठा लगवाने के लिए बीते सोमवार को घर बुला लिया है लेकिन डाकघर उतरौला में उसको 15 नवम्बर का टोकन मिला है। वह वापस अहमदाबाद जाने वाले थे लेकिन आधार कार्ड न बन पाने के कारण उन्हें रोजगार छोड़कर घर रुकना पड़ रहा है।आज हम लोग अपने छोटे छोटे बच्चों को लेकर डाकघर में टोकन लेने आए हैं। शमशुलनिशा ने बताया कि उसने आधार कार्ड में नाम व टेलीफोन नम्बर के संशोधन के लिए टोकन दो माह पहले लिया था और आज मेरा नम्बर आया है। भीड़ होने पर अभी तक मेरा फार्म नहीं भरा गया है और न ही मेरा अंगूठा लिया गया है। शान्ती देवी ने बताया कि मैं अपने तीन लड़कियों व दो लड़कों को लेकर सुबह सात बजे से टोकन के लिए बैठी हूं। अभी तक टोकन नहीं मिला है। इसी तरह राम निवास,सचित, मोहम्मद जुबेर, रसूल मोहम्मद, कमला देवी ने बताया कि डाकघर उतरौला में स्टाफ की कमी है। वहीं नगर में दूसरा केंद्र आधार कार्ड बनाने का न होने से हम सभी लोग परेशान हैं। डाकघर उतरौला अधीक्षक ने बताया कि सीमित संसाधन होने परअधिक लोगों का आधार कार्ड बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उतरौला में आधार कार्ड बनाने के केंद्र बन्द पड़े हैं।
उतरौला में डाकघर, बैंक व निजी संस्थानों पर दस आधार कार्ड बनाने के केंद्र बने हैं जिसमें से डाकघर को छोड़कर सभी केंद्र बन्द पड़े हैं। बन्द पड़े केन्द्रों के खिलाफ कोई अधिकारी जांच करके कार्रवाई नहीं कर रहा है। इससे केंद्र के संचालक निरंकुश है।
हिन्दी संवाद न्यूज़ से
असगर अली की रिपोर्ट
उतरौला बलरामपुर।
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