मुख्यमंत्री ने प्रदेश को एक ट्रिलियन डाॅलर की अर्थव्यवस्था
वाला राज्य बनाने के संकल्प की पूर्ति की दिशा में जारी प्रयासों,
अब तक प्राप्त परिणामों और भावी नीति पर विमर्श किया

ईज ऑफ लिविंग तथा अधिकाधिक रोजगार
सृजन की दिशा में विशेष प्रयास करने पर बल

वर्ष 2020-21 में प्रदेश की कुल जी0डी0पी0 16.45 लाख करोड़ रु0 से
बढ़कर वर्ष 2023-24 में 25.48 लाख करोड़ रु0 से अधिक हो गई: मुख्यमंत्री

राष्ट्रीय आय में उ0प्र0 9.2 प्रतिशत का योगदान कर रहा

वर्ष 2023-24 में स्थायी भाव पर प्रदेश में 08 प्रतिशत की वृद्धि
दर तथा प्रचलित भाव पर 12.8 प्रतिशत की वृद्धि दर रही,
यह स्थिति दर्शाती कि प्रदेश विकास की सही राह पर

वर्ष 2021-22 से वर्ष 2023-24 के बीच प्रदेश का
कम्पाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट लगभग 15.7 प्रतिशत दर्ज

वर्ष 2027 तक वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य पूरा करने के
लिए अगले 05 वर्षों में हमें अपनी वृद्धि दर को दोगुने से अधिक बढ़ाना होगा

अर्थव्यवस्था के प्राथमिक खण्ड में सुधार के
लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का समावेश किया गया

अर्थव्यवस्था के द्वितीयक खण्ड में 12.7 लाख करोड़ रु0
के एम0ओ0यू0 अकेले मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए हुए

नये इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना हो रही,
44 नई टाउनशिप पर कार्य प्रारम्भ हुआ

दलहन और तिलहन के उत्पादन में प्रदेश को आत्मनिर्भर
बनाने के लिए राज्य स्तरीय योजनाओं के अच्छे परिणाम मिले

वर्ष 2022 में उ0प्र0 सर्वाधिक पर्यटक आगमन वाला प्रदेश हो
गया, विगत 07 वर्षों में टूरिस्ट फुटफॉल अभूतपूर्व रूप से बढ़ा

यह टूरिस्ट फुटफॉल लोकल इकोनाॅमी को बढ़ावा देने वाला, इस पर अध्ययन कराएं

प्रदेश की बेरोजगारी दर वर्ष 2017-18 में
6.2 प्रतिशत से घटकर वर्तमान में 2.4 प्रतिशत रह गई

लखनऊ: 10 जून, 2024


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां लाल बहादुर शास्त्री भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश को एक ट्रिलियन डाॅलर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने के संकल्प की पूर्ति की दिशा में जारी प्रयासों, अब तक प्राप्त परिणामों और भावी नीति पर विमर्श किया।
मुख्यमंत्री जी ने सभी मन्त्रिगणों और वरिष्ठ अधिकारियों को ईज ऑफ लिविंग तथा अधिकाधिक रोजगार सृजन की दिशा में विशेष प्रयास करने पर बल देते हुए कहा कि देश और दुनिया की बेस्ट प्रैक्टिसेज को देखें, उनका अध्ययन करें और आवश्यकतानुसार लागू करें। विगत 07 वर्षों के नियोजित प्रयासों से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था आज सार्वकालिक सर्वश्रेष्ठ स्थिति में है। वर्ष 2020-21 में प्रदेश की कुल जी0डी0पी0 16.45 लाख करोड़ रुपये थी, जो वर्ष 2023-24 में 25.48 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। राष्ट्रीय आय में उत्तर प्रदेश 9.2 प्रतिशत का योगदान कर रहा है। उत्तर प्रदेश आज देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में देश के विकास का ग्रोथ इंजन बन रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर के राष्ट्रीय मानकों के आकलन में भी हमें अपने प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं। वर्ष 2021-22 में प्रचलित भावों पर उत्तर प्रदेश की वृद्धि दर 20.1 प्रतिशत रही, जबकि स्थायी भाव पर 9.8 प्रतिशत रही। इसी प्रकार वर्ष 2023-24 में स्थायी भाव पर प्रदेश में 08 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की गई और प्रचलित भाव पर 12.8 प्रतिशत की वृद्धि दर रही। यह स्थिति दर्शाती है कि प्रदेश विकास की सही राह पर है। हमें अपने प्रयासों को और नियोजित रीति से आगे बढ़ाना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2021-22 से वर्ष 2023-24 के बीच प्रदेश का कम्पाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (सी0ए0जी0आर0) लगभग 15.7 प्रतिशत दर्ज किया गया है। यह स्थिति उत्साहजनक है। वर्ष 2027 तक वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था (ओ0टी0डी0ई0) का लक्ष्य पूरा करने के लिए अगले 05 वर्षों में हमें अपनी वृद्धि दर को दोगुने से अधिक बढ़ाना होगा। सभी विभागों को अपने प्रयास तेज करने होंगे। बेहतर प्लानिंग करनी होंगी। हमारा लक्ष्य स्पष्ट है। सभी को मिलकर सही नीति और नियोजित क्रियान्वयन के लिए प्रयास करना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ओ0टी0डी0ई0 के लक्ष्य की पूर्ति के लिए हमें निजी और सार्वजनिक निवेश को और बढ़ाना होगा। नीतिगत सुधारों के क्रम सतत जारी रखें। यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में प्राप्त 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों में से 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं धरातल पर उतारी जा चुकी हैं। शेष एम0ओ0यू0 की समीक्षा करें, निवेशकों से संवाद करें। हमें यथाशीघ्र अगली जी0बी0सी0 की तैयारी करनी चाहिए। निवेशकों से संपर्क-संवाद का क्रम जारी रखना चाहिए। नए निवेशकों से भी संवाद करें। उन्हें प्रदेश की यू0एस0पी0 से अवगत करायें। इन्वेस्टर आउटरीच को और बेहतर करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि निवेशकों को अपनी परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भूमि की आवश्यकता होगी। सभी विकास प्राधिकरणों को अतिरिक्त प्रयास करना होगा। ऐसी भूमि जो आवंटित है लेकिन उपयोग नहीं की जा रही है, उनका चिन्हांकन करें। उनके बारे में यथोचित निर्णय लें। ‘सिक यूनिट’ की पहचान कर उनके सदुपयोग के बारे में निर्णय लें। इण्डस्ट्रियल क्लस्टर की कार्ययोजना को आगे बढ़ाया जाए। ओ0टी0डी0ई0 के लिए हर विभाग का लक्ष्य पहले से ही निर्धारित है। इसकी प्रगति की सतत समीक्षा आवश्यक है। विभागीय मंत्री व अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव के साथ नियोजन विभाग द्वारा मासिक प्रगति की समीक्षा की जाए। मुख्य सचिव स्तर पर हर सप्ताह एक सेक्टर की समीक्षा की जाए। जिला उद्योग केंद्रों को और एक्टिव करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आंकड़ों का संग्रहण शुद्धता के साथ होना आवश्यक है। विभिन्न सेक्टर की स्थिति के सही आकलन हेतु विभागवार सांख्यिकीय अधिकारियों के लिए कार्यशाला/प्रशिक्षण का आयोजन करें। डेटा जितना शुद्ध होगा, लक्ष्य के लिए हम उतना ही बेहतर प्रयास कर सकेंगे। ईज ऑफ लिविंग और रोजगार सृजन के लिए सभी को प्रयास करना होगा। यह सरकार की प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पास बहुत पोटेंशियल है। यहां विशाल लैंडबैंक, पर्याप्त जल संसाधन तथा उपजाऊ भूमि है। आज हमारे पास अनुकूल अवसर है। इसका पूरा लाभ उठाना होगा। आर्थिक बेहतरी के लिए तय लक्ष्यों के सापेक्ष सभी विभागों की प्रगति की समीक्षा होनी चाहिए। अर्थव्यवस्था के प्राथमिक खण्ड में सुधार के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का समावेश किया गया है। डिजिटल क्रॉप सर्वे जैसे प्रयास किए गए हैं। इसे सभी 75 जिलों में प्रभावी ढंग से लागू करना होगा। अनाज, फल और सब्जियों के उत्पादन की वृद्धि दर को दोगुनी तेजी देने के लिए ठोस प्रयासों की आवश्यकता है।  
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दलहन और तिलहन के उत्पादन में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य स्तरीय योजनाओं के अच्छे परिणाम मिले हैं। वर्ष 2023-24 में दलहन उत्पादन में 9.2 प्रतिशत, मूंगफली उत्पादन में 28.8 प्रतिशत और दुग्ध उत्पादन में 11.92 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। प्रदेश ने अण्डा और मत्स्य उत्पादन में भी अच्छा कार्य किया है। विभिन्न फसलों में उच्च प्रजाति की किस्मों का समावेश किया गया है। फसल विविधीकरण एवं बेहतर सप्लाई चेन मैनेजमेंट को और बेहतर करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रान्सफाॅर्म के मंत्र का अर्थव्यवस्था के द्वितीयक खण्ड में सबसे अच्छा परिणाम देखने को मिला है। अकेले 12.7 लाख करोड़ रुपये के एम0ओ0यू0 मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए हुए हैं। इण्डस्ट्रियल पावर कंजप्शन में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। नये इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना हो रही है। 44 नई टाउनशिप पर कार्य प्रारम्भ हुआ है। असंगठित क्षेत्र के सही आकलन के लिए जिला आय अनुमानों को और बेहतर ढंग से तैयार किया जाना चाहिए। औद्योगिक प्राधिकरण क्षेत्र में स्थापित इकाइयों का सर्वेक्षण तथा अप्रयुक्त प्लॉटों का चिन्हीकरण किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि होटल/रेस्टोरेंट, ट्रान्सपोर्ट, संचार, रियल एस्टेट, प्रोफेशनल सर्विस, लोक सेवा, रक्षा व अन्य सेवाओं वाले तृतीयक खण्ड में प्रदेश तेजी से तरक्की कर रहा है। पर्यटन सेक्टर से जुड़ी सेवाओं में अभूतपूर्व विकास हुआ है। पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार की वर्ष 2023 में घोषित रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश सर्वाधिक पर्यटक आगमन वाला प्रदेश हो गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं। अयोध्या, मथुरा-वृंदावन, काशी, प्रयागराज, नैमिषारण्य इसके महत्वपूर्ण केन्द्र हैं। विगत 07 वर्षों में यहां व्यापक परिवर्तन हुआ है। टूरिस्ट फुटफॉल अभूतपूर्व रूप से बढ़ा है। यह टूरिस्ट फुटफॉल लोकल इकोनाॅमी को बढ़ावा देने वाला है। इस पर अध्ययन कराएं। अगले वर्ष प्रयागराज महाकुम्भ का आयोजन है। करोड़ों लोगों का आगमन होगा। यह पूरे प्रदेश की अर्थव्यवस्था में बड़ा असर डालने वाला होगा। इस पर अध्ययन होना चाहिए। घरेलू पर्यटकों के साथ-साथ हमें विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ठोस कार्ययोजना बनानी होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2022-23 के सापेक्ष वर्ष 2023-24 में प्रदेश में पंजीकृत कुल (कॉमर्शियल) वाहनों में 36.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। देश में कुल पंजीकृत वाहनों में प्रदेश की हिस्सेदारी 12.7 प्रतिशत है। इसे और बढ़ाने के लिए नीतिगत प्रयास किया जाना चाहिए। प्रदेश की बेरोजगारी दर वर्ष 2017-18 में 6.2 प्रतिशत थी। आज यह 2.4 प्रतिशत रह गई है। इसके साथ ही, महिला श्रम बल में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। यह वर्ष 2017-18 में 13.5 प्रतिशत थी, जो वर्ष 2022-23 में 31.2 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
ज्ञातव्य है कि नियोजन विभाग द्वारा आयोजित बैठक में प्रदेश सरकार के विभिन्न मंत्रिगणों की उपस्थिति रही। बैठक में नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव और कंसल्टिंग एजेंसी डेलॉयट इण्डिया ने प्रदेश के आर्थिक परिवेश की वर्तमान स्थिति और सम्भावित भावी परिणाम, उद्योग जगत की अपेक्षाओं आदि के सम्बन्ध में सेक्टरवार विस्तार से जानकारी दी।
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