उतरौला बलरामपुर नगर के श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौराहे पर निकट संगम मार्केट कोतवाली के सामने डाक्टर शैफ हाशमी सेवा नेत्रालय हास्पिटल पर एक रोज़ा इफ्तार पार्टी का भव्य आयोजन किया गया है।
बड़ी संख्या में रोजे दारो ने रोज़ा इफ्तार की। रोज़ा इफ्तार से पहले सभी रोजेदारों ने रब की बारगाह में हाथ उठाकर दुआएं इफ्तार पढ़ा।
और तीसों रोज़ा रखने व मुल्क में अमन-चैन कायम रखने की दुआं भी मांगी। रोजे इफ्तार के समय सभी परिवारी जनो ने आए हुए रोजे दारो के खिदमत में लगे रहे। रोज़ा इफ्तार आयोजकों के द्वारा रोजा खोलने के बाद सभी रोजेदारो ने नमाज पढ़ने के लिए रजा मस्जिद में आकर नमाज अदा की। अब्दुल लतीफ हाशमी ने रोज़ा इफ्तार करने से पूर्व में कहा कि ये महीना रहमतों व बरकतों से भरपूर रमजानुल मुबारक का यह पाक महीना है, और यह अपने तीसरे अशरे पर चल रहा है। रोज़ा इफ्तार कराने से आपसी भाईचारा और मोहब्बत को कायम रखता है। आपसी भाईचारा अल्लाह को बहुत ही पसन्द है। रोज़ा इफ्तार जो भी शख्स कराता है अल्लाह तबारक व ताला उस शख्स को रोज़े के बराबर सवाब अता करता है। उसकी रोजी और बढ़ जाती है। एक खजूर या एक गिलास पानी से भी रोजा इफ्तार कराने वाले को पुरे रोजे का सवाब मिलता है, अगर किसी रोजेदार को पेट भर खाना खिलाने से जन्नत में दाखिल होने का जरिया बन जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि अल्लाह के रसूल सल्लाहो ताला अलैह वसल्लम ने फ़रमाया है कि जन्नत के दरवाजा में से एक दरवाजा का नाम रेयान है।
उसमें सिर्फ रोजदार ही जन्नत में जाएंगे। इसी लिए मुसलमानों को रोजा रखना बहुत ही जरूरी है। ताकि वह जन्नत का हकदार बन सके। रोज़ा इफ्तार के समय भारी संख्या में रोजेदार मौजूद रहे।
असगर अली
उतरौला
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