मुख्यमंत्री ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट पर अपने विचार व्यक्त किए
सरकार ने अपना 8वां बजट ऐसे समय में प्रस्तुत किया, जब अयोध्या में प्रभु श्रीराम के दिव्य, भव्य और नव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम धूमधाम के साथ सम्पन्न हो चुका : मुख्यमंत्री
प्रभु श्रीराम लोक मंगल के प्रतीक, लोकमंगल का यह बजट प्रभु श्रीराम के चरणों में समर्पित, अमृत काल के इस पहले बजट में रामराज्य की अवधारणा को साकार करने का प्रयास हुआ
प्रधानमंत्री जी की विजनरी लीडरशिप में हमारा देश दुनिया की एक आर्थिक शक्ति बन रहा, प्रधानमंत्री जी के ही नेतृत्व में अगले 03 वर्षां में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होने जा रहा
07 लाख 36 हजार करोड़ रु0 से अधिक का यह बजट एक ऐतिहासिक वर्ष का ऐतिहासिक बजट
प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से विकसित भारत संकल्प यात्रा गांव-गांव गयी, यह 100 प्रतिशत सेचुरेशन के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक बेहतर प्रयास
मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री श्री पी0वी0 नरसिम्हा राव, श्रद्धेय श्री लालकृष्ण आडवाणी, श्रद्धेय श्री कर्पूरी ठाकुर, प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ0 एम0एस0 स्वामीनाथन को भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित करने के फैसले का स्वागत किया
चौधरी चरण सिंह का सम्मान किसानों का सम्मान, उ0प्र0 का सम्मान
बजट में प्रदेश को अन्त्योदय से विकसित अर्थव्यवस्था तक, इंफ्रास्ट्रक्चर से ईज ऑफ लिविंग तक, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस से इन्वेस्टमेण्ट के ड्रीम डेस्टिनेशन तक, कृषि और किसान से लेकर गरीब कल्याण तक तथा आस्था से लेकर अर्थव्यवस्था तक ले जाने का बेहतर रोड मैप
शिक्षा और स्वास्थ्य से स्वावलंबन की ओर, संस्कृति से संवर्धन की ओर और महिला सशक्तिकरण के संकल्प को समावेशित करने का संकल्प
उ0प्र0 देश में नंबर दो की अर्थव्यवस्था बना, भारत की अर्थव्यवस्था में प्रदेश का 9.2 प्रतिशत योगदान
उ0प्र0 डिजिटल लेन-देन में आज देश में नंबर एक पर, प्रदेश में आधे से अधिक डिजिटल लेन-देन यू0पी0आई0 के माध्यम से हो रहे
डी0बी0टी0 के माध्यम से 11 विभागों के 62 करोड़ से अधिक ट्रांजेक्शन के जरिए 70 हजार करोड़ रु0 प्रदेश की गरीब जनता तक पहुंचाने में सफलता मिली
बैंक और वित्तीय संस्थानों से प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग के लिए फंड आकर्षित करने में 16 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी के साथ, उ0प्र0 देश में शीर्ष स्थान पर
उ0प्र0 में आयकर रिटर्न फाइल होने की संख्या बढ़कर लगभग 12 लाख हुई
प्रदेश की बेरोजगारी दर वर्ष 2016-17 के पूर्व, 19 प्रतिशत से अधिक, आज यह 2.4 प्रतिशत हो गयी
बजट में खेत सुरक्षा योजना के लिए प्राविधान, राज्य कृषि विकास योजना के लिए अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था
हर ग्राम पंचायत में ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन तथा ऑटोमेटिक रेन गेज की स्थापना के लिए धनराशि की व्यवस्था
बुन्देलखण्ड क्षेत्र में एक नये औद्योगिक विकास प्राधिकरण के गठन की कार्यवाही आगे बढ़ चुकी
वर्ष 1996 से 2017 तक 22 वर्षों में उ0प्र0 में केवल 200 करोड़ रु0 का एफ0डी0आई0 आया, वर्ष 2017 से 2023 के बीच 2300 करोड़ रु0 का एफ0डी0आई0 प्रदेश में आ चुका
प्रयागराज महाकुम्भ-2025 के पहले गंगा एक्सप्रेस-वे को यातायात के लिए प्रारंभ करने का प्रयास
वर्ष 2024-25 में एम0एस0एम0ई0 यूनिट्स को 02 लाख 91 हजार करोड़ रु0 का ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान प्रारम्भ किया जा रहा, प्रदेश के नए उद्यमियों को 05 लाख रु0 तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाएगा, 01 लाख युवा उद्यमी इससे जुड़ेंगे
वस्त्र उद्योग के क्षेत्र में 40,000 रोजगार सृजन के लक्ष्य के साथ टेक्सटाइल के नए हब के रूप में स्थापित करने के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा रहा
इनोवेशन एंड रिसर्च के लिए मशीन लर्निंग और स्टेट ऑफ आर्ट टेक्नोलॉजी के प्रोत्साहन हेतु बजट में प्राविधान
उ0प्र0 पहला राज्य, जिसने खेल नीति लाकर अब तक 500 से अधिक खिलाड़ियों को राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में नौकरियां दी
उ0प्र0 ने इंसेफेलाइटिस नियंत्रण का देश को एक सफल मॉडल दिया
अयोध्या, काशी, मथुरा-वृंदावन, बरसाना, गोकुल, नैमिषारण्य, विंध्यवासिनी धाम, देवी पाटन धाम, बरेली का नाथ गलियारा, चित्रकूट इन सभी के लिए बजट में धनराशि की व्यवस्था
प्रयागराज महाकुम्भ-2025 का आयोजन वर्ष 2019 के प्रयागराज कुम्भ से भी बेहतर करने के लिए धनराशि की व्यवस्था
‘मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण’ और नए शहर प्रोत्साहन के लिए नई टाउनशिप विकसित करने हेतु 3000 करोड़ रु0 की राशि का प्राविधान
ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट’ स्कीम के अंतर्गत 800 करोड़ रु0, ‘राज्य स्मार्ट सिटी मिशन’ के अंतर्गत 400 करोड़ रु0 का प्राविधान
जल जमाव से मुक्त करने और अर्बन फ्लड एण्ड स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज योजना के लिए 1000 करोड़ रु0 की व्यवस्था
राज्य सरकार 05 टी-टैलेंट, ट्रेडीशन, ट्रेड, टूरिज्म एंड टेक्नोलॉजी के मंत्र के साथ आगे बढ़ रही, हाई-वे के साथ-साथ डिजिटल ढांचा आई-वे पर भी कार्य हो रहा
सरकार का प्रयास कि पूर्वी बन्दरगाह से जोड़कर अयोध्या की कनेक्टिविटी को बेहतर किया जा सके
प्रदेश के हर जनपद की अपनी जी0डी0पी0 के लिए सरकार ने कार्य प्रारम्भ किया
नीति आयोग की तर्ज पर स्टेट ट्रांसफॉर्मेशन कमिशन के गठन की कार्यवाही की जा रही
हर परिवार के एक व्यक्ति को कहीं न कहीं रोजगार व नौकरी से जोड़ने के लिए सरकार फैमिली आई0डी0 के माध्यम से इसी कार्य को आगे बढ़ा रही
‘एक परिवार एक योजना’ के अन्तर्गत 06 करोड़ 64 लाख लाभार्थियों की फैमिली आई0डी0 सीडिंग की जा चुकी
नगरीय क्षेत्र में शामिल हुई ग्राम पंचायतों के सतत विकास को आगे बढ़ाने के लिए हमने आकांक्षी नगर योजना लागू की, इनके अन्तर्गत 100 नगर निकायों का चयन किया गया
डबल इंजन सरकार ने पिछले 06 वर्ष में प्रदेश के 06 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से ऊपर उठाने में सफलता प्राप्त की
लखनऊ : 10 फरवरी, 2024
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि सरकार ने अपना 8वां बजट ऐसे समय में प्रस्तुत किया है, जब अयोध्या में प्रभु श्रीराम के दिव्य, भव्य और नव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम धूमधाम के साथ सम्पन्न हो चुका है। श्री रामलला वहां विराजमान हो चुके हैं। प्रभु श्रीराम लोक मंगल के प्रतीक हैं। लोकमंगल का यह बजट प्रभु श्रीराम के चरणों में समर्पित है। अमृत काल के इस पहले बजट में रामराज्य की अवधारणा को साकार करने का प्रयास हुआ है। वर्ष 2017 में हमने अपना पहला बजट मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम को साक्षी मानकर प्रस्तुत किया था।
मुख्यमंत्री जी आज यहां विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश की सबसे बड़ी आबादी के राज्य उत्तर प्रदेश के वर्ष 2024-25 के बजट पर पिछले तीन दिनों से सदस्यों द्वारा अनेक रचनात्मक सुझाव दिए गए हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष के 93 सदस्यों ने बजट पर चर्चा में भाग लिया और बजट को रचनात्मक बनाया। उत्तर प्रदेश विधानसभा में इतनी गंभीर चर्चा हो सकती है और देर रात्रि तक सदन चल सकता है, यह देश और दुनिया देख रही है। मुख्यमंत्री जी ने बजट पर चर्चा में भाग लेने वाले सभी 93 सदस्यों को बधाई दी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश की सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में आर्थिक विकास की गति को तीव्र करने तथा प्रदेश को समृद्धि की एक नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी और लोकमंगल की भावना से एक बेहतर रोड मैप के साथ बजट को सदन के सम्मुख प्रस्तुत किया गया है। बजट में प्रदेश को अन्त्योदय से एक विकसित अर्थव्यवस्था तक, इंफ्रास्ट्रक्चर से ईज ऑफ लिविंग तक, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस से इन्वेस्टमेण्ट के ड्रीम डेस्टिनेशन तक, कृषि और किसान से लेकर गरीब कल्याण तक तथा आस्था से लेकर अर्थव्यवस्था तक ले जाने का बेहतर रोड मैप है। बजट में, शिक्षा और स्वास्थ्य से स्वावलंबन की ओर, संस्कृति से संवर्धन की ओर और महिला सशक्तिकरण के संकल्प को समावेशित करने का संकल्प भी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस बजट में अलग-अलग सेक्टर के लिए बजट की व्यवस्था की है। यह बजट पहली अप्रैल, 2024 से लागू होगा। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर अमृतकाल में भारत विश्व की 5वीं इकोनॉमी बना है। हमनें उस ब्रिटेन को पीछे छोड़ा है, जिसने लगभग 200 वर्षों तक भारत पर शासन किया था। इस पर हर भारतवासी को गौरव की अनुभूति होनी चाहिए। प्रधानमंत्री जी की विजनरी लीडरशिप में हमारा देश दुनिया की एक आर्थिक शक्ति बन रहा है। प्रधानमंत्री जी के ही नेतृत्व में अगले 03 वर्षां में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था भी होने जा रहा है। उनके तीसरे कार्यकाल में भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा, इसमें किसी को भी को संदेह नहीं होना चाहिए। हर भारतवासी को गौरव की अनुभूति होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से विकसित भारत संकल्प यात्रा गांव-गांव गयी थी। यह 100 प्रतिशत सेचुरेशन के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक बेहतर प्रयास है। जिन लोगों तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचा है, उन्होंने अपनी सफलता की कहानी बतायी है। जिन तक योजनाओं का लाभ नहीं पहुंचा है, उन्होंने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। पहली बार आपकी सरकार आपके द्वार के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में सरकार द्वारा प्रयास किया गया है। शीघ्र ही, इसे आगे बढ़ाते हुए एक नये रूप में प्रदेश सरकार फैमिली आई0डी0 लागू करने वाली है। इसके माध्यम से किन परिवारों को योजनाओं का लाभ मिला है और कौन से लोग वंचित हैं। यह पता लगाते हुए सरकार वंचितों तक योजनाओं को पहुंचाने के लिए पहुंचेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहली बार उत्तर प्रदेश का यह बजट देश के किसी भी राज्य के बजट की तुलना में सबसे बड़ा है। 07 लाख 36 हजार करोड़ रुपये से अधिक का यह बजट एक ऐतिहासिक वर्ष का ऐतिहासिक बजट है। वर्ष 2012-13 की तुलना में यह तीन गुना से अधिक है। वर्ष 2016-17 की तुलना में यह दोगुना है। गत वर्ष की तुलना में इस बजट में लगभग 07 फीसदी की वृद्धि की गई है। बजट का आकार केवल व्यय की दृष्टि से ही बड़ा नहीं है, बल्कि प्रदेश की 25 करोड़ जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप लोककल्याण, समाज के अन्तिम पायदान पर बैठे व्यक्ति के विकास के लिए, इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य और टेक्नोलॉजी को मजबूत करने के लिए प्रस्तुत किया गया है। यह आमजन के जीवन स्तर को उठाने और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में प्रति व्यक्ति आय को राष्ट्रीय औसत के बराबर ले जाने के संकल्प का बजट भी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 07 वर्षों में 03 वर्ष कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का सामना करने के बावजूद, हमारी सरकार उत्तर प्रदेश की जी0एस0डी0पी0 को दोगुना करने में सफल रही है। आजादी के बाद से वर्ष 2017 तक उत्तर प्रदेश की कुल जी0डी0पी0 12 से 13 लाख करोड़ रुपए के बीच थी। उत्तर प्रदेश की इकोनॉमी को यहां तक पहुंचने में 70 वर्ष लगे। कोरोना जैसी महामारी का सफलतापूर्वक सामना करने के बावजूद मात्र 07 वर्षां में इसे दोगुना करने में हमने सफलता प्राप्त की है। इस दौरान, उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय को भी दोगुना किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश आबादी की दृष्टि से देश का नंबर एक राज्य था, लेकिन यह देश की छठी अर्थव्यवस्था था। आज उत्तर प्रदेश देश में नंबर दो की अर्थव्यवस्था बन चुका है। देश की जी0डी0पी0 में प्रदेश का हिस्सा बढ़ा है। देश की 16 फीसदी आबादी उत्तर प्रदेश में रहती है, लेकिन देश के विकास में उत्तर प्रदेश 08 फीसदी का योगदान भी नहीं करता था। आज उत्तर प्रदेश भारत की अर्थव्यवस्था में 9.2 प्रतिशत का योगदान कर रहा है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम इस वर्ष इसे बढ़ाकर 10 फीसदी तक पहुंचाएं और अगले 05 वर्षां में अपनी आबादी के बराबर भारत की अर्थव्यवस्था में योगदान दे सकें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमने उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य की श्रेणी से उबारा है। आज उत्तर प्रदेश एक रेवेन्यू सरप्लस स्टेट है। यह विगत 07 वर्षों में बिना कोई अतिरिक्त टैक्स लगाए हुआ है। इस दौरान मंडी शुल्क को आधा किया गया, प्रदेश में डीजल-पेट्रोल की दर देश में सबसे कम है। डीजल-पेट्रोल पर वैट को कम किया गया है। इसके पीछे रामराज्य की अवधारणा है। प्रभु श्रीराम भरत जी से कहते हैं-‘बरसत हरसत लोग सब करसत लखै न कोइ। तुलसी प्रजा सुभाग ते भूप भानु सो हो।’ अर्थात जिस प्रकार सूर्य समुद्र, नदी और तालाब से पानी लेता है, लेकिन किसी को पता नहीं चलता। परंतु जब वह बादल के रूप में वर्षा करता है, तो सबको पता चलता है। सभी जगह समान रूप से बरसता है। यही स्थिति बजट की भी है। यह लोक कल्याणकारी और लोकमंगल का बजट है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह बजट प्रदेश के कल्याण और विकास के लिए बिना भेदभाव सभी 75 जनपदों को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है। हमारी सरकार यह करने में इसलिए सफल हुई क्योंकि हमने कर चोरी और राजस्व के लीकेज को रोका तथा प्रदेश के सी0डी0 रेशियो को बेहतर किया। वर्ष 2017 के पहले प्रदेश का सी0डी0 रेशियो 44 फीसदी था। प्रदेश में किए गए प्रयासों के परिणामस्वरूप आज यह बढ़कर 57 से 58 प्रतिशत हो गया है। यह एक बेहतर अर्थव्यवस्था की ओर संकेत करता है। डिजिटल लेन-देन ने प्रदेश में एक बेहतर प्रतिस्पर्धा को जन्म दिया है। विगत 05 वर्षों में डिजिटल लेन-देन को दोगुना करने में सफलता मिली है। उत्तर प्रदेश डिजिटल लेन-देन में आज देश में नंबर एक पर है। इस वर्ष यह संख्या बढ़कर 1174 करोड़ 32 लाख रुपये हो गई है। प्रदेश में आधे से अधिक डिजिटल लेनदेन आज यू0पी0आई0 के माध्यम से हो रहा है। आज गांवों में इंटरनेट तथा वित्तीय जागरूकता के माध्यम से डिजिटल बैंकिंग की पहुंच आसान हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डी0बी0टी0 के माध्यम से प्रदेश ने कोरोना काल में बेहतर सफलता प्राप्त की। आज भी डी0बी0टी0 द्वारा हर लाभार्थी तक सफलतापूर्वक पैसा सीधे पहुंच रहा है। डी0बी0टी0 के माध्यम से आज 11 विभागों के 62 करोड़ से अधिक ट्रांजेक्शन के जरिए 70 हजार करोड रुपए प्रदेश की गरीब जनता तक पहुंचने में हमें सफलता मिली है। बैंकिंग सेवा अर्थव्यवस्था की बैकबोन है। यह निवेश के लिए ऋण और बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए स्पीड का काम करती है। इस दृष्टि से उत्तर प्रदेश आज एक अग्रणी राज्य बन चुका है। प्रदेश में बैंकिंग व्यवसाय वर्ष 2016-17 में लगभग 12 से 13 लाख करोड़ रुपए था। आज यह बढ़कर लगभग 26 लाख करोड़ रुपए हो चुका है। प्रदेश में 19,705 बैंक शाखाएं हैं। प्रदेश में 02 लाख 28 हजार से अधिक बैंकिंग कॉरस्पॉडेंट सखी हर गांव और कस्बे में बेहतर सेवाएं उपलब्ध करा रही हैं। आर0बी0आई0 के आकड़ें इस बात को प्रस्तुत करते हैं कि बैंक और वित्तीय संस्थानों से प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग के लिए फंड आकर्षित करने में 16 फीसदी से अधिक इन्वेस्टमेंट की हिस्सेदारी के साथ, उत्तर प्रदेश देश में शीर्ष स्थान पर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना में 09 करोड़ खातों के साथ उत्तर प्रदेश देश में नंबर एक पर है। इनमें से आधे खाते महिलाओं के हैं। पी0एम0 स्वनिधि योजना में 17 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी व्यवसायी लाभान्वित हो रहे हैं, इसमें भी राज्य देश में नंबर एक पर है। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में 05 करोड़ 55 लाख लाभार्थियों के साथ उत्तर प्रदेश देश में नंबर एक पर है। आयकर रिटर्न भरने में उत्तर प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है। जून, 2014 में उत्तर प्रदेश में 01 लाख 65 हजार आयकर रिटर्न फाइल होते थे। जून, 2023 में यह संख्या बढ़कर लगभग 12 लाख हुई है। यह दिखाता है कि प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई है और वह आई0टी0आर0 भरने के लिए स्वतःस्फूर्त भाव से तैयार हुआ है। 2022-23 में राष्ट्रीय आर्थिक विकास की दर 7.2 प्रतिशत थी। इस दौरान करंट प्राइस में प्रदेश की 14.3 प्रतिशत की विकास दर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की बेरोजगारी दर वर्ष 2016-17 के पूर्व, 19 प्रतिशत से अधिक थी। आज यह 2.4 प्रतिशत है। यह दर्शाता है कि प्रदेश में रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं। उत्तर प्रदेश में निवेश के बेहतर माहौल से आगामी 19 फरवरी को हम प्रदेश में 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव का ग्राउण्ड ब्रेकिंग कार्यक्रम लखनऊ में आयोजित करने जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में पोटेंशियल था। यहां का युवा प्रतिभा सम्पन्न था, उसकी आकांक्षाएं भी थी। लेकिन स्टेट लीडरशिप में कुछ करने की जिजीविषा नहीं थी, उनके पास विजन नहीं था, कर्महीनता की स्थिति थी और नीतिगत जड़ता थी। उनकी प्राथमिकता में विकास, किसान, युवा, महिलाएं तथा गरीब नहीं थे। उनकी अपनी प्राथमिकताएं थी। इसी कर्महीनता के लिए संत तुलसीदास जी ने एक बात कही थी-‘सकल पदारथ एहि जग माहीं। करमहीन नर पावत नाहीं।’
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के वर्ष 2024-25 के बजट में हमारी प्राप्तियां 07 लाख 21 हजार करोड़ रुपए से अधिक अनुमानित हैं। इनमें से 06 लाख 06 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राजस्व प्राप्ति तथा 01 लाख 14 हजार करोड़ रुपए से अधिक की पूंजीगत प्राप्तियां सम्मिलित हैं। इस बजट में 02 लाख करोड़ रुपए से अधिक का कैपिटल एक्सपेंडिचर अनुमानित है। यह उत्तर प्रदेश जैसे राज्य की इकोनॉमी को एक नई दिशा देने वाला साबित होगा। यह डेवलपमेंट का आधार है। यह विकसित उत्तर प्रदेश की परिकल्पना को साकार करने वाला होगा। उत्तर प्रदेश ने यह साबित किया है कि बेहतर राजकोषीय प्रबंधन से हम प्रदेश को एक बेहतर दिशा में अग्रसर कर सकते हैं और राजकोषीय अनुशासन को बनाए रख सकते हैं। एफ0आर0बी0एम0 एक्ट के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के लिए राजकोषीय घाटे की 3.5 प्रतिशत की सीमा तय की गयी है। उत्तर प्रदेश का यह बजट राजकोषीय अनुशासन का पालन करते हुए इसे 3.46 प्रतिशत रखने में सफल हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 22 वर्ष में प्रदेश के गन्ना किसानों को 02 लाख 03 हजार करोड़ रुपए का कुल भुगतान हो पाया था। विगत पौने सात वर्षां के दौरान उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को अब तक 02 लाख 33 हजार करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि उनके खाते में भेजी जा चुकी है। प्रदेश में गन्ने की खेती का दायरा बढ़ा है। प्रदेश में गन्ना किसानों की मांग के अनुरूप सरकार ने प्रति कुंतल दाम बढ़ाया है। उत्तर प्रदेश पहला राज्य है, जिसने कोरोना कालखंड में भी अपनी सभी चीनी मिलों को संचालित किया। छपरौली की चीनी मिल चौधरी चरण सिंह जी की कर्मभूमि की चीनी मिल थी। उनके प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए हमारी सरकार ने छपरौली चीनी मिल के विस्तार तथा आधुनिकीकरण के लिए पैसा दिया। आज छपरौली चीनी मिल पूरी क्षमता के साथ चल रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डबल इंजन सरकार ने प्रोक्योरमेंट की पॉलिसी के लिए काम किया है। प्रोक्योरमेंट नीति के तहत बिचौलियों और मध्यस्थों की भूमिका समाप्त करते हुए किसानों से सीधे क्रय करने की व्यवस्था प्रदेश में प्रभावी ढंग से लागू है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 02 करोड़ 62 लाख किसानों को 63 हजार करोड़ रुपए की राशि डी0बी0टी0 के माध्यम से प्राप्त हुई है। विगत 07 वर्षां में लगभग 23 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचाई क्षमता उपलब्ध करायी गयी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस बजट में खेत सुरक्षा योजना के लिए भी धनराशि का प्राविधान है। राज्य कृषि विकास योजना के लिए भी अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था की गयी है। प्रदेश के अन्नदाता किसानों के निजी नलकूपों को निःशुल्क बिजली उपलब्ध कराई जा सके, इसके लिए भी 2400 करोड़ रुपए का प्राविधान बजट में किया गया है। ग्लोबल वॉर्मिंग का असर हमारी खेती-किसानी पर ना पड़े, इसके लिए हर ग्राम पंचायत में ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन तथा ऑटोमेटिक रेन गेज की स्थापना के लिए धनराशि की व्यवस्था की गयी है। ऑर्गेनिक कल्चर लैब, टिश्यू लैब और एग्री टूरिज्म सेंटर की स्थापना के लिए भी धनराशि का प्राविधान किया गया है। विभिन्न जनपदों में 6600 राजकीय नलकूपों के आधुनिकीकरण और डार्क जोन में स्थित 5569 असफल राजकीय नलकूपों के पुनर्निर्माण कार्य के लिए भी बजट व्यवस्था की गई है। जब यह कार्य पूर्ण होंगे, तो प्रदेश में 01 लाख 33 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में नहरों और सरकारी नलकूपों से किसानों को निःशुल्क पानी के लिए धनराशि की व्यवस्था बजट में की गई है। पी0एम0 कुसुम योजना के अंतर्गत जितने भी ट्यूबवेल पहले से हैं, वहां सोलर पैनल लगा कर अन्नदाता किसानों को राहत देने के लिए भी लगभग 500 करोड़ रुपए की व्यवस्था इस बजट में की गई है। जल स्तर को मेंटेन करने के लिए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, ग्राउंड वाटर रिचार्जिंग और चेक डैम आदि के लिए भी धनराशि का प्राविधान बजट में किया गया है। उद्यान और खाद्यान्न प्रसंस्करण के लिए इस बजट में विशेष प्राविधान है। दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण के लिए भी बजट में प्राविधान किया गया है। इसके अलावा नए डेयरी प्लांट, गो आश्रय स्थलों के संचालन, पशु रोग पर प्रभावी नियंत्रण करने और प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत प्रदेश में मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए के लिए धनराशि की व्यवस्था के साथ ही पार्क निर्माण के भी लिए भी बजट का प्राविधान किया गया है। एग्रीकल्चर सेक्टर इन सभी चीजों के साथ तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि औद्योगिक विकास की प्रगति स्टेबिलिटी और सस्टेनेबिलिटी पर निर्भर करती है। प्रदेश सरकार ने इस दिशा में तेजी के साथ कार्य किया है। 46 वर्षों के बाद प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में कानपुर से झांसी के बीच एक नये औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) के गठन की कार्यवाही आगे बढ़ चुकी है। इसके लिए भी बजट प्राविधान किया गया है। प्रदेश में पहली बार सेमीकण्डक्टर पॉलिसी लागू की गयी है। एफ0डी0आई0 और फॉर्च्यून इण्डिया 500 कम्पनियों के लिए एक नयी पॉलिसी लागू की गयी है। यह देश में किसी भी राज्य के द्वारा बड़े पैमाने पर वैश्विक निवेश को आकर्षित करने का पहला प्रयास है। इसके लिए भी धनराशि की व्यवस्था बजट में है। वर्ष 1996 से 2017 तक 22 वर्षों में उत्तर प्रदेश में केवल 200 करोड़ रुपये का एफ0डी0आई0 आया था। वर्ष 2017 से 2023 के बीच 2300 करोड़ रुपये का एफ0डी0आई0 प्रदेश में आ चुका है। नयी पॉलिसी के बाद एफ0डी0आई0 के लिए नये द्वार खुलेंगे। इससे होने वाले निवेश के माध्यम से नौकरी और रोजगार की नयी सम्भावनाएं विकसित होंगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तथा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। अन्य एक्सप्रेस-वे के कार्यों के साथ ही जनपद मेरठ को प्रयागराज से जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए भी व्यवस्था की है। हमारा प्रयास है कि प्रयागराज महाकुम्भ-2025 के पहले गंगा एक्सप्रेस-वे को यातायात के लिए प्रारंभ कर सकें। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के साथ जोड़ने के लिए लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए भी धनराशि की व्यवस्था बजट में की गई है। अटल इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के लिए भी वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 33 प्रतिशत अधिक धनराशि की व्यवस्था बजट में की गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एम0एस0एम0ई0 क्षेत्र किसी भी इकोनॉमी के लिए बड़े निवेश की बैकबोन है। प्रदेश में एम0एस0एम0ई0 का क्लस्टर मौजूद है। यह सेक्टर वर्ष 2017 के पहले लगभग पूरी तरह उपेक्षित था। इसका परिणाम यह था कि यह बंदी की कगार की तरफ जा रहा था। वर्ष 2016-17 में प्रदेश में एम0एस0एम0ई0 सेक्टर में कुल 28,000 करोड़ रुपये का ऋण वितरण होता था। आज हमारी सरकार ने एम0एस0एम0ई0 सेक्टर को प्रोत्साहन दिया। वर्ष 2022-23 में प्रदेश में एम0एस0एम0ई0 यूनिट्स को 1,60,000 करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध कराया गया। वर्ष 2024-25 के लिए इस लक्ष्य को 02 लाख 91 हजार करोड़ रुपए तक पहुंचाने का कार्यक्रम आगे बढ़ाया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस बजट से एक नई स्कीम मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान को भी प्रारम्भ किया जा रहा है। प्रदेश के नए उद्यमियों का एक निश्चित व्यवस्था के तहत प्रशिक्षण करवाएंगे, उन्हें उद्यम लगाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। पहले चरण में 05 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण उन्हें उपलब्ध कराया जाएगा। जैसे ही इस राशि का भुगतान होगा, फिर उन्हें साढ़े सात लाख रुपए, उसके बाद 10 लाख रुपए उपलब्ध कराने की व्यवस्था के साथ जोड़ा जाएगा। 01 लाख युवा उद्यमी इसके साथ जुड़ेंगे। इस कार्यक्रम को बजट के पारित होने के बाद अप्रैल से प्रदेश में लागू कर देंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के युवाओं के लिए प्रशिक्षण, इण्टर्नशिप तथा अप्रेंटिसशिप के लिए वित्त पोषण और रोजगार की सुविधा उपलब्ध कराने तथा उन्हें सेवायोजित करने के लिए उत्तर प्रदेश रोजगार प्रोत्साहन कोर्स को लागू किया जा रहा है। प्राइवेट सेक्टर में भी इंडस्ट्रियल पार्क डेवलप हो सकते हैं। इसके तहत पहली बार उत्तर प्रदेश ने 10 प्लेज पार्क विकसित किए हैं। अन्य जनपदों में भी इस प्रकार के औद्योगिक पार्क विकसित हों, क्योंकि यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रदेश के सभी 75 जनपदों में निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। वस्त्र उद्योग के क्षेत्र में 40,000 रोजगार सृजन के लक्ष्य के साथ टेक्सटाइल के नए हब के रूप में स्थापित करने के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश में एक नए राष्ट्रीय फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान के स्थापना की कार्रवाई को भी आगे बढ़ाने, 02 मेगा राजकीय आई0टी0आई0 की स्थापना और 69 आई0टी0आई0 के उन्नयन का प्रस्ताव भी इस बजट में किया गया है। 22,000 से अधिक मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को मुख्य आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में अपग्रेड करने की कार्रवाई भी इस बजट प्राविधानित है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जो उत्तर प्रदेश कभी बीमारू राज्य कहलाता था, आज वह देश की इमर्जिंग इकोनॉमी के साथ, आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करते हुए देश की सबसे उभरती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में तेजी से आगे बढ़ा है। जिस राज्य को कोई बैंक लोन देने के लिए तैयार नहीं था, उसे सभी बैंक प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग के लिए ऋण देने के लिए तत्पर हैं। जहां कोई निवेशक आने को तैयार नहीं था, आज वह देश और दुनिया के हर इन्वेस्टर के लिए इन्वेस्टमेंट का ड्रीम डेस्टिनेशन राज्य बन गया है। इसके लिए सरकार के स्तर पर सतत और नियोजित प्रयास प्रारंभ हुए। लक्ष्य तय किए गए और उनकी सिद्धि के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया गया। प्रदेश में विगत 07 वर्षों के दौरान प्रारंभ कार्यों का परिणाम आज हम सभी को देखने को मिल रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शिक्षा किसी भी सभ्य समाज की आधारशिला है। शिक्षा और स्वास्थ्य किसी भी मानव पूंजी के पोटेंशियल का आधार हैं। इसलिए हमारी सरकार ने शुरू से ही इस दिशा में नियोजित प्रयास प्रारम्भ किया। कक्षा 06 से 08 तक के विद्यार्थियों के लिए वोकेशनल ओरिएंटेशन कार्यक्रम शुरू किए गए। माध्यमिक स्तर पर भी नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क और नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के अनुसार पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए सरकार ने अपनी कार्य योजना को आगे बढ़ाया है। उद्योग या इंस्टीट्यूशन के साथ युवाओं को जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री अप्रेंटिसशिप स्कीम के लिए भी धनराशि की व्यवस्था इस बजट में की गई है। प्रदेश में इनोवेशन एंड रिसर्च के लिए मशीन लर्निंग और स्टेट ऑफ आर्ट टेक्नोलॉजी के प्रोत्साहन हेतु बजट में प्राविधान है। आई0आई0टी0 कानपुर के साथ मिलकर एक मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट की स्थापना के लिए भी धनराशि का प्राविधान बजट में किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले प्रदेश में कोई भी खेल नीति नहीं थी। प्राइवेट खेल अकादमी चलती थी, लेकिन सरकार के स्तर पर उन्हे कोई प्रोत्साहन नहीं था। प्रदेश ने अनेक अन्तरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी दिए हैं, लेकिन उनका भविष्य सिक्योर नहीं था। उत्तर प्रदेश पहला राज्य है, जिसने खेल नीति लाकर अब तक 500 से अधिक खिलाड़ियों को राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में नौकरियां दे चुका है। ओलंपिक में हॉकी के एक प्रमुख खिलाड़ी को प्रदेश सरकार ने पहले ही डिप्टी एस0पी0 के पद पर नियुक्ति दी।
एशियाई गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाली मुजफ्फरनगर की बालिका सुश्री पारुल चौधरी ने कहा था कि मैं चीन को इसलिए पीछे कर पाई, क्योंकि हमारे राज्य ने घोषणा की थी कि जो गोल्ड मेडल लेकर आएगा, उसे डिप्टी एस0पी0 बनाएंगे। हमारी सरकार ने गोल्ड मेडल जीतने वाले उन खिलाड़ियों को नियुक्ति पत्र प्रदान भी कर दिया है और उनका सम्मान भी किया है। सभी खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को कोच के रूप में अलग-अलग संस्थानों में नियुक्त किए जाने का भी प्राविधान किया है। खिलाड़ियों के चोटिल होने की शिकायत मिलती है। इसके लिए एक स्पोर्ट्स साइंस और इंजरी सेंटर की स्थापना के लिए भी धनराशि की व्यवस्था बजट में की गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेक्टर में बेहतरीन कार्य हुआ है। ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज’ की दिशा में राज्य आगे बढ़ चुका है। 70 वर्षों में प्रदेश में केवल 12 राजकीय मेडिकल कॉलेज बन पाए थे। आज प्रदेश सभी 75 जनपदों में एक-एक मेडिकल कॉलेज बनने की ओर अग्रसर है। आयुष्मान भारत योजना लागू होने के बाद आज हर गरीब के लिए अपना उपचार कराना बहुत आसान हो गया है। अब उसे इलाज के लिए इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 1977-78 से लेकर के वर्ष 2017-18 तक इंसेफेलाइटिस से लगभग 50,000 मौतें हुईं। यह डबल इंजन सरकार का सौभाग्य है कि हम प्रदेश के उन मासूमों को बचाने में सफल हुए हैं, आने वाले समय में जिनकी प्रतिभा और ऊर्जा का लाभ देश और प्रदेश को मिलेगा। यह दलित, अल्पसंख्यक या पिछड़ी जाति के बच्चे थे। लगभग हर वर्ष 1200 से 1500 मौतें होती थीं। एक नियोजित और सतत प्रयास से हम इस बीमारी को पूरी तरह नियंत्रित करने में सफल हुए। उत्तर प्रदेश ने इंसेफेलाइटिस का नियंत्रण का देश को एक सफल मॉडल दिया। हमने समाज का भी सहयोग लिया, निजी क्षेत्र का भी सहयोग लिया। अनेक अन्तरराष्ट्रीय संस्थाओं ने भी हमें सहयोग किया। राज्य सरकार को जो पहल करनी चाहिए थी, वर्ष 2017 के पहले उसका अभाव था। वर्ष 2017 के बाद जब नियोजित प्रयास हुए तो आज परिणाम हमारे सामने है। इंसेफेलाइटिस पूरी तरह से नियंत्रण में है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से धनराशि देने में कोताही बरती जाती थी। इसमें भेदभाव होता था। आज इसमें कोई भेदभाव नहीं किया जाता। हम कोड नंबर से धनराशि उपलब्ध करवाते हैं। यह जरूर प्राथमिकता होती है कि पहले आयुष्मान भारत की धनराशि खर्च हो जाए। जिनके पास आयुष्मान कार्ड नहीं है, उन्हें मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से धनराशि उपलब्ध करायी जाती है। यह राज्य का पैसा है, राज्य के लोगों को बिना भेदभाव के मिलना चाहिए। यही रामराज्य की अवधारणा है। राजकीय मेडिकल कॉलेज में ट्रॉमा सेंटर की स्थापना एवं अन्य व्यवस्थाओं के लिए भी धनराशि की व्यवस्था की गई है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को मजबूत करने की दिशा में भी सरकार के द्वारा किए गए प्रयास फलीभूत होंगे। स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में बेहतर प्रयास कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पिछली सरकारों ने उत्तर प्रदेश की स्प्रिचुअल टूरिज्म की संभावनाओं की सर्वथा उपेक्षा की। हमने कभी भगवान श्रीराम के नाम पर राजनीति नहीं की। प्रभु श्रीराम हमारे आराध्य हैं। उनका हम स्मरण करते हैं। राम के बिना कोई काम हो ही नहीं सकता है। मंदिर बनने के पहले जब न्यायालय का निर्णय नहीं आया था, तब भी हम लोग अयोध्या गए थे और वहां दीपोत्सव का भव्य आयोजन किया था। आज भी जा रहे हैं और आगे भी जाएंगे, इसमें कोई संदेह नहीं है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या, काशी, मथुरा-वृंदावन, बरसाना, गोकुल, नैमिषारण्य, विंध्यवासिनी धाम, देवी पाटन धाम, बरेली का नाथ गलियारा, चित्रकूट इन सभी के लिए सरकार ने धनराशि की व्यवस्था बजट में की है। मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना के तहत हर विधानसभा क्षेत्र के एक-एक धर्म स्थल को विकसित करने के लिए धनराशि की व्यवस्था बजट में की गयी है। प्रयागराज महाकुम्भ-2025 का आयोजन वर्ष 2019 के प्रयागराज कुम्भ से भी बेहतर करने के लिए धनराशि की व्यवस्था बजट में की गई है। प्रयागराज में कुम्भ संग्रहालय की स्थापना के लिए भी धनराशि की व्यवस्था की गई है। हमारी सरकार ने काशी और मथुरा दोनों जगह ताले खुलवा दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बांके बिहारी कॉरिडोर के लिए भी धनराशि की व्यवस्था की गई है। निषाद राज गुह्य सांस्कृतिक केंद्र श्रृंगवेरपुर, आजमगढ़ के हरिहरपुर में संगीत महाविद्यालय तथा चित्रकूट में महर्षि वाल्मीकि सांस्कृतिक केंद्र के लिए भी धनराशि की व्यवस्था की गई है। तुलसीदास जी की जन्म भूमि राजापुर के लिए भी धनराशि की व्यवस्था बजट में है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वीरांगना ऊदा देवी के नाम पर पी0एस0सी0 की बटालियन बन रही है। लखनऊ के किले और अन्य जगहों के किलों का भी पुनरुद्धार किया जा रहा है। यह हमारे हेरिटेज टूरिज्म का हिस्सा है। अयोध्या में रामायण और वैदिक शोध संस्थान के लिए भी धनराशि की व्यवस्था की गई है। अयोध्या में इंटरनेशनल सेंटर के लिए बजट में प्राविधान है। इकोनामिक ग्रोथ के लिए नगरीय विकास भी आवश्यक है। ईज ऑफ लिविंग के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश में बेहतर प्रयास हुए हैं। डबल इंजन सरकार के नेतृत्व में नगर विकास विभाग कार्यां को तेजी के साथ आगे बढ़ा रहा है। यह क्षेत्र रोजगार सृजन का भी माध्यम है। स्मार्ट सिटी और अमृत योजना के अंतर्गत किए गए प्रयासों के परिणामस्वरुप प्रदेश सरकार ने ‘मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण’ और नए शहर प्रोत्साहन के लिए नई टाउनशिप विकसित करने हेतु 3000 करोड़ रुपए की राशि का प्राविधान इस बजट में किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट’ स्कीम के अंतर्गत 800 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। ‘राज्य स्मार्ट सिटी मिशन’ के अंतर्गत 400 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है। इसके पहले चरण में प्रदेश के प्रत्येक नगर निगम क्षेत्र में, दूसरे चरण में हर नगर पालिका परिषद क्षेत्र में और तीसरे चरण में नगर पंचायत को सेफ सिटी के रूप में विकसित कर सकेंगे। आई0टी0एम0एस0, इंटीग्रेटेड कमांड एण्ड कंट्रोल सेंटर की स्थापना की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। बड़े पैमाने पर सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगाए जा रहे हैं, जिसके माध्यम से सुरक्षा, ट्रैफिक मैनेजमेण्ट, वेस्ट मैनेजमेण्ट के कार्यां को हम आगे बढ़ा सकेंगे। जल जमाव से मुक्त करने और अर्बन फ्लड एण्ड स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज योजना के लिए 1000 करोड़ रुपए की व्यवस्था बजट में की गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नगरीय अल्प विकसित मलिन बस्ती के विकास के लिए भी 675 करोड़ रुपए का प्राविधान बजट में किया गया है। शहरों को टै्रफिक जाम से मुक्त करने के लिए फ्लाई-ओवर, आर0ओ0बी0 बनाने के लिए 1000 करोड़ रुपए की व्यवस्था बजट में की है। प्रदेश सरकार राज्य में स्वच्छ भारत मिशन में ओ0डी0एफ0 और ओ0डी0एफ0 प्लस के लक्ष्य को पहले ही प्राप्त कर चुकी है। स्वच्छता का लक्ष्य केवल एक अभियान नहीं है, बल्कि नारी गरिमा के साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी आमूलचूल परिवर्तन करने वाले प्रयासों की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। उसी कड़ी को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने धनराशि की व्यवस्था की है। मातृभूमि योजना के अन्तर्गत प्रवासी उत्तर प्रदेशवासी राज्य में अगर अपने किसी पूर्वज के नाम पर कोई कन्वेंशन सेंटर या अन्य केंद्र स्थापित करना चाहता है, तो राज्य सरकार उसमें योगदान देगी। प्रदेश सरकार ने बजट में मातृभूमि योजना के लिए भी धनराशि की व्यवस्था की है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में अन्य सभी कार्यक्रमों के लिए क्रिटिकल गैप योजना के अंतर्गत धनराशि की व्यवस्था की गई है। ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ की राशि पहले से ही 15000 रुपये से 25000 रुपये की गई है। बालिकाओं की शादी के लिए ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ के लिए धनराशि का प्राविधान किया गया है। कुष्ठ रोगियों के लिए राज्य सरकार 03 वर्ष पहले से ही हर कुष्ठ रोगी को 3000 रुपये की मासिक पेंशन के साथ आवास की सुविधा दे रही है। प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए भी एक कोष की स्थापना की है।
प्रदेश में अन्य विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करते हुए पुलिस की अवस्थापना सुविधाओं के विकास जैसे नए थानों, साइबर थानों व फायर ब्रिगेड के नए सेण्टरों की स्थापना, होमगार्ड्स स्वयंसेवकों के लिए अनुग्रह राशि की व्यवस्था सहित समय-समय पर प्राप्त अन्य प्रस्तावों के लिए इस बजट में प्राविधान किया है। प्रदेश सरकार ने इस बजट के माध्यम से राज्य के हर वर्ग के जीवन में बेहतर परिवर्तन लाने का प्रयास किया है।
देश को 05 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के प्रधानमंत्री जी के संकल्प के साथ प्रदेश सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ जुड़ी हुई है। उत्तर प्रदेश 01 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने की ओर अग्रसर है। इसके लिए एक बेहतर रोड मैप तैयार किया है। राज्य सरकार 05 टी-टैलेंट, ट्रेडीशन, ट्रेड, टूरिज्म एंड टेक्नोलॉजी के मंत्र के साथ आगे बढ़ रही है। हाई-वे के साथ-साथ डिजिटल ढांचा आई-वे पर भी कार्य हो रहा है। ब्रॉडबैंड ऑप्टिकल फाइबर का मजबूत ढांचा प्रदेश की हर ग्राम पंचायत तक विकसित किया जा रहा है। पंचायत भवनों एवं ग्राम सचिवालय की स्थापना के पीछे का हेतु यही है कि ऑप्टिकल फाइबर के साथ हम वहां पर बेहतर कनेक्टिविटी दे सकें। गांव में ही गांव के लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवा सकें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के असीमित पोटेंशियल तथा राज्य के स्किल के स्केल व स्पीड पर सरकार फोकस कर रही है। उत्तर प्रदेश प्रकृति और परमात्मा की असीम कृपा का प्रदेश है। हमारे पास सर्वश्रेष्ठ युवा हैं। भारत का सबसे बड़ा उपभोक्ता और श्रम बाजार प्रदेश में है। देश की कुल कृषि भूमि का मात्र 11 प्रतिशत प्रदेश में है, लेकिन अपने अन्नदाता किसानों के पुरुषार्थ और उर्वर भूमि से उत्तर प्रदेश, देश के खाद्यान्न उत्पादन में 20 प्रतिशत का योगदान करता है। प्रदेश की 56 प्रतिशत आबादी कामकाजी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में सड़क सहित सभी कनेक्टिविटी को बेहतर किया गया है। ईस्टर्न एण्ड वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, वन्दे भारत, अमृत भारत ट्रेन की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही, प्रदेश में बेहतर वायु कनेक्टिविटी है। उत्तर प्रदेश लैण्ड लॉक्ड स्टेट की छवि से मुक्त हुआ है। देश के पहले इनलैण्ड वॉटर-वे की शुरुआत प्रदेश में हो चुकी है। उत्तर प्रदेश में इनलैण्ड वॉटर-वे अथॉरिटी का गठन भी किया जा चुका है। सरकार का प्रयास है कि पूर्वी बन्दरगाह से जोड़कर अयोध्या की कनेक्टिविटी को बेहतर किया जा सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के पोटेंशियल के अनुरूप हमने सेक्टरवार अल्पकालिक व दीर्घकालिक रणनीति अपनायी है। सस्टेनेबल डेवलपमेण्ट गोल्स के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह संकल्पित है। प्रदेश के हर जनपद की अपनी जी0डी0पी0 होगी, इसके लिए सरकार ने तैयारी के साथ कार्य प्रारम्भ किया है। सेक्टोरल व क्रॉस सेक्टोरल बेस्ट प्रैक्टिसेज़ को सरकार ने आगे बढ़ाया है। नीति आयोग की तर्ज पर स्टेट ट्रांसफॉर्मेशन कमिशन के गठन की कार्यवाही की जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरकार ने सरकारी नौकरी के साथ ही, निजी क्षेत्र में भी अनन्त सम्भावनाओं को आगे बढ़ाया है। सरकार द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि हर परिवार के एक व्यक्ति को कहीं न कहीं रोजगार व नौकरी से जोड़ने की व्यवस्था होनी चाहिए। सरकार फैमिली आई0डी0 के माध्यम से इसी कार्य को आगे बढ़ा रही है। इसके अन्तर्गत 60 योजनाओं को लिया गया है। ‘एक परिवार एक योजना’ के अन्तर्गत 06 करोड़ 64 लाख लाभार्थियों की फैमिली आई0डी0 सीडिंग की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नीति आयोग ने 08 आकांक्षात्मक जनपदों-बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, चन्दौली, फतेहपुर, चित्रकूट, बहराइच तथा श्रावस्ती को सामान्य जनपदों की श्रेणी में लाने के प्रयासों के लिए उत्तर प्रदेश के मॉडल को बेहतर माना है। आकांक्षात्मक जनपदों की तर्ज पर प्रदेश सरकार ने 100 आकांक्षात्मक विकासखण्डों के लिए अपनी कार्ययोजना बनायी है। इसके बेहतर परिणाम आए हैं। जो ग्राम पंचायतें नगरीय क्षेत्र में शामिल हुई हैं, उनके सतत विकास को आगे बढ़ाने के लिए हमने आकांक्षी नगर योजना लागू की है। इनके अन्तर्गत 100 नगर निकायों का चयन किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 01 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 10 सेक्टर के लिए सेक्टोरियल मैकेनिज्म तैयार किया है। प्रत्येक सेक्टर की जिम्मेदारी एक जिम्मेदार तथा अनुभवी अधिकारी को दी गयी है। इसके लिए अल्पकालिक व दीर्घकालिक योजनाएं तय की गयी हैं। इनके सफल क्रियान्वयन की मॉनीटरिंग सी0एम0 डेस्क बोर्ड के माध्यम से की जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डबल इंजन सरकार ने पिछले 06 वर्ष में प्रदेश के 06 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से ऊपर उठाने में सफलता प्राप्त की है। पहले केवल डेढ़ करोड़ लोग अनुपूरक आहार प्राप्त कर पाते थे। आज 02 करोड़ 06 लाख से अधिक लोग इस योजना का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। वर्ष 2020 में शिशु मृत्यु दर 38 प्रति हजार हो चुकी है। मातृ मृत्यु दर वर्ष 2022-23 में 167 प्रति लाख हो गई है। स्कूली शिक्षा में विगत 07 वर्षों में किए गए प्रयासों का परिणाम है कि 40 लाख बच्चे प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में बढ़े हैं। आज एक करोड़ 92 लाख बच्चे इन स्कूलों में पढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को वर्ष में दो बार निःशुल्क रसोई गैस के सिलेंडर रिफिल उपलब्ध करवा रही है। हर घर नल योजना के माध्यम से 01 करोड़ 95 लाख घरों को जोड़ा जा चुका है। 01 करोड़ 58 लाख परिवारों को निःशुल्क बिजली दी जा चुकी है। 1,21,000 मजरों में बिजली पहुंचाने का कार्य किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से प्रदेश में 55 लाख 83 हजार आवास उपलब्ध कराए गए हैं। प्रदेश के गांवों में जहां पर जिसकी झोपड़ी होगी, वहीं पर उसका मालिकाना अधिकार दिलाने के लिए स्वामित्व योजना को प्रदेश में लागू किया गया है। प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत उत्तर प्रदेश 09 करोड़ खाते खोलकर देश में प्रथम स्थान है। इसमें से आधे से अधिक खाते प्रदेश की महिलाओं के हैं। पहले की सरकारों ने अपने कार्यकाल में एक फेल्योर स्टेट बनाया था। हमने एक सिक्योर स्टेट बनाया है। उन्होंने मिलियन लूटे थे और हम प्रदेश को 01 ट्रिलियन देंगे।
मुख्यमंत्री जी ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री श्री पी0वी0 नरसिम्हा राव, श्रद्धेय श्री लालकृष्ण आडवाणी, श्रद्धेय श्री कर्पूरी ठाकुर, प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ0 एम0एस0 स्वामीनाथन तथा को भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित करने के फैसले का स्वागत किया। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि चौधरी चरण सिंह जी का सम्बन्ध उत्तर प्रदेश से था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा देश के प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने करोड़ों किसानों की आवाज को बुलंदी दी। चौधरी साहब का सम्मान देश के कोटि-कोटि अन्नदाता किसानों का सम्मान है। यह निर्णय चौधरी साहब की स्मृतियों को एक नमन और विनम्र श्रद्धांजलि है।
चौधरी साहब ने जो सुधार प्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में और देश में प्रधानमंत्री के रूप में किए थे, वह अविस्मरणीय है। राजस्व व्यवस्था में उनके द्वारा किये गये सुधार आज भी देखने को मिलते हैं। आज एक गरीब को उसका अधिकार मिल रहा है, यह भी चौधरी साहब की देन है। किसानों की आवाज को हर मंच पर तवज्जो दी जा रही है। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आने के बाद किसान सरकार के एजेण्डे का हिस्सा बन सकता है, यह भी चौधरी साहब की देन है। चौधरी चरण सिंह का सम्मान किसानों का सम्मान है और उत्तर प्रदेश का सम्मान है। सभी नेताओं ने या अलग-अलग क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों ने देश को एक पहचान दी इसके लिए उन्हें भारत रत्न सम्मान दिया जाना सर्वथा उपयुक्त है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अंत्योदय से अर्थव्यवस्था तक, स्वास्थ्य से शिक्षा तक, इंफ्रास्ट्रक्चर से इंडस्ट्री तक, कृषि से कनेक्टिविटी तक, किसान से कामगार तक, आस्था से आजीविका तक तथा मान बिंदुओं के संवर्धन से मातृशक्ति के सशक्तीकरण तक विकसित भारत के बेहतर रोड मैप के साथ यह बजट वित्त मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना ने प्रस्तुत किया है। मुख्यमंत्री जी ने सदन से इस बजट को सर्वसम्मति से पास करने की अपील करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में प्रस्तुत करने के लिए आप लोग अगर संकल्पित हैं, तो आप भी इस संकल्प के साथ आगे बढ़ें।
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