भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल कुशीनगर में प्रो-पूअर योजना के तहत लगभग
18 करोड़ रूपये की लागत से श्रद्धालुओं के लिए बुनियादी सुविधायें सृजित की गयी
राज्य सरकार बौद्ध सर्किट के अंतर्गत आने वाले भगवान बुद्ध से जुड़े पर्यटन स्थलों को विश्व स्तरीय स्थापना सुविधाओं से लैस कर रही है-जयवीर सिंह
लखनऊ: 03 जुलाई, 2024
भगवान बुद्ध के अंतिम विश्राम स्थल के रूप में बौद्ध सर्किट के अंतर्गत कुशीनगर का महत्वपूर्ण स्थान है। कुशीनगर में भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों के भ्रमण के लिए बड़ी संख्या में देशी-विदेशी श्रद्धालु कुशीनगर पहुंचते हैं। इसको दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार कुशीनगर में प्रो-पूअर परियोजना के तहत लगभग 18 करोड़ रूपये की लागत से पर्यटक सुविधाओं का विकास किया है। इसका उद्देश्य अधिक से अधिक विदेशी श्रद्धालुओं को कुशीनगर आकर्षित करना है।
यह जानकारी आज यहां प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि प्रो-पुअर परियोजना का उद्देश्य न केवल पर्यटन के बुनियादी ढांचे को बढ़ाना है बल्कि रोजगार के अवसर पैदा करके स्थानीय निवासियों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को ऊपर उठाना भी है। इसी क्रम में दुनिया भर के बौद्ध तीर्थयात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य होने के नाते कुशीनगर को इस विकास परियोजना में चयनित किया गया था।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि लगभग 5.62 करोड़ रुपये से राही पथिक निवास का उच्चीकरण व पर्यटक सूचना केंद्र का कार्य कराया गया। यहां पर्यटकों को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। लगभग 28 कमरों में आकर्षक फर्नीचर के साथकृसाथ टीवी, एसी सहित अन्य उपकरण लगाए गए हैं। मुख्य प्रवेश द्वार, लाबी, रिशेप्शन हाल, रेस्टोरेंट, चहारदिवारी, कटेजेज, डारमेट्री, फव्वारा आदि का अपग्रेडेशन और रिनोवेशन कराया गया है।
श्री जयवीर सिंह ने बताया कि लगभग 6.34 करोड़ रुपये से फूड प्लाजा, टायलेट ब्लाक, पार्किंग का उच्चीकरण, रामाभार स्तूप के पास हरिण्यवती नदी पर फुट ओवरब्रिज का निर्माण कराया गया है। इसमें किचन, स्टोर, सिटिंग हाल, प्लाजा बिल्डिंग व बरामदा, शौचालय, पौधारोपण, परिक्रमा पथ विकास व लाइटिंग समेत अन्य कार्य कराए गए हैं। लगभग 5.92 करोड़ रुपये से विपश्यना उपवन का पुनरोद्धार व सौंदर्यीकरण किया गया। यहां प्रवेश द्वार, मुख्य प्रवेश द्वार से उपवन गेट तक अप्रोच रोड, पाथवे, तालाब, मेडिटेशन सेंटर, पवेलियन, विपश्यना उपवन तालाब, विपश्यना उपवन कामन मेडिटेशन सेंटर, मेडिटेशन प्लेटफार्म, फूड प्लाजा सहित अन्य कार्य कराए गए हैं।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि भगवान बुद्ध के अंतिम विश्राम स्थल के रूप में कुशीनगर का महत्व बौद्ध सर्किट में इसके महत्व को बढ़ाता है। महापरिनिर्वाण मंदिर, महापरिनिर्वाण स्तूप, रामाभार स्तूप और मठकौर तीर्थ इस पवित्र स्थल पर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए कुछ प्रमुख आकर्षण के केन्द्र हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों व पर्यटक सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि यहां आने वाले पर्यटक सुखद स्मृति लेकर लौटें।
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