प्रदेश में गर्मी और लू से बचाव हेतु उ0प्र0 राज्य आपदा प्रबन्धन

प्राधिकरण द्वारा जारी किये दिशा/निर्देश

 

 लखनऊ: 24 अप्रैल2024

 

जलवायु परिवर्तन के कारण पूरे देश में गर्मी की तीव्रता बढ़ी है। प्रदेश में गर्मी दस्तक दे चुकी है। मार्च के अन्तिम सप्ताह में पिछले वर्ष के सापेक्ष 02 से 03 डिग्री तापमान अधिक रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार माह अप्रैल से जून के मध्य सामान्य से अधिक तापमान रहने की आशंका है। देश में सात चरणों में हो रहे आम चुनाव के दौरान गर्मी का प्रकोप रहेगा। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माउपाध्यक्ष लेजनरल योगेन्द्र डिमरीपी0वी0एस0एम0] 0वी0एस0एम0] वी0एस0एम0( (से.नि.) ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा माह मार्च में ही उ0प्रस्टेट हीटवेव एक्शन प्लान-2024 तैयार कर समस्त विभागों एवं जनपदों को उपलब्ध करा दिया गया हैजिसमें लू से बचाव हेतु विभागवार जिम्मेदारियाँ निर्धारित की गई हैं। प्रदेश के समस्त जनपदों के द्वारा भी जिला हीटवेव एक्शन प्लान तैयार कर लिया गया है और जनपद स्तर पर हीटवेव से बचाव हेतु निरंतर एडवाइजरी जारी की जा रही है। उन्होने बताया कि प्राधिकरण द्वारा हीटवेव से बचाव हेतु विभिन्न प्रकार के पोस्टर मण्डलतहसीलब्लाक एवं ग्राम पंचायत स्तर तक वितरण हेतु उपलब्ध कराये गये है।

 उपाध्यक्ष श्री डिमरी ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि कड़ी धूप मेंविशेषकर 12 बजे से 03 बजे तकअनावश्यक बाहर न निकलें, प्यास न लगने पर भी बार-बार पानी पियें, हल्के रंग के ढीले सूती कपडे़ पहनें, धूप से बचने के लिए गमछा, टोपी, छाता, धूप का चश्मा का इस्तेमाल करें। यात्रा के दौरान साथ में पानी अवश्य रखें,यदि बाहर जाना आवश्यक है तो गीले कपड़े को अपने सिर और गर्दन पर रखें,घर मे बना पेय पदार्थ जैसे-लस्सीनमक-चीनी का घोल, नीबू का पानी, छाछ इत्यादि का प्रयोग करें, खाना बनाते समय खिड़कियाँ खुली रखें। शराब, काफी जैसे पेय पदार्थों का सेवन न करें। धूप में खडे़ वाहनो में बच्चों एवं पालतू जानवरों को न छोडे़ं, स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान को सुने और तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहें।

लू तापमान जानलेवा हो सकता है, इससे बचाव ही उपचार है।

बढ़ते तापमान व लू-प्रकोप के दृष्टिगत मतदाताओं से अपील

लू प्रकोप एवं गर्म हवा

लू से जन-हानि भी हो सकती है। इसके असर को कम करने के लिए और लू से होने वाली मौत की रोकथाम के लिए प्रदेशवासी सावधानियों बरतें -

कड़ी धूप में बाहर न निकलेंखासकर दोपहर 12:00 बजे से 3:00 बजे तक के बीच में।

जितनी बार हो सके पानी पियेंप्यास न लगे तो भी पानी पियें।

हल्के रंग के ढीले ढाले सूती कपड़े पहनें। धूप से बचने के लिए गमछाटोपीछाताधूप का चश्माजूते और चप्पल का इस्तेमाल करें।

यात्रा करते समय अपने साथ पानी रखें।

अगर आपका काम बाहर का है तोटोपीगमछा या छाते का इस्तेमाल जरूर करें और गीले कपड़े को अपने चेहरेसिर और गर्दन पर रखें।

अगर आपकी तबियत ठीक न लगे या चक्कर आए तो तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें।

घर में बना पेय पदार्थ जैसे कि लस्सीनमक चीनी का घोलनींबू पानीछांछआम का पना इत्यादि का सेवन करें।

जानवरों को छांव में रखें और उन्हे खूब पानी पीने को दें।

अपने घर को ठंड़ा रखेंपर्देशटर आदि का इस्तेमाल करें। रात में खिड़कियाँ खुली रखें।

शराबचायकॉफी जैसे पेय पदार्थों का इस्तेमाल न करें।

क्या करें : क्या न करें :

धूप में खड़े वाहनों में बच्चों एवं पालतू जानवरों को न छोड़ें।

खाना बनाते समय कमरे के दरवाजे के खिड़की एवं दरवाजे खुलें रखें जिससे हवा का आना जाना बना रहे।

नशीले पदार्थशराब तथा अल्कोहल के सेवन से बचें।

उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचें। बासी भोजन न करें।

खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एल्युमीनियम पन्नीगत्ते इत्यादि से ढक कर रखें,

ताकि बाहर की गर्मी को अन्दर आने से रोका जा सके।

उन खिड़कियों व दरवाजों पर जिनसे दोपहर के समय गर्म हवाएँ आती हैकाले पर्दे लगाकर रखना चाहिए

स्थानीय मौसम के पूर्वनुमान को सुनें और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहें।

आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें।

बच्चों व पालतू जानवरों को कभी भी बंद वाहन में अकेला न छोड़ें।

जहाँ तक संभव हो घर में ही रहें तथा सूर्य के सम्पर्क से बचें।

सूर्य के ताप से बचने के लिए जहाँ तक संभव हो घर की निचली मंजिल पर रहें। संतुलितहल्का व नियमित भोजन करें।

घर से बाहर अपने शरीर व सिर को कपड़े या टोपी से ढक कर रखें।

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