मथुरा। कान्हा की नगरी मथुरा में पुराना सरकारी बस स्टेशन पूर्ण सुविधायुक्त और यात्रियों के लिए पर्याप्त संसाधनों से परिपूर्ण है नए बस स्टेशन के बनने के बाद से इस बस स्टेशन से हाथरस अलीगढ़ मेरठ के लिए रोडवेज बसों का संचालन होता है दूसरी तरफ दर्जन भर अनुबंधित बसें भी इस बस स्टेशन से गंतव्य के लिए जाती हैं अनुबंधित बस संचालकों के आधा दर्जन गुट बनें हुए हैं। जिनकी गुंडागर्दी से विभागीय अधिकारी और कर्मचारी भयभीत रहते हैं वही अराजकता का माहौल बना हुआ है अनुबंध बस संचालक बस के अंदर स्टेफनी (स्टोर ) में मथुरा से पूजा पाठ का और अन्य सामग्री टैक्स चोरी कर ले जाने के काम में लगे हुए हैं वहीं दूसरी जगह से मादक पदार्थों को लाने का काम इन्ही अनुबंधित बसों के माध्यम से किया जाता है।
जानकारी के अनुसार शहर के मध्य थाना कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत पुराना रोडवेज बस स्टैंड है जहां से अलीगढ़ हाथरस रूट के लिए सरकारी बसों का आवागमन होता है इन्हीं के साथ रोडवेज से अनुबंधित बसों का संचालन होता ।
अनुबंध की शर्तों के अनुसार कोई भी अनुबंधित बस का मालिक या उसका व्यक्ति बसों के संचालन में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है रोडवेज और अनुबंधित बसों के संचालन की जिम्मेदारी अधिकारी और कर्मचारियों की होती है।
मथुरा में अनुबंधित बसों के मालिकों के द्वारा अनुबंध की शर्तों के विपरीत चलते हुए अपनी बसों में सवारियों को बिठाने के लिए बाउंसर और नामित व्यक्तियों को छोड़ रखा है जो जबरदस्ती और बाहुबल के आधार पर अनुबंधित बसों में सवारियों को भरते देखे जा सकते हैं ।
इन अराजक तत्वों की वजह से रोडवेज बसों के चालक परिचालक और कर्मचारी अधिकारी भयभीत रहते हैं।
बताया जाता है अनुबंधित बसों के अनाधीकृत व्यक्ति रात 2:00 बजे से ही आकर जम जाते हैं जब के नियमानुसार सभी बसों को स्टेशन के अंदर जाकर नियत स्थान पर खड़े होकर सवारियों को भरना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं होता है जबरन स्टेशन के बाहर बगलामुखी मंदिर के सामने बसों को लगाकर उसमें सवारियों को भरा जाता है इस दौरान सवारी के साथ भी अभद्रता का व्यवहार किया जाता है पुराना बस स्टेशन पर होने वाली गैर कानूनी नियम विरुद्ध गतिविधियों को लेकर शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश परिवहन निगम से अनुबंधित बस संचालक बसों में सवारी के अलावा टैक्स चोरी कर पूजा पाठ में काम आने वाले बर्तन, मूर्तियां और मुकुट पोशाकों को ले जाया जाता है ।
दूसरी ओर बाहर से आने वाली अनुबंधित बसों में मादक पदार्थों की तस्करी का भी होना बताया जाता है रात के वक्त जिन पुलिस कर्मियों को वहां पर पिकेट के रूप में तैनात किया जाता है। उनकी भी भूमिका संदिग्ध बताई जाती है जो पुलिसिंग के अलावा अनुबंधित बस संचालकों को सहयोग की भूमिका में रहते हैं ।
जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के आला अधिकारियों को मथुरा में हो रहे गैर कानूनी और अनियमित कार्यों के लिए गंभीरता पूर्वक लेते हुए प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता है।
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