सामाजिक उत्थान के विषय पर भोजपुरी फिल्म "बेटी हो तो ऐसी" लेकर आ रही हैं गुंजन पंत .!
कहते हैं कि बेटियां हमारे आसपास के परिदृश्य में अपने हुनर , अपनी काबिलियत से समाज का रुख तय करती हैं कि हमारा समाज किस तरफ जाएगा । बिन बेटियों के हमारे समाज की परिकल्पना ही अधूरी है । इसलिए आज की तारीख़ में भी हमारे समाज मे जो इज्जत और सम्मान बेटियों को हासिल है वैसा आज के बेटों और अन्य रिश्तों को मिलना थोड़ा कठिन लगता है । इसी महिला सशक्तिकरण के साथ समाजिक उत्थान और उतार चढ़ाव से परिपूर्ण कहानी पर बनी फिल्म "बेटी हो तो ऐसी" में मुख्य भूमिका निभाकर सुर्खियों में गुंजन पंत आजकल छाई हुई हैं । भोजपुरी फ़िल्म जगत में अभी तक सौ से अधिक फिल्में कर चुकी गुंजन पंत अपनी इस फ़िल्म "बेटी हो तो ऐसी" को लेकर खासी उत्साहित हैं और अपनी इस फ़िल्म के बारे में बात करते हुए कहती हैं कि इस फ़िल्म को हमारी बेटियों को भी खासकर के देखना चाहिए । इस फ़िल्म में बेटियों को सशक्त भारत की तस्वीर बनते हुए भी दिखाया गया है तो दूसरी ओर यह भी दिखाया गया है कि समाज मे बेटियों का शिक्षित होना भी कितना आवश्यक है । बिना शिक्षा के कोई भी समाज समृद्ध नहीं हो सकता। क्योंकि समृद्धि की राह में अशिक्षा बहुत बड़ी बाधक के रूप में कार्य करता है । गुंजन पंत कहती हैं कि आजकल वो जो भी फिल्में कर रही हैं उन हर फिल्मों में उनकी भूमिका अलग अलग परिदृश्य के ऊपर , अलग अलग शेड्स लिए हुए समाज के अंदर की सच्चाई को दिखाने में सहायक सिद्ध हो रही है । गुंजन पंत आजकल लगातार समाजिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्में कर रही हैं और ऐसा करके वो समाज को एक सन्देश दे रही हैं कि अतीत में वो काफी ग्लैमरस फिल्में कर चुकी हैं तो इस तरह की सशक्त भूमिका वाली फिल्में भी वो उतनी ही संजीदगी से और अपनी सम्पूर्ण अभिनय कौशल के साथ कर सकती हैं । गुंजन पंत ने फिल्म के निर्माता संदीप सिंह को बहुत बहुत धन्यवाद किया है इस तरह की बेहतरीं फिल्म बनाने के लिये ।
महिला सशक्तिकरण पर आधारित फ़िल्म बेटी हो तो ऐसी फिल्म की शूटिंग बीते दिनों उत्तरप्रदेश के जौनपुर में पूरी हो चुकी है और अभी इस फ़िल्म के पोस्ट प्रोडक्शन का काम मुम्बई में चल रहा है । इस फ़िल्म में अपनी भूमिका को लेकर बात करते हुए गुंजन पंत कहती हैं कि वो फ़िल्म में माँ बाप की पांच बेटियों में , पांच बहनों में सबसे बड़ी बहन का किरदार निभा रही हैं जिसके ऊपर कई प्रकार की जिम्मेवारियों का बोझ है । यह फ़िल्म आने वाले समय मे बताने के लिए जानी जाएगी कि लड़कियां किसी भी मायने में किसी भी पुरुष से कमतर नहीं हैं । फ़िल्म में वो शिक्षा और अशिक्षा के महत्व को बताते हुए भी नजर आने वाली हैं तो आज के इस आधुनिक युग मे समाज मे लड़कियों की वास्तविक स्थिति का समयानुकूल चित्रण भी करने की कोशिश इस फ़िल्म में की गई है । यह फ़िल्म बहुत जी जबरदस्त सन्देश हमारे समाजनको देगी । फ़िल्म जल्द ही दर्शकों के प्रदर्शन के लिए उपलब्द्ध होगी , जिसकी समय आने पर जानकारी दी जाएगी ।
B4U भोजपुरी के बैनर तले बनी फिल्म बेटी हो तो ऐसी के निर्माता हैं संदीप सिंह व नीलाभ तिवारी । फ़िल्म का लेखन किया है सत्येंद्र सिंह ने वहीं निर्देशक हैं संजीव बोहरपी , डीओपी हैं विजय मंडल । फ़िल्म बेटी हो तो ऐसी के संगीत निर्देशक हैं ओम झा, वहीं नृत्य निर्देशन किया है कानू मुखर्जी और सोनू प्रीतम ने । फ़िल्म के कला पक्ष सम्भाला है अंजनी तिवारी ने । फ़िल्म बेटी हो तो ऐसी के कलाकार हैं गुंजन पंत, श्रुति राव, डिम्पल सिंह, शिल्पी राघवानी, प्रियांशु सिंह, प्रेम दुबे, कंचन मिश्रा, गोपाल चौहान, रूपा सिंह, निशा सिंह, प्रशांत सिंह, पंकज मेहता ,आशीष यादव सहित अन्य कलाकार । यह जानकारी मुम्बई से संजय भूषण पटियाला ने दिया ।
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