जौनपुर। दवा प्रतिनिधि आठ सूत्री मांग को लेकर हड़ताल पर
जौनपुर। दवा प्रतिनिधियों के अखिल भारतीय संगठन एफ एमआर एआई के आवाहन पर जौनपुर के भी सारे दवा प्रतिनिधियों ने आज अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे, जिसमें पांच मांगे सरकार से व तीन मांगे नियुक्ताओं से रहा। कार्यालय के प्रांगण में एक विशेष आम सभा किया।
राज्य सचिव नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि दवा प्रतिनिधियों के एकमात्र कानून सेल्स प्रमोशन इम्पलाई एक्ट 1976 को भी नियोक्ताओं के दबाव में यह सरकार समाप्त करने की कोशिश में है तथा आजादी के बाद अब तक दवा प्रतिनिधियों के लिए कोई कार्य नियमावली नहीं बना है जिसे बनाने का मांग रखा गया। राजेश रावत ने बताया कि आज तमाम अस्पतालों में यह कहा जाता है की दवा प्रतिनिधियों का प्रवेश वर्जित है जो कि यह गैर कानूनी है। ड्रग्स एवं मैजिक रेमेडीज सर्विस एक्ट 1954 कहता है कि कानूनी रूप से दवा प्रतिनिधि अस्पतालों, रजिस्टर्ड चिकित्सको एवं लैबोरेट्री में जाने के लिए कानूनी रूप से अधिकृत है। जिसे भारत के संविधान ने उन्हें यह अधिकार दे रखा है तथा आज दावों का बेतहाशा कीमतें बढ़ रही है जिसे आम जनमानस पर बुरा असर पड़ रहा है। इसलिए सरकार को दवा के दाम कम एवं जीएसटी से बाहर रखना चाहिए। मनोज सिंह, आलोक सिंह, अमित रंजन श्रीवास्तव, अच्युत दुबे, अजय सिंह, अनिल मिश्रा, अरुण सिंह, रवि सिंह, मुकेश मौर्य, राहुल सिंह, सुनील चैधरी के साथ तमाम साथियों का सहयोग रहा।
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