गर्भवती और बच्चों का नियमित टीकाकरण जरूरी: सीएमओ 

बलरामपुर। स्वास्थ्य विभाग व डब्ल्यूएचओ के संयुक्त तत्वावधान में नियमित टीकाकरण के लिए माइक्रोप्लान को गुणवत्तापूर्ण बनाने को लेकर सोमवार को नगर के एक होटल में कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिला स्तरीय कार्यशाला में हर गांव की सभी गर्भवती व बच्चों को नियमित टीकाकरण में माइक्रोप्लान में शामिल करने पर जोर दिया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलरामपुर डॉ मुकेश कुमार रस्तोगी  ने कहा कि गर्भवती और बच्चों का नियमित टीकाकरण जरूरी है। शून्य से दो वर्ष तक के छूटे हुए बच्चों का नियमित टीकाकरण शत-प्रतिशत कराया जाए।
कहा कि टीबी, काली खांसी, गल घोंटू, तपेदिक, दिमागी बुखार, पीलिया, पोलियो, निमोनिया, खसरा, जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण कराना बहुत जरूरी है। घर-घर जाकर सर्वे कराया जाए और ड्यूलिस्ट अपडेट किया जाए। एसएमओ डॉ सिंथू  ने कहा कि नियमित टीकाकरण से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। जन्म से लेकर पांच वर्ष तक के बच्चों में बाहरी संक्रमण का खतरा कहीं अधिक होता है। इसलिए बच्चों के जन्म पर बर्थ डोज के टीकाकरण के साथ ही डेढ़ माह, ढाई माह, साढ़े तीन माह, नौ माह पर, सोलह से चौबीस माह में और पांच वर्ष पूरा होने पर सभी टीके समय से लगवाएं। इसके अलावा दस व सोलह वर्ष की आयु पर  टीडी का टीका लगवाना जरूरी है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ अजय कुमार शुक्ला ने कहा कि नियमित टीकाकरण बच्चों को कई जानलेवा बीमारियों से बचाता है। इनमें डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, पोलियो, टीबी, हेपेटाइटिस-बी, निमोनिया, डायरिया और खसरा-रूबेला जैसी बीमारियों से बचाव के टीके शामिल हैं। गर्भवती को टिटनेस-डिप्थीरिया  का टीका लगाया जाता है। नियमित टीकाकरण बच्चों के अलावा गर्भवती को भी कई तरह की गंभीर बीमारियों से बचाता है। इस दौरान एसीएमओ डॉ अनिल कुमार चौधरी, डॉ मीनाक्षी चौधरी, डॉ नीरज , जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अरविंद मिश्रा,डीपीएम शिवेंद् मणि त्रिपाठी, यूनिसेफ के डीएमसी शिखा श्रीवास्तव सहित सभी एमओआईसी मौजूद रहे।


            हिन्दी संवाद न्यूज़ से
               वी. संघर्ष✍️
             9140451846
              बलरामपुर। 

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