राजकुमार गुप्ता 
मथुरा।योगीराज में सक्रिय भूमाफिया बेखौफ प्राचीन एवं ऐतिहासिक कुंडो पर कब्जे कर अपने मसूबो को पूरा करने में लगे हैं शासन प्रशासन स्तर पर अवैध कब्जे के सम्बन्ध में जिम्मेदार लोगों की ओर से शिकायती पत्र देकर भूमाफियाओं  पर सख्त कार्रवाई  की मांग की गई लेकिन प्रशासन की उदासीनता अवैध कब्जेधारियों के हौसले बुलंद किए हुए हैं।
                जिला मथुरा की तहसील छाता के अंतर्गत नंदगांव के प्रसिद्ध एवं ऐतिहासिक कुंडो में कई कुंड भूमाफियाओं द्वारा किए गए अवैध कब्जे से अपना अस्तित्व  खो चुके हैं और जो बचे हैं उनको बचाया जा सकेगा, यह कह पाना मुश्किल है।
उक्त गांव में भूमाफियाओं का खौफ इस कदर हावी है कि आम आदमी अवैध कब्जों पर कुछ भी बोलने से कतराता हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर नंदगांव निवासी एक युवक ने बताया भूमाफिया द्वारा कुंडो पर अवैध कब्जा कर छाछ कुंड एवं बेल कुंड समतल करा कुंड का अस्तित्व समाप्त कर दिया है। काजल कुंड का काफी हिस्सा समतल करा दिया गया जिस पर वर्तमान में खेती हो रही है। यही नहीं पावन सरोवर में शिव मंदिर पर भी कब्जा है जिस पर ताला लगा रहता है। बताया गया है कि रघुनाथ नाम के व्यक्ति ने कुंडो पर हो रहे अवैध कब्जों को लेकर शिकायती पत्र देकर प्रशासन से कार्यवाही की मांग की थी लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की गई। बताया गया कि शिकायत कर्ता रघुनाथ अब जीवित नहीं है।
नगर पंचायत, नंदगांव के चेयरमैन प्रतिनिधि भीम चौधरी द्वारा कुंडो पर मिली जानकारी में मात्र तीन से चार कुंड ही नंदगांव में बचे हैं। भीम चौधरी ने बताया कि शास्त्रों में 56 कुंडो का वर्णन है।
भूमाफियाओं के चंगुल से बचे कुंडो में कुछ एक पर आज भी लोग स्नान करते है। बताया गया है कि कुंडो पर भूमाफियाओं द्वारा अवैध कब्जे कर खरीद-फरोख्त कर दिया गया है जिन पर लोगों ने मकान बना लिए है। कुंडो में गंदगी इस कदर है कि वहां का पानी विषैला हो चुका है यहां श्रद्धालु स्नान करने अपनी मनोकामना, बिमारी का इलाज आदि के लिए आया करते थे। यह भी बताया गया है कि शासन स्तर से कुंडो के रख-रखाओं और सौंदर्यकरण के लिए मिलने बाली धनराशि नजर नही आती है। 
प्राचीन एवं ऐतिहासिक कुंडो पर अवैध कब्जे को लेकर नगर पंचायत में कार्यरत कर्मचारी का हाथ है, ऐसी चर्चाएं हैं। वहीं समाज सेवी बलराम सोनी निवासी बरसाना कहते हैं कि कुंडो का जल्द सीमांकन किया जाए।


कुंडो पर अवैध कब्जों के सम्बन्ध में कोई शिकायती पत्र दिया गया है वह मेरे संज्ञान में नहीं है। अगर ऐसा कोई मामला संज्ञान में आता है तो आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।

एसडीएम छाता

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