ऑनलाइन शापि बाजार के मायाजाल ने स्थानीय बाजारो की चाल को बिगाड़ कर रख दी है। पहले भारत के मेट्रो शहरों,फिर महानगरों और अब ग्रामीण इलाकों में खुद की जड़े मजबूत कर रहे हैं। ऑनलाइन शापिग के बढ़ते क्रेज ने स्थानीय खुदरा व्यापारियों की कमर तोड़ कर रख दी है।जी एस टी के जंजाल पिछले कई सालों से फल-फूल रहे हैं। ऑनलाइन शापिग कारोबार से भले ही ग्राहक संतुष्ट हो रहे हों, लेकिन इसने रिटेल बाजार को काफी प्रभावित किया है। बाजार में लाखों करोड़ों का इन्वेस्टमेंट करके बैठे दुकानदारों की स्थिति यह है कि कई को खर्चे निकालना मुश्किल हो रहा है। फेस्टिव सीजन में लोगों को बाजार के उठने की उम्मीद है, लेकिन अमेजन,फ्लिपकार्ट, मिंत्रा सहित अन्य कई कंपनियों की ओर से मोबाइल, इलेक्ट्रानिक्स, कॉस्मेटिक,गैजेट्स, गारमेंट्स व जूतों सहित अन्य कई चीजों पर लुभावने आफरों की चकाचौंध से खुदरा दुकानदारों की दीवाली काली न हो जाए। सबको यही डर सता रहा है। *इस समय सस्ता सामान लुभा रहा ग्राहकों को*
लोगों के मन में एक धारणा सी बैठ गई है कि बाजार में मिलने वाले सामान की अपेक्षा ऑनलाइन मिलने वाले सामान पर ज्यादा डिस्काउंट मिलता है। प्रतिस्पर्धा के चक्कर में ऑनलाइन कपंनियां ग्राहकों को 50 से 70 फीसदी तक की छूट भी देती हैं। इससे ग्राहकों का सुझाव ऑनलाइन बाजार की तरफ बढ़ता जा रहा है। हालांकि कई बार ग्राहक ऑनलाइन शापिग में ठगी का शिकार भी होते रहे, और घटिया उत्पादों की आपूर्ति से कई ग्राहकों का मन भी टूटा है। *सब कुछ मिलता है सिर्फ एक क्लिक पर* घर-घर में इंटरनेट की पहुंच के बाद लोगों के हाथों में मौजूद स्मार्ट फोन की एप्लिकेशन स्टोरेज में मौजूद फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे एप्स में मात्र एक क्लिक में ही कपड़ा, जूता, मोबाइल, टी वी, फ्रिज, फर्नीचर यहां तक की हवन सामग्री सहित सब कुछ घर की दहलीज पर उपलब्ध हो जा रहा है। बाजार में धक्के खाने के झंझट से मुक्ति का एहसास करते हुए युवक,युवतियों, महिला ग्राहकों को यह खरीदारी काफी लुभावनी लगती है। ग्राहकों के इसी व्यवहार को कैश कराने की मंशा से कंपनियां भी लगातार कुछ न कुछ नए ऑफर रोज देती रहती हैं।
*क्या कहते हैं स्थानीय व्यापारी*
ऑनलाइन शापिग से बाजार पर काफी प्रतिकूल असर पड़ा है। सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए कि यदि ऐसा चलता रहा तो खुदरा व्यापारी क्या करेंगे।ऑनलाइन शापिग की एक सीमा तय होनी चाहिए।
*मजीद बाबा,रेडीमेड व्यवसायी का क्या कहना है।*
ऑनलाइन बाजार से बाजार में ग्राहकों की कमी आई है। पिछले कई सालों में दुकानदारी घटी है। त्योहारी सीजन में अच्छे व्यापार की आस में सामानों का स्टाक करते हैं और ऑनलाइन की कंपनियों के बड़े बड़े लुभावने वाले प्रचारों के चलते दुकानदारी पर सीधा असर पड़ रहा है।
*गुलफाम,बिसातवाला व्यवसायी ने क्या कहा।*
ऑनलाइन शापिग का सबसे ज्यादा असर मोबाइल मार्केट पर हुआ है। पहले की तुलना में अब युवा ग्राहक अधिकतर ऑनलाइन ही मोबाइल मंगा रहे हैं। ऐसे में दुकानदारों को काफी नुकसान हो रहा है।
*शाहिद रज़ा, मोबाइल शाप के दुकानदार ने क्या कहा।*
ऑनलाइन से व्यापार में फुटकर व्यापारियों के लिए नासूर जैसे काम कर रहा है। व्यापार लगातार प्रभावित हो रहा है।और खुदरा व्यापारियों को अपने खर्चे को निकालने के लिए सोचना पड़ रहा है। *फैज अहमद फुट वियर व्यवसायी ने कहा कि*
सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में खुदरा व्यापार के बारे में सोचना चाहिए। एक तरफ ऑनलाइन बाजार का दायरा बढ़ता जा रहा है। दूसरी तरफ स्थानीय व्यापारियों का व्यवसाय चौपट हो रहा है। इस पर ठोस नीति बनाई जानी चाहिए।
*अभिषेक गुप्ता, किराना व्यवसायी ने बताया कि*
लगातार आ रहे लुभावने आफरों के चलते ग्राहकों द्वारा बाजार में खरीदारी करने का रुझान कम हुआ है। घड़ी बाजार भी इससे अछूता नहीं है। एक ओर आर्थिक मंदी, दूसरी ओर ऑनलाइन व्यापार का लगातार बढ़ता क्रेज। इसके कारण खुद के जैसे व्यवसाइयों का व्यापार प्रभावित हो रहा है।
उतरौला से
असगर अली
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