इस नवसंवत्सर 2081 को कालयुक्त नामक संवत्सर के रूप में जाना जाएगा।श्री राम नगीना सिंह जी द्वारा छात्रो को संबोधित करते हुए बताया गया कि नव वर्ष को नव संवत्सर भी कहा जाता है और इस दिन पूजा-पाठ का विशेष महत्व माना गया है. सबसे खास बात है कि इस नव वर्ष के साथ चैत्र माह के नवरात्रि की भी शुरुआत होती है। ऐसे में नए साल के दिन सबसे पहले भगवान गणेश का पूजन किया जाता है और फिर सभी देवी-देवताओं का पूजन करने का विधान है. फिर कलश स्थापना के साथ नवरात्रि की शुरुआत की जाती है। विभागाध्यक्ष डा यशवंत सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम अपनी परंपराओं को भूल रहे हैंऔर इस कार्यक्रम का उद्देश्य यही है कि हम अपने परंपराओं को याद रखें और इस कार्यक्रम के द्वारा हिंदू नववर्ष को विधि विधान से मनाये। कार्यक्रम का संचालन बीएड प्रवक्ता मुरलीधर जायसवाल के नेतृव में किया गया। बीएड के छात्र/छात्राओं द्वारा अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जिनमें से प्रमुख कार्यक्रम मीरा दीवानी भजन आसना श्रीवास्तव द्वारा व रुबिया नरगिस द्वारा नव वर्ष के गीत प्रस्तुत किये गये । कार्यक्रम का संचालन बीएड छात्रा ज्योति रावत व संयोगिता रावत ने किया।अन्य छात्राओं ने भी अपनी प्रस्तुति दी। कार्यक्रम मे बीएड प्रवक्ता एस पी मौर्या , संजय विश्वकर्मा व अन्य शिक्षणगन उपस्थित रहे।*
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