कृतिदेव यहां सी.आई.एस.वी. मिनी कैम्प का ‘ओपेन डे समारोह’

शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों द्वारा हरी-भरी खुशहाल

धरती का अलख जगाया सी.एम.एस. छात्रों ने

लखनऊ, 18 दिसम्बर। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय सी.आई.एस.वी. मिनी कैम्प का ‘ओपेन डे समारोह’ सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर सी.एम.एस. के मेधावी छात्रों ने शिक्षात्मक-साँस्कृतिक प्रस्तुतियों से वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को साकार रूप देने के साथ ही  एकता, शान्ति व सौहार्द से परिपूर्ण हरी-भरी खुशहाल धरती का अलख जगाया। विदित हो कि यह तीन दिवसीय मिनी कैम्प ‘इन्वार्यनमेन्टल सस्टेनबिलिटी’ थीम पर आयोजित किया गया, जिसमें सी.एम.एस. के 18 कैम्पसों के 10 से 11 वर्ष उम के छात्रों ने अपने टीम लीडर के नेतृत्व में प्रतिभाग किया एवं तीन दिनों तक एक साथ एक छत के नीचे साथ-साथ रहकर प्रेम, शान्ति, एकता, सहयोग और भाईचारे का प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस कैम्प में पर्यावरण जागरूकता से सम्बन्धित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन सम्पन्न हुआ। मिनी कैम्प का उद्देश्य भावी पीढ़ी में पर्यावरण संवर्धन के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना एवं आपसी भाईचारा, विश्व शांति तथा विश्व बन्धुत्व की भावना का समावेश करना है।

इससे पहले, सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने ‘ओपेन डे समारोह’ का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में डा. गाँधी ने कहा कि सी.एम.एस. केवल किताबी ज्ञान न देकर बच्चों को जीवन मूल्यों की शिक्षा से भी ओतप्रोत कर बच्चों का सम्पूर्ण विकास करने को प्रतिबद्ध है और आज का यह कार्यक्रम इन्हीं विचारों का साकार रूप है। यह बाल शिविर छात्रों के बीच आपसी समझ को बढ़ाने एवं उन्हें एकता, शान्ति व भाईचारे के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है, साथ ही साथ पर्यावरण जैसी वैश्विक चुनौतियों के शान्तिपूर्ण समाधान हेतु प्रेरित करता है।

सी.आई.एस.वी. ओपेन डे समारोह का शुभारम्भ सर्वधर्म व विश्व शान्ति प्रार्थना से हुआ। इस अवसर पर छात्रों ने विभिन्न शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों द्वारा विश्व एकता एवं विश्व शान्ति का अलख जगाया। छात्रों व उनके टीम लीडर ने अपनी सामूहिक प्रस्तुतियों से जनमानस को प्रकृति प्रदत्त धरती के रखरखाव व प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग हेतु प्रेरित किया। इस भव्य समारोह ने जहाँ एक ओर हँसते-गाते एक विश्व परिवार की अनुभूति करायी तो वहीं दूसरी ओर हरित क्रान्ति का बिगुल भी बजाया। बाल शिविर की डायरेक्टर सुश्री मोनिका एरोन ने सभी प्रतिभागी छात्रों व टीम लीडरों का हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह बाल शिविर अपने आप में एक लघु विश्व की झलक है। यह एक साथ रहकर छात्रों ने मित्रता व सद्भाव की जो शिक्षा प्राप्त की है, वह पूरी जिन्दगी उनके साथ रहेगी।



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