मथुरा। श्रीकृष्णा जन्मभूमि मंदिर का केस लड़ रहे हिंदूवादी नेता दिनेश शर्मा फलाहारी ने बताया कि मंदिर को कई बार मुगल शासको द्वारा तोड़ा गया लेकिन हिंदुओं ने हिम्मत नहीं हारी और मुगल शासक मंदिर तोड़ते गए और हिंदू राजा मंदिर बनाते गए, 1017 में महमूद गजनवी ने मथुरा के प्रसिद्ध मंदिर श्री कृष्ण जन्म भूमि को तोड़ा और तोड़कर के उसमें सोना चांदी लूट के ले गया ,मूर्तियों को लूट कर ले गया ,उसके बाद हिंदू राजाओं का शासन काल आया और हिंदू राजा ने मंदिर को बनाया ,उसके बाद में 1250 के लगभग में हमारी श्री कृष्ण भूमि मंदिर को तोड़ा गया मुगल शासक फिरोज तुगलक द्वारा ।और उसके शासन खत्म होने के बाद में फिर 14 90 के करीब मंदिर को सिकंदर लोदी के शासन काल में में तोड़ा गया उसके बाद हिंदू राजाओं ने मंदिर बनाया ।उसके बाद में 1670 में मुगल शासक औरंगजेब के द्वारा मंदिर को तोड़ा गया ।इस प्रकार यह मंदिर कई बार तोड़ा गया और कई बार बनाया गया। मुगल शासक मंदिर तोड़ते गए और हिंदू राजाओं द्वारा मन्दिर बनाया गया ।औरंगजेब ने मंदिर को तोड़कर विशाल चबूतरा बनवाया और उस पर एक सफेद बिल्डिंग खड़ी की गई, उसको ही ईदगाह मस्जिद कहते हैं ।यह उस स्थान पर है बिल्डिंग जहां पर भगवान श्री कृष्ण का मूल गर्भ ग्रह है ,अभी भी हमारा भगवान का मूल गर्भ ग्रह भी मुगल शासको के द्वारा बनाए गए मस्जिद की कब्जे में है ।हमारा केस इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रहा है और इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सर्वे के ऑर्डर दे दिए थे लेकिन मुस्लिम समाज द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील करने पर कुछ दिनों के लिए सर्वे को रोक दिया गया है। इस प्रकार मुगल शासको द्वारा जो कब्जा किया गया वह उस बिल्डिंग की सर्वे को रोक दिया गया है ,लेकिन दिनेश शर्मा ने कहा कि हमने हिम्मत नहीं हारी है, सर्वे एक न एक दिन जरूर होगा क्योंकि न्यायालय सबूतों के आधार पर फैसला देगी और हमें विश्वास है कि एक न एक दिन सर्वे होकर रहेगा ।सर्वे का दौरान जितने भी साक्ष्य ईदगाह मस्जिद में छुपे हुए उन सब की रिपोर्ट बनाकर न्यायालय में अधिकारी जमा करेंगे और न्यायालय को फैसला देने में आसानी होगी। आने वाले समय में न्यायालय में सर्वे की तिथि फाइनल हो सकती है।
दिनेश शर्मा फलाहारी ने बताई मन्दिर मस्जिद की सच्चाई
rajgupta109111@gmail.com
0
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know