उतरौला बलरामपुर पुरे क्षेत्र भर में नव संवत्सर विविध कार्यक्रम का आयोजन किया गया। लोगों ने विभिन्न धार्मिक स्थलों पर जाकर अपने ईष्ट देव की आराधना करने के साथ साथ बड़े बूढ़ों का आशीर्वाद भी प्राप्त किया।
आर्य समाज मंदिर पर नव वर्ष की प्रतिपदा की, और शाम को मानव कल्याण के लिए विशेष हवन यज्ञ का कार्यक्रम आयोजित किया गया। आर्य समाज का स्थापना दिवस मनाने के बाद में वक्ताओं ने नव वर्ष की महत्ता पर प्रकाश डाला। रामदेव आर्य ने कहा कि इसी दिन1,96,08,53,124 वर्ष पूर्व ईश्वर ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी। कार्यक्रम में मौजूद दिलीप आर्य ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम व महाराज युधिष्ठिर का राज्याभिषेक भी इसी दिन हुआ था। इसी दिन विक्रमादित्य ने विक्रमी संवत् प्रारंभ भी किया था। इस मौके पर सुरेश कुमार ने कहा कि आज ही के दिन 148 वर्ष पूर्व महर्षि दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज कि स्थापना की थी।
नव संवत्सर अनेक महत्वपूर्ण संदेश व ऐतिहासिकता को संजो कर प्रत्येक वर्ष चैत्र मास की शुक्ल पक्ष से शुरु होता है। सतीश चंद्र, दिनेश कुमार, महेश कुमार, अनिल कुमार, सुधांशु गुप्त, बसंत, आर्य ज्ञान प्रकाश, अरविंद कुमार, सुरेंद्र प्रताप आर्य, राम पाल आर्य, वैद्य संजय कुमार, रामकृष्ण, रामेंद्र प्रताप, रवि प्रकाश, भगौती प्रसाद, श्रवण कुमार, आदि अनेक लोग मौजूद रहे।
असगर अली
उतरौला
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