मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बाढ़ एवं जलभराव के दृष्टिगत आमजन, कृषि फसलों एवं पशुधन की सुरक्षा व सुविधा के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की
विगत दिनों में बाढ़, आकाशीय बिजली अथवा डूबने से हुई जन-धन हानि से पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता उपलब्ध करायी जाए : मुख्यमंत्री
बाढ़ में यदि किसी की फसल का नुकसान हुआ हो, नदी में जमीन का कटान हुआ हो और गृहस्थी का सामान बह गया हो, ऐसे सभी प्रकरणों में सहायता धनराशि 24 घण्टों में उपलब्ध करा दी जाए
राहत आयुक्त कार्यालय सहित सभी जिला प्रशासन 24x7 अलर्ट मोड में रहें, बाढ़/अतिवृष्टि की स्थिति पर सतत नजर रखी जाए
प्रभावित जिलों में एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0/पी0ए0सी0 की फ्लड यूनिट तथा आपदा प्रबन्धन टीमें 24x7 एक्टिव मोड में रहें
बाढ़ पीड़ितों को भोजन पैकेट एवं राशन सामग्री प्रत्येक दशा में समय से उपलब्ध करायी जाए
बाढ़ के दौरान जिन गांवों में जलभराव की स्थिति बन रही है, वहां पशुओं को अन्यत्र सुरक्षित स्थल पर शिफ्ट कराया जाए, पशु चारे की पर्याप्त व्यवस्था की जाए
राहत आयुक्त द्वारा प्रेषित की जा रही अर्ली वॉर्निंग अलर्ट को सम्बन्धित क्षेत्रों में आम जनता तक अनिवार्य रूप से तत्काल भेजा जाए और आपदा प्रोटोकॉल का अक्षरशः पालन किया जाए
हर एक पर्व शांति और सौहार्द के बीच सम्पन्न हों, इसके लिए स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं
लखनऊ : 15 जुलाई, 2024
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि विगत कुछ दिनों में बाढ़, आकाशीय बिजली अथवा डूबने के कारण कई स्थानों पर जन-धन की हानि की दुःखद सूचना मिली है। यह समय सहायता और संवेदना का है। पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता उपलब्ध करायी जाए। आपदा से बचाव हेतु समस्त अधिकारी आपस में बेहतर समन्वय बनाकर कार्य करें। बाढ़ पीड़ितों के साथ सभी अधिकारियों एवं कार्मिकों का शिष्टाचारपूर्ण व्यवहार होना चाहिए। बाढ़ में यदि किसी की फसल का नुकसान हुआ हो, नदी में जमीन का कटान हुआ हो और गृहस्थी का सामान बह गया हो, ऐसे सभी प्रकरणों में सहायता धनराशि 24 घण्टों में उपलब्ध करा दी जाए। कृषि फसलों का सर्वे करवा लें। सहायता राशि स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से ही वितरित कराई जाए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बाढ़ एवं जलभराव के दृष्टिगत आमजन, कृषि फसलों एवं पशुधन की सुरक्षा व सुविधा के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बाढ़ एवं जलभराव के दृष्टिगत आमजन, कृषि फसलों एवं पशुधन की सुरक्षा व सुविधा के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा कर रहे थे।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जी को बाढ़ प्रभावित जनपदों के जिलाधिकारियों ने बाढ़ की स्थानीय स्थिति और राहत एवं बचाव कार्यों के बारे में जानकारी दी। उन्हें अवगत कराया गया कि आज की स्थिति के अनुसार बाढ़ से अब तक कुल 20 जनपदों की 69 तहसीलों के 1571 गांव तथा बरेली, पीलीभीत व शाहजहांपुर के शहरी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं, जिसके कारण अब तक कुल 14.80 लाख नागरिक प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 5.29 लाख व्यक्ति ऐसे हैं, जिनकी सम्पत्तियों (कृषि, मकान, गृहस्थी का सामान एवं पशु) को क्षति पहुंची है। जल भराव के कारण प्राथमिक रूप से 3.19 लाख हेक्टेअर क्षेत्रफल प्रभावित हुआ है। सैटेलाइट से प्राप्त जलभराव डाटा के आधार पर स्थलीय टीमें बनाकर कृषि क्षति का सर्वेक्षण/पुष्टि करायी जा रही है। साथ में ड्रोन सर्वे की व्यवस्था भी की जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस वर्ष 01 जून से अब तक प्रदेश में सामान्य वर्षा 220 मि0मी0 के सापेक्ष 242.50 मि0मी0 वर्षा हुई है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आगामी 22 जुलाई तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में तेज वर्षा होने की सम्भावना है। मौसम की बदलती परिस्थितियों पर सतत नजर रखी जाए। राहत आयुक्त कार्यालय सहित सभी जिला प्रशासन 24x7 अलर्ट मोड में रहें। बाढ़/अतिवृष्टि की स्थिति पर सतत नजर रखी जाए। सभी नदियों के जलस्तर और तटबन्धों की 24x7 मॉनीटरिंग की जाए। प्रभावित जिलों में एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0/पी0ए0सी0 की फ्लड यूनिट तथा आपदा प्रबन्धन टीमें 24x7 एक्टिव मोड में रहें। आपदा प्रबन्धन मित्र, सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों की आवश्यकतानुसार सहायता ली जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को भोजन पैकेट एवं राशन सामग्री प्रत्येक दशा में समय से उपलब्ध करायी जाए। भोजन एवं खाद्यान्न की क्वालिटी और क्वांटिटी का विशेष ध्यान रखा जाए। इससे कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए। बाढ़ के दौरान जिन गांवों में जलभराव की स्थिति बन रही है, वहां आवश्यकतानुसार पशुओं को अन्यत्र सुरक्षित स्थल पर शिफ्ट कराया जाए। स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए स्थान का चयन कर लिया जाए। इन स्थलों पर पशु चारे की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में समस्त चिकित्सालयों में एण्टी स्नेक वेनम और एण्टी रैबीज इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति का इलाज सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राहत आयुक्त द्वारा प्रेषित की जा रही अर्ली वॉर्निंग अलर्ट को सम्बन्धित क्षेत्रों में आम जनता तक अनिवार्य रूप से तत्काल भेजा जाए और आपदा प्रोटोकॉल का अक्षरशः पालन किया जाए। जनपद स्तर पर विज्ञप्ति जारी की जाए। लोगों को सुरक्षा के दृष्टिगत आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
मुख्यमंत्री जी ने बाढ़ के साथ-साथ जलभराव के निदान के लिए भी ठोस प्रयास करने के निर्देश देते हुए कहा कि शहरी क्षेत्रों में भी अर्बन फ्लड की सम्भावना के दृष्टिगत नालों की साफ-सफाई करा ली जाए एवं निचले इलाकों से पानी के निकास हेतु पम्पिंग स्टेशन क्रियाशील रखें। शहरी क्षेत्रों के पम्पिंग स्टेशन के संचालन के लिए जेनसेट की भी वैकल्पिक व्यवस्था रखी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पर्व-त्योहार में आमजन को जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। धार्मिक परम्परा/आस्था को सम्मान दें, लेकिन परम्परा के विरुद्ध कोई कार्य न हो। ऐसी कोई घटना न हो, जिससे दूसरे धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हों। धार्मिक आयोजन के नाम पर अराजकता को स्वीकार नहीं किया जा सकता। अराजक तत्वों के साथ सख्ती से निपटें। हर एक पर्व शांति और सौहार्द के बीच सम्पन्न हों, इसके लिए स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जिलाधिकारी, बी0एस0ए0, ए0बी0एस0ए0 के साथ मिलकर स्थानीय शिक्षक प्रतिनिधियों से संवाद करें, उनकी समस्याओं, जिज्ञासाओं का यथोचित समाधान करें। शिक्षक प्रतिनिधियों से प्रतिवेदन प्राप्त कर मुख्यालय को प्रेषित करें। पठन-पाठन सुचारु रूप से चलता रहे, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस वर्ष 01 जून से अब तक प्रदेश में सामान्य वर्षा 220 मि0मी0 के सापेक्ष 242.50 मि0मी0 वर्षा हुई है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आगामी 22 जुलाई तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में तेज वर्षा होने की सम्भावना है। मौसम की बदलती परिस्थितियों पर सतत नजर रखी जाए। राहत आयुक्त कार्यालय सहित सभी जिला प्रशासन 24x7 अलर्ट मोड में रहें। बाढ़/अतिवृष्टि की स्थिति पर सतत नजर रखी जाए। सभी नदियों के जलस्तर और तटबन्धों की 24x7 मॉनीटरिंग की जाए। प्रभावित जिलों में एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0/पी0ए0सी0 की फ्लड यूनिट तथा आपदा प्रबन्धन टीमें 24x7 एक्टिव मोड में रहें। आपदा प्रबन्धन मित्र, सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों की आवश्यकतानुसार सहायता ली जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को भोजन पैकेट एवं राशन सामग्री प्रत्येक दशा में समय से उपलब्ध करायी जाए। भोजन एवं खाद्यान्न की क्वालिटी और क्वांटिटी का विशेष ध्यान रखा जाए। इससे कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए। बाढ़ के दौरान जिन गांवों में जलभराव की स्थिति बन रही है, वहां आवश्यकतानुसार पशुओं को अन्यत्र सुरक्षित स्थल पर शिफ्ट कराया जाए। स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए स्थान का चयन कर लिया जाए। इन स्थलों पर पशु चारे की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में समस्त चिकित्सालयों में एण्टी स्नेक वेनम और एण्टी रैबीज इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति का इलाज सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राहत आयुक्त द्वारा प्रेषित की जा रही अर्ली वॉर्निंग अलर्ट को सम्बन्धित क्षेत्रों में आम जनता तक अनिवार्य रूप से तत्काल भेजा जाए और आपदा प्रोटोकॉल का अक्षरशः पालन किया जाए। जनपद स्तर पर विज्ञप्ति जारी की जाए। लोगों को सुरक्षा के दृष्टिगत आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
मुख्यमंत्री जी ने बाढ़ के साथ-साथ जलभराव के निदान के लिए भी ठोस प्रयास करने के निर्देश देते हुए कहा कि शहरी क्षेत्रों में भी अर्बन फ्लड की सम्भावना के दृष्टिगत नालों की साफ-सफाई करा ली जाए एवं निचले इलाकों से पानी के निकास हेतु पम्पिंग स्टेशन क्रियाशील रखें। शहरी क्षेत्रों के पम्पिंग स्टेशन के संचालन के लिए जेनसेट की भी वैकल्पिक व्यवस्था रखी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पर्व-त्योहार में आमजन को जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। धार्मिक परम्परा/आस्था को सम्मान दें, लेकिन परम्परा के विरुद्ध कोई कार्य न हो। ऐसी कोई घटना न हो, जिससे दूसरे धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हों। धार्मिक आयोजन के नाम पर अराजकता को स्वीकार नहीं किया जा सकता। अराजक तत्वों के साथ सख्ती से निपटें। हर एक पर्व शांति और सौहार्द के बीच सम्पन्न हों, इसके लिए स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जिलाधिकारी, बी0एस0ए0, ए0बी0एस0ए0 के साथ मिलकर स्थानीय शिक्षक प्रतिनिधियों से संवाद करें, उनकी समस्याओं, जिज्ञासाओं का यथोचित समाधान करें। शिक्षक प्रतिनिधियों से प्रतिवेदन प्राप्त कर मुख्यालय को प्रेषित करें। पठन-पाठन सुचारु रूप से चलता रहे, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
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