मंगलवार शाम को लालगंज में प्रतिष्ठित व्यवसाई के आवास पर डाक्टर इकबाल, इंजीनियर अशफाक, व्यापारी बबलू के द्वारा रोजा इफ्तार का आयोजन किया गया है। इनके यहां बड़ी संख्या में रोजेदारों ने इफ्तार में शिरकत कर रोज़ा इफ्तार किया। रोजा इफ्तारी से पहले सभी रोजेदारों ने रब की बारगाह में हाथ उठाकर दुआ ए इफ्तार पढ़ा तीसों रोज़ा रखने के लिए व मुल्क में अमन चैन,खुशहाली की दुआएं मांगी।
मगरिब की अजान सुनते ही सभी रोजेदारों ने एक साथ रोजाइफ्तार कियाअमन,औन सहित सभी परिवारीजन रोजेदारों की खिदमत में लगे रहे।रोजा इफ्तार आयोजकों के द्वारा रोजेदारों को रोजा इफ्तार करने के बाद नमाज भी अदा करने का विशेष इंतजाम किया गया था। अल जामियातुल गौसिया अरबी कालेज के मुफ्ती मसीहुद्दीन हशमति ने इमामत करते हुए मगरिब की नमाज अदा कराई। प्रतिष्ठित व्यवसाई डाक्टर इकबाल ने कहा कि रहमतों व बरकतों से भरपूररमजान-उल-मुबारक का यह पाक महीना अपने दूसरे अशरे में चल रहा है। रोज़ा इफ्तार के आयोजन से आपसी भाईचारा और मोहब्बत भी बढ़ता है। आपसी भाईचारा अल्लाह को बहुत पसंद हैं।रोज़ा इफ्तार मेंमौजूद उलेमाओं ने कहा कि
जो शख्स रोजेदार का इफ्तार कराता है अल्लाह तबारक व ताला उस शख्स को रोजेदार के बराबर सवाब अता करता है। उसकी रोजी भी बढ़ा दी जाती है। एक खजूर या एक गिलास पानी से भी इफ्तार कराने वाले को फुल रोजा का सवाब मिलता है। किसी रोजेदार को पेट भरकर खिलाना जन्नत में दाखिल होने का जरिया बना जाता है।उन्होंने यह भी कहा कि अल्लाह के रसूल सल्लहोअलैहे व सल्लम ने फरमाया है कि जन्नत के दरवाजों में से एक दरवाजे का नाम रेयान है। उससे सिर्फ रोजदार ही जन्नत में दाखिल किए जाएंगे। इसलिए मुसलमानों को रोजा रखना चाहिए।
ताकि वे जन्नत के हकदार बन सकें। इस मौके पर मौलाना बैतुल्लाह,कारी वसीम, कारी मैनुद्दीन, मौलाना अदहम, मौलाना रेहान रजा, मेराज शाह, रिजवान शाह, मोहम्मद फिरोज, हामिद अली, नब्बू, बब्बू, सैफ अली शाह, अकरामुद्दीन, गयासुद्दीन, मोहम्मद आजम, शाहिद रज़ा सहित भारी संख्या में रोजेदार मौजूद रहे।
असगर अली
उतरौला
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