नव वर्ष उत्सव 7वां दिवस सायं कालीन सत्र

संसार का उपकार करना आर्यसमाज का मुख्य उद्देश्य है

       बलरामपुर - आर्यवीर दल के तत्त्वावधान में दशदिवसीय नववर्ष स्वागत समारोह का आयोजन किया जा रहा है |


इस समारोह के सातवें दिन वैदिक विद्वान् आचार्य विष्णुमित्र वेदार्थी ने सम्बोधित किया कि संसार का उपकार करना आर्यसमाज का मुख्य उद्देश्य है | इस उद्देश्य को पूर्ण करने के लिये शारीरिक, आत्मिक व सामाजिक उन्नति करना आवश्यक होता है |


आचार्य वेदार्थी ने कहा कि शरीर , मन व आत्मिक बल को बढ़ाने का साधन ब्रह्मचर्य है | ब्रह्मचर्य से आहार पचकर शारीरिक बल बढ़ता है | इसी से मन में शुद्ध विचार उत्पन्न होकर मनोबल बढ़ता है और ब्रह्मचर्य से ही ब्रह्म की उपासना करने से आत्मा को अपना आध्यात्मिक भोजन ज्ञान प्राप्त हो जाता है | इन त्रिविध बलों की वृद्धि से परोपकार करने का सामर्थ्य प्राप्त होता है |


आर्य भजनोपदेशिका पण्डिता शशि आर्या ने  “ सदियों से जीव भटकता पर चैन कभी न आया…. दुख आया है बन्दे अब क्यों करता तू शोर…. स्वर्ग की एक झलकी दिखाएं…. जिस घर होवें ऐसे काम उसी को समझों स्वर्ग है…आदि ईश्वर भक्ति, यज्ञ महिमा व महर्षि दयानन्द गुण गौरव विषयक भजन व गीतों को प्रस्तुत किया |
इस अवसर पर अथर्ववेद के मन्त्रों से सुमंगली यज्ञ का आयोजन किया गया | वेद वेदांग गुरुकुल विद्यापीठ धनपतगंज सुल्तानपुर के ब्रह्मचारी प्रवेश आर्य और सत्यम आर्य ने वेद मंत्र पाठ किया! यज्ञ में आर्य अशोक तिवारी, वृन्दा आर्या, आर्यव्रत आर्य, मोहिनी आर्या, अरुण कुमार शुक्ला, देवव्रत, राजकुमार शुक्ल, विजय प्रताप मिश्र, स्वामी आत्मानंद ,राम फेरन मिश्रा, मदन गोपाल शास्त्री  तथा खलवा और पूरब टोला मोहल्ला की दर्जनों महिलाओं ने उपस्थित होकर   यजमान के आसन को अलंकृत किया |
आर्य वीर दल की ओर से सभी यजमानों को संध्या की पुस्तक भेंट किया गया अगले सत्र में सभी यजमानो को ओम का ध्वज भेंट किया जाएगा उक्त बातें आर्य अशोक तिवारी
प्रचार मन्त्री आर्य वीर दल उत्तर प्रदेश ने बताई।

  उमेश चंद्र तिवारी 
  9129813351 
 हिंदी संवाद न्यूज़ 
      भारत 

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