जौनपुर। चुनाव में शांति भंग का पत्रकारों से भी खतरा...?
बदलापुर, जौनपुर। चुनाव में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस के पास सबसे बड़ा हथियार निरोधात्मक कार्रवाई का है। पुलिस इसका प्रयोग सही और गलत दोनों तरह से कर रही है। अपराधियों और अराजक तत्वों को चिन्हित कर उनको मोटी रकम से पाबंद करना तो समझ में आता है, लेकिन जब स्थानीय पत्रकारों के ऊपर भी यही हथियार चलाए जाए तो बात हलक से नीचे नहीं उतरती है।
बदलापुर और महराजगंज पुलिस ने ऐसा ही कारनामा किया है। क्षेत्र के पत्रकारो को भी पाबंद कर दिया है। शांति व्यवस्था को भंग करने की आशंका को लेकर पुलिस ने अभी तक कई लोगों को नोटिस भेज दिए हैं। नोटिस भेजने की कार्रवाई जारी है। इन सभी को लाखों रुपये से पाबंद किया जा रहा है। अगर, चुनाव के दौरान इन्होंने कहीं कोई झगड़ा किया, तो इनके खिलाफ मुकदमा तो दर्ज होगा ही साथ ही साथ जितने रुपये से पाबंद किए गए हैं। उस धनराशि की वसूली भी की जाएगी। पाबंद करने से पहले पुलिस लोगों की तफ्तीश भी नहीं कर रही है। एक-दूसरे से नाम की जानकारी कर पाबंद करने की जो कार्रवाई चल रही है। इसी का नतीजा है, बदलापुर व महराजगंज पुलिस ने क्षेत्र के चार पत्रकारों को भी पाबंद कर दिया। बदलापुर क्षेत्र में ऐसे कई लोगों को पाबंद किया गया है। जिनके खिलाफ थाने में मुकदमा तक दर्ज नहीं हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे भीं व्यक्तिओ को पुलिस पाबंद कर दिया है जो रोजी-रोटी के सिलसिले मे बाहर रहते हैं। इतना ही नहीं कुछ ऐसे भी लोगों का नाम पाबंद सूची मे शामिल है जो इस दुनिया से गुजर चुके हैं। वहीं लोगों का आरोप है कि पुलिस अपने चहेते लोगों से नाम पूछ कर गांव के सम्मानित लोगों को चुनाव के बहाने एक साल के लिए पाबंद कर दे रही है। पुलिस की इस कार्य प्रणाली से क्षेत्रीय लोगों मे भारी आक्रोश देखा जा रहा है।
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