*जिसने भी इस मुख्य गेट को खोलने का प्रयास किया उसकी हुई असामयिक मौत*

अम्बेडकरनगर 
उत्तर प्रदेश के अम्बेडकर नगर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर आजमगढ़ मार्ग पर जैतपुर थाना है, जिसका मेन गेट सालों से बंद पड़ा है. फरियादियों के लिए थाने में अंदर आने के लिए साइड की दीवार तोड़कर अलग से प्रवेश द्वार बनाया गया है. मुख्य गेट को बंद करने के पीछे का कारण बहुत ही अजीब बताया गया है. बताया जाता है कि एक अदृश्य शक्ति के कारण मेन गेट को हमेशा बंद रखा जाता है. अगर कोई खोल दे तो उसकी मौत हो जाती है. थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों का कहना है कि जिसने भी इस मुख्य गेट को खोलने का प्रयास किया उसकी असामयिक मौत हो गई है. स्थानीय लोगों के मुताबिक थाने में डेढ़ दशक पहले कानून व्यवस्था के लिए पीएसी की एक टुकड़ी तैनात की गई थी. रात में जब जवान अपनी-अपनी चारपाई पर सो रहे थे तभी आधी रात में जवानों की चारपाई हवा में उड़ने लगी थी. जिसके बाद सभी सिपाही दहशत में आ गए थे. इस मामले पर जनपद में पूर्व में तैनात एसपी अजीत कुमार सिन्हा के द्वारा जब वो यहां आए तो उन्होंने भी इस गेट के बंद होने की वजह जानने की कोशिश की. तो उन्हें पता लगा पूर्व में दो बार तीन बार इस गेट को खोलने का प्रयास किया गया था. जिसके बाद कुछ दुर्घटनाएं थाने के अंदर और थाने के बाहर हुई थीं.इसके बाद से पुलिसवालों के अंदर यह भ्रांती आ गई कि इस गेट को खोलने से ही ये घटनाएं हो रही हैं. थाने के अंदर एक इंस्पेक्टर साहब ने भी सुसाइड कर लिया था. जिन्होंने पहली बार गेट को खुलवाया था. उसके बाद यहां एक प्रथा शुरू हो गई है कि इस मेन गेट को बंद रखा जाता है और साइड गेट को खोला गया है. इस घटना के बाद तत्कालीन एसओ ने सुबह वहां पर एक पीपल का पेड़ लगवाया. लेकिन रात के समय वह पेड़ भी उखड़ गया. इन सब घटनाओं से थाने और आसपास के लोगों में दहशत फैल गई. तभी लोग वहां एक अदृश्य शक्ति को मानने लगे.यहां रहने वाले स्थानीय निवासी हीरालाल ने बताया कि थाने का मेन गेट खोलने की वजह से यहां कई घटनाएं हो चुकी है. दो, तीन आदमी मर चुके वहां देव स्थल है. एक बार पीएसी आई यहां आई थी. जवान जब सोए थे तो उनकी चारपाई कोई हवा में उठने लगी थी. कुछ समय बाद पता चला कि एक दारोगा रामजीत यादव का एक्सीडेंट हो गया और उनकी मौत हो गई. यहां कम से कम चार, पांच ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं तब से यह गेट बंद है.इंस्पेक्टर जाहिर खान, अनीता सरोज ने थाने के अंदर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी. इसके अलावा बब्बू लाल मिश्र नाम के पुलिसकर्मी की मौत हुई थी और एक कानूनगो भी मर गए थे. इसके बाद यहां एक देवस्थल बनाया गया. एक एसओ ने पंडितजी को पूजा पाठ के लिए बुलाया गया था. इसके बाद एक पीपल का पेड़ लगाया था. वो पेड़ खुद ब खुद कट गया था. अदृश्य शक्ति को शांत करने के लिए पूजा पाठ भी कराया गया. लेकिन कोई राहत नहीं मिली. इसके बाद थाने का मुख्य गेट बंद कर दूसरी तरफ गेट खोला गया. तत्कालीन पुलिस अधीक्षक आरके स्वर्णकार ने उस स्थान को चारों तरफ से घेरा करवा दिया था।

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