विकास, सुशासन और जन कल्याण के नए मानदंड
स्थापित करेगा अरुणाचल : योगी
- अरुणाचल प्रदेश का सीएम बनने पर पेमा खांडू को
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी बधाई
- सीएम योगी ने चौना मीन को अरुणाचल का डिप्टी सीएम
बनने पर दी शुभकमनाएं
लखनऊ, 13 जून। मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने अरुणाचल प्रदेश में नवगठित सरकार में सीएम पद की शपथ लेने पर पेमा
खांडू को शुभकामनाएं दी हैं। योगी आदित्यनाथ ने अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल पर पोस्ट
करते हुए विश्वास जताया है कि अरुणाचल प्रदेश में नई सरकार समृद्धि, विकास, सुशासन
और जन कल्याण के नये मानदंड स्थापित करेगी। सीएम योगी ने अरुणाचल के मुख्यमंत्री
पेमा खांडू और उप मुख्यमंत्री चौना मीन को पदग्रहण करने की शुभकामनाएं देते हुए
कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन में दोनों नेताओं का
कार्यकाल सफल होगा और इनके नेतृत्व में राज्य समृद्धि, विकास, सुशासन
और जन कल्याण के नए मानदंड स्थापित करेगा। योगी आदित्यनाथ ने दोनों नेताओं और
अरुणाचल प्रदेश के समृद्ध भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं।
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यूपी में परिवार नियोजन के लिए सास, बेटा, बहु सम्मेलन
कराएगी योगी सरकार
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27 से शुरू होगा विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े का दूसरा चरण
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प्रमुख
सचिव चिकित्सा,
स्वास्थ्य
एवं परिवार कल्याण ने जारी किए दिशा-निर्देश
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इस
वर्ष का नारा -‘विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दंपत्ति की शान’
लखनऊ, 13 जून: जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े
का दूसरा चरण कम्युनिटी मोबिलाइजेशन 27 जून से शुरू होगा, जो 10 जुलाई
तक चलेगा। योगी सरकार जनसमुदाय को परिवार नियोजन के महत्त्व के प्रति जागरूक करने
के लिए विभिन्न गतिविधियों जैसे, सारथी वाहन और सास-बेटा- बहु सम्मलेन का आयोजन
किया जाएगा। वहीं पखवाड़े का तीसरा चरण सेवा प्रदायगी 11 से 24 जुलाई
तक मनाया जाएगा। इस दौरान सभी स्वास्थ्य
इकाईयों में परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों (बास्केट ऑफ च्वाइस) के बारे में
परामर्श दिया जाएगा और योग्य एवं इच्छुक लाभार्थियों के लिए को यह साधन उपलब्ध भी
कराए जाएंगे। बता दें कि परिवार कल्याण कार्यक्रमों को गति देने और जनसंख्या
स्थिरीकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है। जनसंख्या स्थिरीकरण के
प्रति समाज को जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष 11 जुलाई
को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। इस संबंध में प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य
एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों एवं
मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।
विकसित भारत की नई पहचान, परिवार
नियोजन हर दंपत्ति की शान
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी
जोवेल ने बताया कि जनसंख्या पखवाड़ा हर साल मनाया जाता है, जिसमें
अधिकारी से लेकर स्वास्थ्य कार्यकर्ता, समुदाय सक्रिय रूप से सहयोग करते
हैं। इसके साथ ही साथ परिवार कल्याण के कई कार्यक्रम भी चलाये जा रहे है। इन्ही सब
का परिणाम है कि प्रदेश में सकल प्रजनन दर (टीएफआर) में कमी आई है, जो हमें
राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण से स्पष्ट होती है। एनएफएचस- 5 ( 2019-20 ) के
अनुसार टीएफआर 2.4
है जबकि एनएफएचस-4 (2015-16) में यह आंकड़ा 2.7 था। इसी
क्रम में एक जून से 20 जून तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के प्रारंभिक चरण
पर काम शुरू हो गया है। इसके तहत लक्षित दंपत्तियों को प्रेरित करने, सेवा
प्रदायगी गतिविधियों को अच्छे ढंग से ज़मीन पर उतारने के लिए तैयारियां शुरू कर दी
गई हैं। इसमें सेवा प्रदाताओं का क्षमतावर्धन, परिवार
नियोजन साधनों की आपूर्ति और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय पर काम किया जा रहा
है। इस वर्ष जनसंख्या पखवाड़ा का नारा है-
‘विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दंपत्ति की शान। वही इस बार
की थीम “मां और बच्चे की सेहत के लिए गर्भधारण का सही समय और अंतर” रखी गयी है।
परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों के प्रति किया
जाएगा जागरुक
परिवार कल्याण कार्यक्रम के महाप्रबंधक डाॅ.
सूर्यांश ओझा ने बताया कि कार्यक्रम का पूरा ज़ोर समुदाय को परिवार नियोजन के
आधुनिक साधनों को अपनाने के लिए प्रेरित करने, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने और
फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजमेन्ट
इनफॉर्मेशन सिस्टम (एफपीएलएमआईएस) पोर्टल को सुदृढ़ करने पर है क्योंकि इसके द्वारा
सभी स्तरों पर परिवार नियोजन सामग्री एवं साधनों का निरीक्षण एवं प्रबंधन किया
जाता है। पखवारे के दौरान यदि कोई जनपद नवाचार करना चाहते हैं तो उनका स्वागत
है। जनपदों में परिवार कल्याण कार्यक्रम
सुचारू रूप से चलाने के लिए यह पहल की गई है कि जिन जनपदों मे परिवार नियोजन
सलाहकार (काउन्सलर) नहीं हैं। वहां पर अन्य किसी भी कार्यक्रम के सलाहकार परिवार
कल्याण काउन्सलर का भी उत्तरदायित्व निभा सकेंगे। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया
गया है।
यह है बास्केट ऑफ च्वाइस
परिवार नियोजन के अस्थायी साधन जैसे त्रैमासिक
गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा, साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली छाया, प्रसव
पश्चात इंट्रायूट्राइन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस (पीपीआईयूसीडी), गर्भपात
पश्चात इंट्रायूट्राइन कॉन्सेट्राप्टिव डिवाइस (पीएआईयूसीडी), कॉपर टी, माला-एन, आकस्मिक
गर्भनिरोधक गोली(ईसीपी) और कॉंडोम
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नदियों, झीलों, अमृत
सरोवरों के साथ ही पर्यटन और ऐतिहासिक महत्व वाले स्थलों पर मनाया जाएगा योग दिवस
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को भव्य रूप से मनाने के
लिए योगी सरकार ने तेज की तैयारी
स्थल चयन में प्राचीन सांस्कृतिक पर्यटन स्थलों, ऐतिहासिक
स्थानों को दी जाएगी प्रमुखता
पुलिस थानों, विद्यालयों
और चिकित्सालयों में भी योगाभ्यास का होगा आयोजन
प्रदेश में 15 जून से
लेकर 21
जून तक प्रत्येक जनपद में मनाया जाएगा योग सप्ताह
समस्त जनपद मुख्यालय के साथ ही तहसीलों, ब्लाकों
एवं ग्राम पंचायतों में भी मनाया जाएगा योग सप्ताह
लखनऊ, 13 जून। योगी सरकार ने आगामी 21 जून को
होने वाले दशम् अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को भव्य रूप से मनाए जाने के निर्देश दिए
हैं। इस दौरान कार्यक्रम स्थलों के चयन को लेकर भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
स्थल चयन में प्राचीन सांस्कृतिक पर्यटन स्थल, ऐतिहासिक
स्थान, नदियों, झीलों, तालाबों, अमृत
सरोवरों को प्रमुखता दी जाएगी। इसके साथ ही, पुलिस
थानों, विद्यालयों
और चिकित्सालयों में भी योगाभ्यास किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि जनमानस को
स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से प्रदेश में 15 जून से
लेकर 21
जून तक प्रत्येक जनपद में योग सप्ताह का आयोजन किया जाएगा। योग सप्ताह का आयोजन
समस्त जनपद मुख्यालय के अतिरिक्त तहसीलों, ब्लाकों
एवं ग्राम पंचायतों में भी किया जाएगा।
पीएचसी और सीएचसी में भी होगा आयोजन
योग सप्ताह को लेकर हाल ही में मुख्य सचिव की
अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में स्थलों के चयन में विशेष महत्व वाले स्थलों को
प्राथमिकता दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अनुसार सामूहिक योगाभ्यास
कार्यक्रम एवं अन्य गतिविधियों के लिए निर्धारित स्थलों में प्राचीन सांस्कृतिक
पर्यटन स्थल, ऐतिहासिक
महत्व के स्थान,
प्रमुख
नदियों, झीलों, तालाबों
के किनारे, सभी
अमृत सरोवरों एवं प्रमुख नैसर्गिक सौन्दर्य से परिपूर्ण स्थलो को चयन में प्रमुखता
दी जाएगी। जनपदों के समस्त पुलिस थानों, पुलिस लाइन, पीएसी
बटालियन, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट
गाइड एवं प्रान्तीय रक्षा दलों में भी आयोजन संपन्न कराया जाएगा। इसके अतिरिक्त
समस्त प्राथमिक विद्यालयों, माध्यमिक विद्यालयों एवं उच्चतर माध्यमिक
विद्यालयों में भी योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें
छात्रों के मध्य मिष्ठान, फल एवं शुद्ध पेयजल का वितरण किया जाएगा। यही
नहीं, आरडब्यूए
(रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक
स्वास्थ्य केंद्र, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, आयुष
चिकित्सालय,
50 शैय्या वाले एकीकृत आयुष चिकित्सालय एवं आयुष हेल्थ एंड वेलनेस
सेंटर में भी आयोजन किया जाएगा।
जन जागरूकता के लिए किया जाएगा प्रचार प्रसार
योग सप्ताह के लिए लोगों को जागरूक करने हेतु
व्यापक पैमाने पर इसके प्रचार और प्रसार पर भी जोर दिया गया है। वृहद स्तर पर
जनसामान्य की भागीदारी सुनिश्चित किए जाने के लिए योगी सरकार द्वारा विभिन्न
समाचार पत्रों,
होर्डिंग, बैनर, अन्य
सोशल मीडिया नेटवर्कों के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाएगा। सरकारी वेबसाइट एवं
जनसामान्य तथा कर्मचारियों के लिए प्रेषित होने वाले पत्रों में भी अंतर्राष्ट्रीय
योग दिवस 2024
को प्रदर्शित किया जाएगा। यही नहीं, प्रमुख हस्तियों, खिलाड़ियों, योग
गुरुओं, सांस्कृतिक
प्रतिष्ठित महानुभावों आदि के वीडियो बना कर भी जनसामान्य के बीच प्रसारित किए
जाएंगे और उन्हें इस आयोजन से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
पूरे कार्यक्रम पर 4 करोड़
रुपए का बजट प्रावधान
इस पूरे कार्यक्रम पर प्रदेश सरकार 4 करोड़
रुपए खर्च करेगी। मुख्यालय स्तर पर आयोजनों पर 1.12 करोड़
रुपए, कॉलेज
स्तर पर आयोजन पर 9.5 लाख रुपए, जनपद
स्तर पर आयोजन के लिए 2.63 करोड़ रुपए और उद्घाटन एवं समापन कार्यक्रम
पर 15
लाख रुपए खर्च किए जाने का बजट प्राविधान किया गया है। पूर्व की भांति इस बार भी
प्रत्येक जनपद में कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए जिलाधिकारी की
अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। इस समिति में मुख्य विकास अधिकारी/नगर
आयुक्त, वरिष्ठ
पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला
होम्योपैथिक अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक/बेसिक शिक्षा
अधिकारी/क्रीड़ा अधिकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि सदस्य होंगे। वहीं
क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी संयोजक सदस्य होंगे।
प्रतिदिन होंगी प्रतियोगिताएं और सेमिनार
योग सप्ताह को लेकर जो कार्यक्रम आयोजित किए जाने
हैं उसका भी विवरण दिया गया है। इसके अनुसार, 15 जून से 21 जून तक
प्रतिदिन प्रातः 6 बजे से 7 बजे तक प्रोटोकाल के अनुसार
सामूहिक योगाभ्यास कराया जाएगा। इसके अलावा 15 जून को
आयोजन का उद्घाटन होगा, जबकि 16 जून को
रंगोली प्रतियोगिता और योग के माध्यम से उच्च रक्तचाप प्रबंधन विषय पर सेमिनार का
आयो्ज होगा। 17
जून
को स्लोगन प्रतियोगिता और जीवनशैली जन्य समस्याओं में योग का महत्व विषय पर
सेमिनार होगा। 18
जून
को निबंध लेखन प्रतियोगिता के साथ ही आधुनिक जीवन शैली में महिलाओं के लिए योग का
महत्व विषय पर सेमिनार होगा। 19 जून को आशु भाषण एवं ड्राइंग प्रतियोगिता के
साथ मानसिक स्वास्थ्य पर सेमिनार होगा। इसी तरह 20 जून को
योगासन प्रदर्शन प्रतियोगिता तो 21 जून को पुरस्कार वितरण एवं समापन समारोह का
आयोजन होगा।
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प्रदेश में आबकारी और पुलिस की ताबड़तोड़ छापेमारी
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अवैध
नशे के खिलाफ जारी है योगी सरकार का एक्शन
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एक
सप्ताह में हजारों लीटर अवैध शराब जब्त और नष्ट
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प्रदेश
के सभी जिलों में चल रही आबकारी और पुलिस विभाग की ताबड़तोड़ छापेमारी
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मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ खुद थपथपा चुके हैं आबकारी और पुलिस विभाग की पीठ
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लोकसभा
चुनाव के दौरान भी प्रदेश में कहीं नहीं घटी शराब से जुड़ी कोई अप्रिय घटना
-
हर
रोज सैकड़ों लीटर अवैध शराब जब्त और नष्ट कर रहा आबकारी विभाग
लखनऊ, 13 जून। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
के दिशा-निर्देश पर प्रदेश में अवैध और जहरीली शराब के खिलाफ अभियान जारी है। आचार
संहिता समाप्त होने के एक हफ्ते के भीतर ही प्रदेश में अबतक हजारों लीटर अवैध और
जहरीली शराब को आबकारी और पुलिस विभाग द्वारा नष्ट और जब्त किया जा चुका है। हाल
ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दोनों विभागों की पीठ इस बात को लेकर
थपथपाई है कि पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान प्रदेश में कहीं भी अवैध और जहरीली
शराब से जुड़ी कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई है। दोनों विभाग की संयुक्त टीमें
प्रदेश के सभी जिलों में ताबड़तोड़ कार्रवाई के जरिए प्रतिदिन सैकड़ों लीटर अवैध
शराब को जब्त और नष्ट करने का काम कर रही हैं।
एक सप्ताह में इन जिलों में हुईं ताबड़तोड़
कार्रवाई
बीते एक हफ्ते में ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए
अमरोहा, सहारनपुर, गाजियाबाद, सीतापुर, सुल्तानपुर, ललितपुर, हापुड़, मुरादाबाद, लखीमपुर, गोंडा, एटा
अम्बेडकरनगर, सहारनपुर, बस्ती, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, झांसी, उन्नाव, बांदा, प्रयागराज, चित्रकूट, गौतमबुद्ध
नगर, फर्रुखाबाद, बदायूं, अमेठी, कुशीनगर, गोरखपुर
और बस्ती से हजारों लीटर अवैध शराब को जब्त और नष्ट किया गया है। इसके अलावा नकली
देसी-विदेशी शराब, बोतलें, नकली रैपर, नकली
क्यूआर कोड सहित पूरे के पूरे कारखानों को भी उजागर किया गया है। साथ ही अन्य
राज्यों में बिक्री के लिए अनुबंधित शराब को भी प्रदेश के विभिन्न ढाबों पर बेचने
वाले गिरोह का भी पर्दाफाश किया गया है।
अभियान जारी : बीते दो दिन में 12 जिलों
में रेड
हफ्तेभर से प्रदेश के सभी जिलों में चल रही
ताबड़तोड़ कार्रवाई में हजारों लीटर अवैध शराब को जब्त और नष्ट किया जा चुका है, वहीं बुधवार और गुरुवार पूर्वाह्न खबर लिखे जाने तक
चली अनवरत कार्रवाई में सीतापुर में 60 लीटर अवैध कच्ची शराब बरामद की
गई व 200
किलोग्राम लहन नष्ट किया गया। झाँसी में 610 लीटर
अवैध कच्ची शराब बरामद की गयी और 3800 किग्रा. लहन मौके पर नष्ट किया। यहां से 4 महिलाओं
को भी गिरफ्तार किया गया है। उन्नाव में आबकारी टीम ने 225 ली.
अवैध शराब बरामद की तथा 500 किग्रा. लहन नष्ट किया। इसके अलावा आबकारी और
पुलिस टीमों की दबिश अलीगढ़, हरदोई, कुशीनगर, गोरखपुर, सहारनपुर, मुरादाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर
और बस्ती में भी दर्ज की गई हैं।
स्वयं सीएम योगी कर चुके हैं तारीफ
प्रदेश में आबकारी विभाग द्वारा चल रही अनवरत
कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी विभाग की पीठ थपथपा चुके हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय के ऑफिशियल एक्स हैंडल के जरिए स्वयं सीएम योगी ने कहा है कि
जहरीली अथवा अवैध शराब बनाने, बेचने और खरीदने के प्रयासों पर लगातार हुई
कार्रवाइयों का ही असर है कि इसका पूरा सिंडिकेट समाप्त हो गया है। उन्होंने
विभागीय अधिकारियों को ऐसी कार्रवाइयों का क्रम लगातार जारी रखने का निर्देश दिया
है। सीएम ने इस बात के लिए भी संतोष व्यक्त करते हुए इसे सुखद बताया है कि लोकसभा
चुनाव में कहीं भी जहरीली अथवा अवैध शराब से जुड़ी अप्रिय घटनाओं की सूचना नहीं
प्राप्त हुई। प्रयास हो कि ऐसी स्थिति आगे भी बनी रहे।
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इस माह के अंत तक तैयार हो जाएगा गोरखपुर लिंक
एक्सप्रेसवे
शानदार रोड इंफ्रास्ट्रक्चर की लगातार सौगात दे रही
है योगी सरकार
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एक्सप्रेसवे
का अब तक 97
प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से कनेक्ट होगा लिंक
एक्सप्रेसवे
गोरखपुर, 13 जून। उत्तर प्रदेश में रोड
कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने पर लगातार काम कर रही योगी सरकार इस माह के अंत तक
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर आवागमन की पूर्ण सुविधा शुरू करने की तैयारी में है।
जून के पहले सप्ताह तक इस एक्सप्रेसवे का 97 प्रतिशत
काम पूरा हो चुका है। इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने से गोरखपुर क्षेत्र, पूर्वांचल
एक्सप्रेसवे के माध्यम से लखनऊ, आगरा एवं दिल्ली तक त्वरित एवं सुगम यातायात
कॉरिडोर से जुड़ जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता वाली
परियोजनाओं में से एक गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे गोरखपुर बाईपास एनएच- 27 ग्राम
जैतपुर के पास से प्रारंभ होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर जनपद आजमगढ़ के सालारपुर
में समाप्त होगा। 91.352 किमी लंबे इस एक्सप्रेसवे की कुल लागत 5876.67
करोड़ रुपये (भूमि अधिग्रहण पर व्यय समेत) है। इससे जनपद गोरखपुर, अम्बेडकरनगर, संतकबीरनगर, आजमगढ़
सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे तीव्र संपर्क तथा बेहतर
यात्रा अनुभव प्रदान करेगा। साथ ही साथ संबन्धित क्षेत्र के जनमानस को भी एक दूसरे
के और निकट लाने में मदद करेगा। यूपी एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी
की ऑफिशियल वेबसाइट पर 10 जून तक अद्यतन जानकारी के अनुसार के अनुसार
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का 97 फीसद निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। मेन
कैरिजवे में क्लियरिंग एंड ग्रबिंग का काम 100 फीसद, मिट्टी
का काम 100
फीसद पूरा कराया गया है। एक्सप्रेसवे पर कुल प्रस्तावित 341
संरचनाओं में से 337 बन चुके हैं। अन्य के निर्माण का कार्य तेजी से
कराया जा रहा है।
दो दिन पूर्व गोरखपुर के कमिश्नर अनिल ढींगरा ने
बड़ी परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में निर्माण कार्य मे तेजी लाते हुए इस माह के अंत
तक लिंक एक्सप्रेसवे का काम पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। गोरखपुर लिंक
एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल के एक बड़े क्षेत्र के लोगों को लखनऊ पहुंचने में महज
साढ़े तीन घंटे का समय लगेगा। इसके अलावा दिल्ली से लेकर आगरा तक के शानदार सफर का
आनंद लोग ले सकेंगे। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण से गोरखपुर क्षेत्र के
सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। एक्सप्रेसवे के प्रवेश नियंत्रित होने से वाहनों
के ईंधन खपत में महत्वपूर्ण बचत, समय की बचत एवं पर्यावरणीय प्रदूषण का
नियंत्रण भी संभव हो सकेगा।
इस एक्सप्रेसवे से अच्छादित क्षेत्रों के सामाजिक
एवं आर्थिक विकास के साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन
तथा उद्योगों की आय को बढ़ावा मिलेगा। एक्सप्रेसवे से अच्छादित क्षेत्रों में
स्थित विभिन्न उत्पादन इकाइयों, विकास केंद्रों तथा कृषि उत्पादन क्षेत्रों को
राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने हेतु एक इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा।
एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ योगी सरकार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी बना रही है।
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काशी, आगरा को 'स्वास्थ्य
का वरदान' जल्द, अस्पतालों
में जारी नवनिर्माण प्रक्रिया हुई तेज
-वाराणसी
में एसएसपीजी डिविजनल जिला अस्पताल तथा आगरा के एलएलडी महिला अस्पताल में नए
यूनिट्स का ईपीसी मोड पर हो रहा है निर्माण
-इन
दोनों अस्पतालों के निर्माण कार्यों की निगरानी के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट
कन्सलटेंट्स की तैनाती की प्रक्रिया की शुरू
-योगी
सरकार की मंशा के अनुरूप योजना विभाग ने शुरू की प्रक्रिया, एजेंसियों
के निर्धारण के लिए मांगे गए हैं आवेदन
-लखनऊ
के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में कोबास 201
न्यूक्लिक एसिड टेस्टिंग मशीन व फुली ऑटोमेटेड रैंडम एक्सेस वॉक-अवे सिस्टम को
क्रय करने की प्रक्रिया भी हुई शुरू
लखनऊ, 13 जून। उत्तर प्रदेश को उत्तम
प्रदेश बनाने की दिशा में कार्यरत योगी सरकार प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य का
वरदान देने की दिशा में भी निरंतर प्रयासरत है। एक ओर, योगी
सरकार प्रदेश में निवेश, अवसंरचनात्मक विकास और नागरिक सुविधाओं में
वृद्धि के लिए लगातार प्रयास कर रही है, दूसरी ओर प्रदेश में स्वास्थ्य
सेवाओं के उच्चीकरण की भी प्रक्रिया निरंतर जारी है। इस क्रम में, सीएम
योगी की मंशा के अनुरूप वाराणसी में 500 बेड युक्त मल्टी सुपर स्पेशेलिटी
चिकित्सालय (श्री शिवप्रसाद गुप्त मण्डलीय जिला चिकित्सालय-एसएसपीजी) तथा आगरा में
150
बेड वाले एलएलडी (लेडी लॉयल) जिला महिला अस्पताल के कायाकल्प व नवनिर्माण की
प्रक्रिया ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट व डिजाइन) माध्यम से जारी है।
इन दोनों ही निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए सीएम योगी के निर्देशानुसार
योजना विभाग द्वारा प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सल्टेंट्स की नियुक्ति की प्रक्रिया
शुरू कर दी गई है। दूसरी ओर, लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट
ऑफ ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन (ब्लड बैंक) में भी आधुनिक मशीनों के क्रय की प्रक्रिया
शुरू हो गई है जिससे नागरिक सुविधाओं में इजाफा होगा।
करोड़ों खर्च कर प्रक्रिया को किया जा रहा है पूर्ण
सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश में स्वास्थ्य
सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए जिस विस्तृत कार्ययोजना का निर्माण किया गया था उस
पर क्रियान्वयन शुरू हो गया है। उल्लेखनीय है कि वाराणसी में 500 बेड
युक्त मल्टी सुपर स्पेशेलिटी चिकित्सालय के अंतर्गत 5.55 एकड़
में 161
करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से इस नवनिर्माण कार्य को पूरा किया जा रहा है। ऐसे
में, योजना
विभाग द्वारा प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सलटेंट्स (पीएमसी) की नियुक्ति की प्रक्रिया
शुरू कर दी गई है। पीएमसी यूनिट की तैनाती के साथ ही 75 दिन में
आर्किटेक्चरल डिजाइन कन्सलटेंसी, 18 महीने में निर्माण कार्य तथा 36 महीने
के डिफेक्ट लाइबेलिटी समयावधि में सभी कार्यों को पूर्ण कर लिया जाएगा।
विकास कार्यों की रेगुलर मॉनिटरिंग होगी सुनिश्चित
आगरा के एलएलडी (लेडी लॉयल) जिला महिला अस्पताल में
150
बेड वाले यूनिट को 5 एकड़ क्षेत्र में 100 करोड़
रुपए से ज्यादा की लागत से विकसित किया जा रहा है। ऐसे में, पीएमसी
एजेंसी की तैनाती से यहां होने वाले विकास कार्यों की रेगुलर मॉनिटरिंग सुनिश्चित
हो सकेगी तथा 75
दिन में आर्किटेक्चरल डिजाइन कन्सलटेंसी, 18 महीने में निर्माण कार्य तथा 36 महीने
के डिफेक्ट लाइबेलिटी समयावधि में सभी कार्य पूर्ण हो सकेंगे। सभी कार्यों को
पूर्ण करने के लिए पीएमसी द्वारा डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) सौंपी जाएगी
जिसके आधार पर निर्माण कार्यों में तेजी लाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में मशीनों के
उच्चीकरण की प्रक्रिया शुरू
लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के
डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन (ब्लड बैंक) में भी आधुनिक मशीनों के क्रय की
प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस क्रम में, कोबास एस 201 सिस्टम
तथा फुली ऑटोमेटेड वॉक अवे सिस्टम के क्रय की प्रक्रिया शुरू की गई है। कोबास एस 201 सिस्टम
फुली ऑटोमेटेड न्यूक्लिक एसिड टेस्टिंग (एनएटी) इनेबल्ड होगी जबकि फुली ऑटोमेटेड
वॉक अवे सिस्टम के जरिए ग्रुपिंग टेस्ट्स का मार्ग प्रशस्त होगा। ब्लड ग्रुपिंग, क्रॉस
मैच टेस्ट, एंटीबॉडी
स्क्रीनिंग टेस्ट, रीसस ग्रुप कन्फर्मेशन (वीक डी आइडेंटिफिकेशन), डायरेक्ट
कूम्ब्स टेस्ट (डीसीटी) तथा एंटीजन एक्सटेंडेड फेनोटाइपिंग जैसी प्रक्रियाओं को
पूर्ण करने में ये मशीनें सहायक होंगी और इससे नागरिकों को उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं
मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा।
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नए आपराधिक कानूनों से यूपी को होगा सर्वाधिक लाभ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लॉ एंड ऑर्डर को
मिलेगी और मजबूती
अधिकतम लाभ के लिए सभी स्टेक होल्डर्स को जागरूक दे
चुके हैं सीएम
लखनऊ
एक जुलाई से देश में नए आपराधिक कानून लागू होंगे।
सर्वाधिक आबादी के नाते उत्तर प्रदेश में आपराधिक मुकदमों की संख्या भी सर्वाधिक
है। स्वाभाविक रूप से इसका सबसे अधिक लाभ भी उत्तर प्रदेश को मिलेगा। लॉ एंड ऑर्डर
जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सर्वोच्च प्राथमिकता है उसके लिए नए कानून बोनस
की तरह होंगे। यही वजह है कि योगी सरकार ने इनके प्रति प्रतिबद्धता जताई है। पिछले
दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नए कानून लागू करने में हुई प्रगति की
समीक्षा की। इनको लागू करने और इनसे संबंधित सभी स्टेक होल्डर्स को इनके प्रति
जागरूक करने के बाबत जरूरी निर्देश भी दिए।
बदलावों की खूबी
ये बदलाव विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की
अवधारणा के अनुरूप है। यह शरीर, सोच और आत्मा में पूरी तरह से भारतीय है। इन
बदलावों में अधिकतम सुशासन, पारदर्शिता, संवेदनशीलता, जवाबदेही, बच्चों
और महिलाओं के हित पर खासा ध्यान दिया गया है। दंड की जगह न्याय पर सारा फोकस रखा
गया है। शीघ्र न्याय मिले इसके लिए नीचे से ऊपर तक जांच और साक्ष्य के लिए
आधुनिकतम तकनीक को शामिल किया गया है। किसी भी मामले न्याय मिलने की सीमा तय होगी। छोटे मोटे मामलों के निस्तारण के
लिए पहली बार कम्यूनिटी सर्विसेज की शुरुआत की गई है। अकेले इस बदलाव से सेशन
कोर्ट में ही 40
फीसद मुकदमो का निस्तारण हो जाएगा।
कुछ महत्वपूर्ण बदलाव
🔹नए
क्रिमिनल जस्टिस में राजद्रोह का कानून खत्म कर दिया गया है। पर भारतीय संप्रभुता
का किसी भी तरह विरोध करने वालों के लिए कड़े दंड का प्रावधान किया गया है।
🔹आतंकवाद जो देश की प्रमुख
समस्याओं में से एक है उसे पहली बार साफ तौर पर परिभाषित करते हुए दंड की व्यवस्था
की गई है।
🔹इसी
तरह संगठित अपराध और मॉब लीचिंग को पहली बार परभाषित किया गया है।
🔹हाल के कुछ वर्षों में
महिलाओं के लिए चेन और मोबाइल छीनैती कानून व्यस्था
के लिए बड़ी चुनौती के रूप में उभरा है। जिस भी महिला के साथ ऐसी घटना होती है,वह शॉक्ड
रह जाती है। कभी कभी तो इस छीना झपटी में महिला को गंभीर चोट आती है। ऐसी चोट जो
जानलेवा हो सकती है या अपंगता की वजह।
इसके लिए भी पहली बार नए कानून लाए गए हैं।
🔹लालच, दबाव और
डर की वजह से गवाहों का मुकरना आम बात रही है। नए कानूनों में उनकी सुरक्षा का
पुख्ता इंतजाम किया गया है। साथ ही तकनीक के जरिए जिस तरह
🔹परिस्थितिजन्य
साक्ष्य पर जोर दिया गया है। उससे गवाह मुकर भी नहीं पाएंगे। इससे पुलिस भी पूरी
प्रक्रिया के दौरान जवाबदेह बनेगी। वह अपने अधिकारों का बेजा इस्तेमाल नहीं कर
सकेगी।
ये क्रिमिनल जस्टिस के नए युग की शुरुआत होगी
कुल मिलाकर
313
धाराओं में बदलाव किए गए हैं। जो धाराएं अप्रासंगिक हो गई थीं उनको हटा दिया गया।
कुछ में नई टाइमलाइन भी जोड़ी गई है। इन बदलावों से देश गुलामी के प्रतीकों से
मुक्त होगा। क्रिमिनल जस्टिस के लिहाज से यह एक नए युग की शुरुआत होगी। इसकी
खासियत और खूबसूरती यह होगी कि अब यह भारत द्वारा, भारतीयों
के लिए और भारतीय संसद द्वारा निर्मित कानूनों से चलेगी। यह
एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना के अनुरूप होगी।
होगी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा भी यही है।
उल्लेखनीय है कि अपनी समीक्षा में मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने कहा था ,"प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 15 अगस्त 2023 को
स्वाधीनता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से देश के सामने पंच प्रण लिए थे, इनमें से
एक प्रण था - गुलामी की सभी निशानियों को समाप्त करना। इसी प्रण को पूरा करने के
लिए संसद ने अंग्रेज़ों द्वारा बनाए गए इंडियन इन कानूनों को सुलभ,पारदर्शी
और जवाबदेह बनाने के लिए बदल दिया गया"।
अदालत के
बाबत आम आदमी की धारणा
अदालत। आम आदमी इसकी व्याख्या आइए, दीजिए और
लीजिए तारीख के रूप में भी करता है। कचहरी जाने को समय बिताने के पर्याय के रूप
में भी जाना जाता है। अक्सर कभी कोई कहीं अधिक समय बिता कर आता है तो उससे सवाल
किया जाता है कि कहां कचहरी कर रहे थे।
कुल मिलाकर यह व्याख्या आदलती प्रक्रिया और कानूनी
जटिलताओं पर करारा तंज है।
देरी से मिलने वाला न्याय नेचुरल जस्टिस के विरुद्ध
इन जटिलताओं की वजह से न्याय पाने में दशकों लग
जाते हैं। कभी कभी तो पीढियां गुजर जाती।
यह न्याय के सार्वभौमिक सिद्धांत नेचुरल जस्टिस के
खिलाफ है। नेचुरल जस्टिस का सिद्धांत यह है कि,"न्याय
होना ही नहीं चाहिए। ऐसा लगे भी कि न्याय हुआ है"। कानून की जटिलताएं ऐसा
होने नहीं देती। लिहाजा नेचुरल जस्टिस की अवधारणा मात्र अवधारणा ही रह जाती है।
देर से न्याय मिलने की सबसे बड़ी वजह कानूनों की
जटिलता
देर से
न्याय मिलने की वजहें भी हैं। दरअसल हमारे अधिकांश कानून खासकर इंडियन पैनल कोड
(आईपीसी), दंड
प्रक्रिया संहिता (सीआर पीसी) और इंडियन एविडेंस एक्ट अंग्रेजों के जमाने के हैं।
अंग्रेजों का राज भारत पर अनंत काल तक कैसे कायम रखे, इन
कानूनों का प्रमुख उद्देश्य भी यही था। स्वाभाविक रूप में इसमें दंड और भय के पहलू
अधिक थे। न्याय और सुधार के पहलू नहीं के बराबर थे।
आजादी के बाद अप्रासांगिक हो गए अंग्रेजों के जमाने
के कानून
आजादी के
बाद पूरा परिदृश्य बदल गया। न कोई राजा रहा न प्रजा। लोकतंत्र में जनता जनार्दन हो
गई। पर दंड संबंधी कानून और प्रक्रियाएं कमोबेश जस की तस रहीं। पूर्व की केंद्रीय
सरकारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
केंद्र सरकार ने क्रिमिनल जस्टिस में किया आमूल चूल
बदलाव
मोदी 02 में इस
ओर सिर्फ ध्यान ही नहीं दिया गया। बल्कि आमूल चूल परिवर्तन किया गया। मोदी 0 3 में
जुलाई 2024
से इनको लागू किया जा रहा है। अब इंडियन पेनल कोड का नया नाम होगा, "भारतीय
न्याय संहिता"। भारतीय दंड संहिता," भारतीय नागरिक सुरक्षा
संहिता" के नाम से जानी जाएगी। इसी क्रम में इंडियन एवीडेंस एक्ट की जगह
भारतीय साक्ष्य कानून लागू होगा।
ये सारे बदलाव दंड की जगह न्याय पर केंद्रित हैं।
भारतीय मूल्यों को दृष्टिगत रखते हुए संसद द्वारा पारित नए कानूनों हमारे आपराधिक
न्याय प्रणाली में व्यापक परिवर्तन करने वाले साबित होंगे।
दंड की न्याय, पारदर्शिता
और स्पीडी ट्रायल पर होगा खासा जोर
नए आपराधिक कानूनों में दंड की जगह न्याय के साथ
पारदर्शिता और स्पीडी ट्रायल के लिए इनमें तकनीक पर
खासा जोर होगा। मसलन पुख्ता जांच के लिए
हर जिले में फॉरेंसिक लैब की स्थापना का प्रयास
होगा। समय बचाने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को भी तरजीह दी जाएगी। डेटा
एनालिटिक्स, साक्ष्यों
के संकलन, ई-कोर्ट, दस्तावेजों
के डिजिटाइजेशन जैसी हर प्रक्रिया में तकनीक का उपयोग किया जाना है।इसके दृष्टिगत
आवश्यक तकनीकी बदलाव किया गया है।
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30
हजार मेगावाट से ज्यादा मांग के अनुरूप विद्युत आपूर्ति करने वाला देश का पहला
राज्य बना यूपी
12
जून को उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने प्रदेश की अधिकतम डिमान्ड 30240 मेगावाट
को पूरा किया
किसी भी दिवस की अधिकतम विद्युत खपत 653.526
मिलियन यूनिट का नया रिकार्ड भी बना
लखनऊ, 13 जून। उत्तर प्रदेश देश का पहला
राज्य है जिसने 30 हजार मेगावाट से ज्यादा मांग के अनुरूप विद्युत
आपूर्ति करने का रिकार्ड बनाया है। 12 जून को उत्तर प्रदेश पावर
कारपोरेशन ने प्रदेश की अधिकतम डिमान्ड 30240 मेगावाट को पूरा किया। इसी दिन
किसी भी दिवस की अधिकतम विद्युत खपत 653.526 मिलियन यूनिट (एमयू) का नया
रिकार्ड भी बना।
लगातार दूसरे दिन टूटा रिकॉर्ड
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन अध्यक्ष डॉ आशीष गोयल
ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं ऊर्जा मंत्री के मार्ग दर्शन और उनकी
मंशा के अनुरूप प्रदेश में पहली बार गर्मी में उपभोक्ताओं को 24 घण्टे
विद्युत आपूर्ति की जा रही है। अत्यधिक तापमान और गर्मी के कारण विद्युत मांग
प्रतिदिन नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है और विदयुत कर्मियों की कर्मठता से
आपूर्ति के रिकार्ड भी बन रहे है। 11 जून को प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक
विद्युत मांग 29,820
मेगावाट पहुंच गई थी। विद्युत खपत भी लगभग 643 एमयू
पहुंची थी। यह रिकार्ड 12 जून को
टूट गया और नया रिकार्ड बना।
मई 2024 से लगातार बन रहे नए रिकॉर्ड
गत वर्ष 24 जुलाई 2023 में
अधिकतम मांग 28,284
मेगावाट का रिकार्ड बना था। लेकिन इस बार
मई माह में ही यह रिकार्ड टूट गया जब 22 मई को 28,336 मेगावाट
तक मांग की आपूर्ति की गई। कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ आशीष कुमार गोयल ने पुनः
अधिकारियों को निर्देशित किया है कि लगातार पड़ रही भयंकर गर्मी एवं विद्युत की
मांग में हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए सावधानी बरतें। सभी कार्मिक इस चुनौतीपूर्ण
समय में पूरी लगन और मेहनत के साथ अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करें। फोन उठाएं, क्षेत्र
में पेट्रोलिंग करें तथा टोल फ्री नम्बर 1912 पर आने
वाली सूचनाओं पर तत्काल कार्यवाई करें। अध्यक्ष का कहना है कि विद्युत मांग के
अनुरूप बिजली की व्यवस्था की जा रही है। पावर कारपोरेशन ने पूर्वानुमान के अनुरूप
विद्युत उपलब्धता की व्यवस्था कर रखी है और मांग बढ़ने पर अतिरिक्त व्यवस्था भी
ससमय की जा रही है। उन्होंने बताया है कि सिस्टम की कैपेसिटी के कारण कही भी
रोसटरिंग नही हो रही हैै। लोकल फाल्ट के कारण विद्युत आपूर्ति के बाधित होने की
स्थिति में विदयुत कर्मी कम से कम समय में ठीक कर आपूर्ति बहाल करने हेतु प्रयासरत
हैं।
अधीक्षण अभियन्ता सम्भल को प्रतिकूल प्रविष्टि
गुरुवार को मुरादाबाद जोन की समीक्षा में अधीक्षण
अभियन्ता सम्भल को प्रतिकूल प्रविष्टि देने का निर्णय लिया गया। प्रदेश की विद्युत
व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए कारपोरेशन प्रबन्धन प्रतिदिन एक जोन की समीक्षा
करता है। मुरादाबाद की समीक्षा बैठक में अध्यक्ष डॉ आशीष गोयल ने एसिस्टेड बिलिंग, विद्युत राजस्व
वसूली के कार्यो की प्रगति पर गहरा असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने चेतावनी दी कि
कार्य में सुधार लाइए, अन्यथा सख्त कार्रवाई होगी।
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मुख्यमंत्री का निर्णय, खुर्जा
और बुलन्दशहर विकास प्राधिकरण को मिलाकर गठित होगा नया प्राधिकरण
खुर्जा, बुलन्दशहर और मुरादाबाद के
सुनियोजित विकास के लिए मुख्यमंत्री ने किया महायोजना पर विचार
सभी नगरों में इनर रिंग रोड का विकास करना आवश्यक, तैयार
करें कार्ययोजना: मुख्यमंत्री
सीमा विस्तार में शामिल नए गांवों को महायोजना में
आबादी के रूप में ही दर्ज करें, ग्रीन बेल्ट के रूप में नहीं: मुख्यमंत्री
नदियों, पोखरों व अन्य जलाशयों पर
अतिक्रमण स्वीकार नहीं, लखनऊ की कुकरैल नदी की तर्ज पर करें
कार्यवाही: मुख्यमंत्री
महायोजना में मेडिसिटी, स्पोर्ट्स
सिटी, एजुकेशन
सिटी, कन्वेशन
सेंटर आदि के लिए स्पष्ट क्षेत्र चिन्हित हों
जनसमस्याओं के निस्तारण में तेजी लाएं, नक्शा
पास कराने जैसी सामान्य कार्यों में अनावश्यक विलम्ब न हो: मुख्यमंत्री
● मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के
समक्ष आज एक उच्च स्तरीय बैठक में खुर्जा, बुलन्दशहर
और मुरादाबाद विकास प्राधिकरणों की जीआईएस आधारित महायोजना-2031 के
प्रस्तुतिकरण के अवलोकन किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री जी
द्वारा दिए गए प्रमुख दिशा निर्देश...
●
खुर्जा
और बुलन्दशहर दो अलग-अलग विकास प्राधिकरण के रूप में गठित हैं, जबकि
दोनों ही विकास प्राधिकारणों में आर्थिक, वाणिज्यिक, औद्योगिक, सांस्कृतिक
और सामाजिक समरूपता है। पूरा क्षेत्र एक ही जनपद बुलंदशहर के अंतर्गत आता है।
विकास के लिए दीर्घकालिक योजनाओं को बनाने और उनके सुगम क्रियान्वयन के लिए यह
आवश्यक है कि दोनों प्राधिकरणों को मिलाकर एक बड़े विकास प्राधिकरण का गठन किया
जाए। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही यथाशीघ्र पूरी कराएं।
●
खुर्जा
का सिरेमिक उद्योग देश-विदेश में विशेष पहचान रखता है। वर्ष 2021 में 23 मिलियन
यूएस डॉलर मूल्य के सिरेमिक उत्पाद निर्यात किए गए। इस सेक्टर में अभी बहुत
संभावना है। आवश्यकता है कि इससे जुड़े उद्यमियों, शिल्पियों
की अपेक्षाओं के अनुसार सुविधाओं का विस्तार किया जाए। उन्हें मार्केट उपलब्ध
कराएं। सिरेमिक हाट का निर्माण कराएं।
●
जेवर
इंटरनेशनल एयरपोर्ट खुर्जा के समीप ही है। ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट
कॉरीडोर का लाभ भी खुर्जा को मिल रहा है।यह विशेष स्थिति खुर्जा को भविष्य में
निर्यात का हब बनने में बड़ी भूमिका निभाएगा। पॉटरी उद्योग के उद्यमियों के लिए एक
नए इंडस्ट्रियल एरिया का विकास भी किया जाना चाहिए।
●
रिड्यूज, रीयूज, रिसाइकिल
की नीति के साथ सभी नगरों में सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए ठोस
कार्ययोजना होनी चाहिए। इसे महायोजना में स्थान दें। एसटीपी/सीईटीपी का निर्माण
कराएं। लैंडफिल साइट पहले से चिन्हित हो। नई तकनीक को अपनाएं।
●
मुरादाबाद
में रामगंगा नदी के किनारे अतिक्रमण की स्थिति है। ऐसी ही स्थिति काशी, सहारनपुर
आदि जनपदों में भी दे खी जा सकती है। अभी लखनऊ में कुकरैल नदी के पुनर्जीवन की
कार्यवाही हो रही है। अवैध बसावट को हटा कर उन्हें अन्यत्र पुनर्वासित कराया गया
है। इसी प्रकार,
अन्य
जिलों में भी स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप कार्यवाही की जानी चाहिए। यह सुनिश्चित
करायें कि नदी बेसिन में कोई बसावट न हो। पुराने तालाबों/पोखरों व अन्य जलाशयों को
संरक्षित करें। अतिक्रमण हो तो तत्काल हटाएं।
●
यह
सुनिश्चित किया जाए कि हर नगर की महायोजना में हरित क्षेत्र के लिए आरक्षित हो।
जहां कहीं भी ग्रीन बेल्ट है, वहां किसी भी दशा में नई कॉलोनी न बसने पाए।
●
सीमा
विस्तार में शामिल नए गांवों को महायोजना में आबादी के रूप में ही दर्ज किया जाए।
किसी भी दशा में इसे ग्रीन बेल्ट न कहा जाए। इस संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों
से संवाद कर आवश्यक कार्यवाही आगे बढ़ाई जानी चाहिए।
●
सभी
नगरों में इनर रिंग रोड का विकास करना होगा। इस इनर रिंग रोड के बगल में विभिन्न
लिंक रोड पर सुविधाएं विकसित की जानी चाहिए। नगर के अंदर के कंजेशन को दूर करने के
लिए यह आवश्यक है कि रिंग रोड के किनारे पर अलग-अलग व्यवसायिक गतिविधियों का विकास
करने के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। कहीं स्पोर्ट्स सिटी, मेड़ी
सिटी, नॉलेज
सिटी, नेचर
पार्क, आयुष
पार्क आदि का विकास किया जाना चाहिए।
●
महायोजना
में शामिल नई कॉलोनी के विकास पर ध्यान दें। वहां सड़क, सीवर, बिजली, पानी
जैसी सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता हो। महायोजना को अंतिम रूप देते
समय यह ध्यान रखें कि यदि कोई धार्मिक स्थान है तो उसे उसी रूप में दर्ज करें।
●
नगरों
में यातायात प्रबंधन एक महत्वपूर्ण विषय है। हमें इसके लिए ठोस प्रयास करने की
आवश्यकता है। सड़कों के चौड़ीकरण करते समय ड्रेनेज और यूटिलिटी डाक्ट की व्यवस्था
बेहतर ढंग से की जाए।
●
जनसमस्याओं
के निस्तारण में तेजी लाएं। नक्शा पास कराने जैसे सामान्य कार्यों में अनावश्यक
विलम्ब न हो। प्राधिकरणों में अच्छे टाउन प्लानर की तैनाती करें। अपना दायरा
बढ़ायें। आय के नए स्रोत सृजित करें।
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माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी गुरुवार को
अपने सरकारी आवास पर आवास विभाग की लम्बित महायोजनाओं के प्रस्तुतीकरण की समीक्षा
करते हुए।
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