मथुरा कोसीकलां। भक्त प्रह्लाद के होलिका की धधकती आग से सकुशल बच निकलने के पौराणिक घटनाक्रम के साक्षी बनने के लिए प्रहलाद नगरी गांव फालैन में देश-विदेश के श्रद्धालु- पर्यटकों उमड़ पड़े | यहां सोमवार को भोर की किरण में तड़के 4 से 4.30 बजे के बीच मोनू पंडा पांचवीं बार विशालकाय होलिका की दहकती आग से निकला
रविवार को सुबह से ही प्रहलाद कुंड मेला स्थल के पास धमार गायन शुरू कर दिया गया | पांचों गावों की सरदारी ने अपने-अपने घरों से कन्डा, गुलरी मालाओं से होलिका को विशाल रूप दे दिया। । यहां करीब 14 बाई 30 फुट व्यास की होलिका स्थापित की गयी है। मेला कमेटी पदाधिकारियों ने बताया कि रविवार दोपहर से ही पंडा अपने जप पर बैठ गया। सायं करीब पांच बजे से ही श्रद्धालुओं का गांव में रेला उमड़ने लगा | बाहर से आए कलाकारों द्वारा धमार गायन शुरू कर दिया गया। देर रात ही फालैन, सुपाना, राजागढ़ी, वरचावली, नगला आदि पांच गांव के लोगों ने आकर पूजा की और गांव में निकलने वाले पंडा के सामने रौद्र रूप न धारण करने की प्रार्थना करते हैं | रात ढलते ही पंडा ने नगाड़ा, ढोलक, मजीरा आदि के साथ गाते-बजाते पांचों गावों के नर-नारियों के साथ भक्त प्रहलाद मंदिर की परिक्रमा की और लग्न अनुसार पंडा के संकेत के अनुसार दीपक जलाया गया, जिस पर पंडा समय-समय पर अपना हाथ रखता रहा | जब तक अग्नि में गर्माहट रहेगी पंडा जप में लीन रहेगा और जब दीपक की लौ शीतलता धारण की तब होलिका में अग्नि प्रवेश करने का संकेत पंडा द्वारा दिये जाने के बाद अग्नि प्रज्जवलित की गई | गांव फालैन में होने वाले लक्खी पंडा मेला में प्रशासन द्वारा चाक-चौबन्द व्यवस्था की गयी है
पंडा के बदन पर मात्र एक सफेद लंगोटी और सिर पर एक सफेद कपड़े की चीर वहीं शरीर पर भी एक सफेद कपड़े की चादर व हाथ में भक्त प्रहलाद द्वारा दी गयी माला उसी के सहारे मोनू पंडा प्रहलाद जी का जाप करते हुए कुछ कदमों में होलिका को लांघ कर अपने परिजनों की गोद में प्रवेश किया | गांव में श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है | उप जिलाधिकारी छाता स्वेता सिंह, क्षेत्राधिकारी छाता व प्रभारी निरीक्षक अजीत सिंह ने बताया कि गोपाल बाग तिराहे पर चार ट्रैफिक पुलिसकर्मी व मेले में एसपी ग्रामीण त्रिगुण विसेन के नेतृत्व में 8 इंस्पेक्टर, 30 उपनिरीक्षक, 30 हेड कॉस्टेबल, 40 कॉस्टेबल, 18 महिला पुलिस, 1 प्लाटून पीएसी, 2 क्यूआरटी, 1 फायर बिग्रेड, सहित सिविल वर्दी में 1 दर्जन पुलिस कर्मी सहित उक्त सभी अधिकारी स्वयं मेले की सुरक्षा की कमान सभांलें हुए थे | इसके अलावा एक गुंडा दमनदल भी गठित किया गया है, जिसमें 10 जवान गुंडागर्दी कर रहे लोगों पर नजर बनाकर उन्हें उनके अंजाम तक पहुंचाने का कार्य किया |
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