मथुरा।बलदेव|प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रथम मुख्य प्रशाशिका मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती जी का 59 व पुण्य स्मृति दिवस आध्यात्मिक ज्ञान दिवस की रूप में "प्रभु प्रिया धाम" बलदेव में मनाया गया । ब्रह्माकुमारी भावना दीदी ने मम्मा की विशेषताओं के बारे में बताया और कहा कि जब-जब संसार में दिव्यता की कमी,धर्म की ग्लानि,समाज में अन्याय, अत्याचार,भ्रष्टाचार, चरित्र में गिरावट और विश्व में अशांति के बीच पनपने लगते हैं तब तब इन समस्त बुराइयों को समाप्त करने के लिए किसी महान विभूति का जन्म होता है, इन्हीं में से एक महान विभूति थी जगदंबा सरस्वती मम्मा । इनका बचपन का नाम ओम राधे था ,इनका जन्म 1919 में अमृतसर में हुआ था । मम्मा सर्वगुणों की खान और मानवीय मूल्यों की विशेषताओं से संपन्न थी ।मम्मा ने कभी किसी को मौखिक शिक्षा नहीं दी , बल्कि अपने प्रैक्टिकल जीवन से प्रेरणा दी ।इसी से दूसरे के जीवन में परिवर्तन आ जाता था ,मामा के सामने चाहे कितना भी विरोधी, क्रोधी, विकारी, मनुष्य जाता परंतु मम्मा की पवित्रता, सौम्यता, ममता में कृपा दृष्टि पाते ही वो शांत हो जाता और मम्मा की कदमों में गिर जाता। मम्मा की सत्यता दिव्यता, व पवित्रता की शक्ति ने लाखों कन्याओं के लौकिक जीवन को अलौकिकता में परिवर्तन कर दिया और उन कन्याओं ने अपना सीमित परिवार त्याग कर विश्व को अपना परिवार स्वीकार करके विश्व की सेवा में त्याग व तपस्या द्वारा जुट गई।
स्थानीय प्रभारी ब्रह्माकुमारी आदरणीय सीमा दीदी जी ने मम्मा के बारे में बताया कि मानव समाज को मातेश्वरी जगदम्बा ने अपने जीवन के अनुभव से एक बहुत बड़ी दे न दी है।मम्मा बहुत कम बोलती थी और दूसरों को भी कम बोलने का इशारा करती थी ।अधिक बोलने से हमारी शक्ति नष्ट हो जाती है ऐसा मम्मा का कहना था इस प्रकार अपने ज्ञान ,योग ,पवित्रता के बल से विश्व की सेवा करते हुए मम्मा सरस्वती ने 24 जून 1965 को अंतिम सांस ली। और सभा में उपस्थित सभी ब्रह्मावत्सो का बहुत आभार व्यक्त किया।माउंट आबू से पधारे राजयोगी ब्रह्मकुमार कर्मवीर भाई ने भी मम्मा की विशेषताओं का वर्णन करते हुए अपने विचार प्रस्तुत किए। सभी भाई बहनों ने मामा को पुष्प अर्पित करके भावपूर्ण श्रद्धांजलि थी।साथी बहन बी के रेनू ने मम्मा की याद में एक दिव्य गीत गाया।और सभी अथितियो का तिलक व पटका से स्वागत किया।नगर (राजस्थान) से आए ब्रह्मकुमार तिलक भाई जी ने भी अपना विचार सभी के सामने रखे।
इस अवसर पर तेजवीर ,मृदुल,संजू गर्ग,गगाराम जी,नैना,वरुण कटारा,जानकी,निर्मल,मोहिनी, बेबी ,रंजन,सावित्री देवी,केसर, चंद्रवती,संजू,सीमा,आदि उपस्थित रहे।
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