राजकुमार गुप्ता 
 मथुरा। उत्तर प्रदेश पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं गौ अनुसंधान संस्थान, मथुरा में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अनिल कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता एवं मार्गदर्शन में राष्ट्रीय डेरी विज्ञान अकादमी, भारत का आठवां दीक्षांत समारोह, पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में आयोजित किया गया । जिसमें 18 फेलोज तथा 22 एसोसिएट फेलोज को प्रोफेसर श्रीवास्तव तथा अन्य पदाधिकारी द्वारा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के प्रबंध निदेशक,  मीनेश शाह रहे। श्री शाह ने अपने उद्बोधन में भारत वर्ष में दुग्ध की उत्पादकता बढ़ाने के लिए पशुओं के चुनाव, उनके प्रजनन, पोषण तथा उचित स्वास्थ्य प्रबंधन से अच्छी उत्पादकता प्राप्त करने पर चर्चा की । उन्होंने बताया कि सेक्स सॉर्टेड सीमेन के प्रयोग से अधिक से अधिक बछिया पैदा कर, अपने अच्छे पशुओं से अच्छी उत्पादकता प्राप्त कर सकते हैं। राष्ट्रीय डेयरी संघ के अध्यक्ष डॉ. आर. एस. सोढ़ी ने बताया कि किसानों के चेहरे पर खुशी, उनके दुग्ध उत्पादन का उचित मूल्य देकर लाई जा सकती है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आने के साथ-साथ उनके जीवन स्तर को भी उठाया जा सकता है । भारतीय दुग्ध उद्योग हमेशा सही सदाबहार उद्योग रहा है, जहां से दुग्ध उत्पादक अच्छी आर्थिक आय प्राप्त कर सकता है। गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने बताया कि दुधारू पशुओं के उत्पादकता बढ़ाने के लिए अच्छी प्रजाति वाली देसी नस्ल के पशुओं से कृत्रिम गर्भाधान कराकर, उच्च कोटि के अच्छी उत्पादकता वाले पुश प्राप्त कर, उनसे अधिक से अधिक दूध उत्पादन लिया जा सकता है । इस अवसर पर राष्ट्रीय डेयरी विकास अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ जी. बी. प्रजापति ने बताया कि यदि हम अधिक मात्रा में गुणवत्ता युक्त दुग्ध उत्पादन कर उसका सही से विक्रय कर पाते हैं तो वह हमारे किसानों के चेहरे पर खुशी ला सकता है। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जत नगर बरेली के कुलपति /निदेशक डॉ त्रिवेणी दत्त ने बताया कि पशुओं की अच्छी उत्पादकता और अच्छा स्वास्थ्य, पशुपालक चेहरे पर मुस्कान ला सकता है। राष्ट्रीय डेयरी विज्ञान अकादमी के महासचिव डॉ. आर.के. मलिक ने अकादमी के स्थापना तथा उसकी कार्यशैली के बारे में विस्तृत जानकारी दी । राष्ट्रीय कार्यशाला के प्रमुख वक्ता पूर्व सचिव, पशुपालन विभाग, भारत सरकार,  डॉ. तरुण श्रीधर ने बताया कि दूध की अच्छी उत्पादकता, उस क्षेत्र के विकास, स्वावलंबन तथा स्वस्थ जीवन का आधार है। इस अवसर पर सुरुचि कंसलटेंसी के श्री कुलदीप शर्मा ने पशुपालन तथा उससे पशुपालक की आय को बढ़ाकर उसके आर्थिक स्तर को सुधारते हुए, उसके परिवार को खुशियां बांटने पर चर्चा की। कार्यक्रम के आयोजन सचिव अधिष्ठाता पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय प्रो. विकास पाठक ने आगंतुकों का स्वागत एवं अभिनंदन किया। इस अवसर पर कामधेनु पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय, गांधीनगर के कुलपति डॉ.एन. एच. केलावाला, केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान, हिसार के निदेशक डॉ. टी. के. दत्ता, केंद्रीय अनुसंधान संस्थान मेरठ के निर्देशक, डॉ. अशोक कुमार मोहंती,  विश्वविद्यालय के निदेशक शोध, प्रो. विनोद कुमार, अधिष्ठाता जैव प्रौद्योगिकी विज्ञान महाविद्यालय, प्रो. रश्मि सिंह, प्रो. पंकज कुमार शुक्ला, प्रो. आर.पी. पांडे, प्रो.अजय प्रकाश, प्रो. देश दीपक सिंह, प्रो. अतुल प्रकाश, प्रो. दीपक शर्मा सहित विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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