राष्ट्र अपने अतीत के अनुरूप विश्व गुरु की गरिमा से गौरवान्वित हो रहा है ।डां.कौशलेन्द्र कृष्ण शास्त्री महराज
लखनऊ
संत कुटी पलटूराम मंदिर सतरिख रोड चिनहट लखनऊ में श्री मद् भगवद् फाउंडेशन द्वारा आयोजित संगीतमय
श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवस श्री डां- कौशलेंद्र कृष्ण शास्त्री जी महाराज ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहां की नंद उत्सव के पश्चात भी बधाइयां देने का हर्षोल्लास बना रहा तब कंस के आदेश पर पूतना नाम की राक्षसी अपने स्तनों में जहर लगाकर भगवान कृष्ण को मारने आई उसे देखकर भगवान ने नेत्र बंद कर लिए पूतना भगवान को उठाकर आकाश मार्ग में ले गई भगवान ने दूध के साथ पूतना के प्राणों को भी पी लिया और उसका उद्धार कर दिया। महाराज जी ने कथा के प्रसंग में श्री राधा जन्मोत्सव भी बड़ी धूमधाम से मनाया और शिक्षा प्रदान की की बेटा बेटी में भेद नहीं समझना चाहिए एक समान दृष्टि रखना चाहिए शहनाई उसी के घर बजती है जिसके यहां बेटी का जन्म होता है। महराज जी ने कहा कि बचपन से ही घर के बड़े-बुजुर्गों से प्रभु श्री राम की कीर्ति, शौर्य और प्रभुता की बातें सुनता रहता था। युवा अवस्था के प्रारंभ में बताया गया कि आक्रांताओं ने अयोध्या में आक्रमण करके भगवान श्रीराम जन्मभूमि स्थान पर बने मंदिर को बर्बरतापूर्वक तोड़कर मस्जिद का विवादित ढांचा बनाया गया था। यह बात सुनने के बाद से ही मन उद्वलित रहने लगा कि हमारे आराध्य और रोम-रोम में बसने वाले भगवान श्रीराम के जन्मस्थान पर हुआ आक्रमण सनातन और हमारी आस्था पर आक्रमण था। लेकिन जब आज राम लला आपने भवन में विराजमान तो मन और हदय दोनों गदगद हो उठा। कथा के मुख्य यजमान राजेश पाठक खूशबू दिनेशानंद ज्योतिष गुरू पंडित अतुल सूरज शास्त्री आदि लोगों ने 56 भोग भी लगाएं।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know