वृन्दावन।सुनरख रोड़ स्थित हरे कृष्णा ऑर्चिड में सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव में व्यासपीठ से श्रीहरिदासी वैष्णव संप्रदायाचार्य विश्वविख्यात भागवत प्रवक्ता आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज ने अपनी सुमधुर वाणी में सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को भगवान श्रीकृष्ण जन्म की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि पृथ्वी पर जब-जब पाप और अधर्म बढ़ने लगता है तथा धर्म की हानि होती है, तब-तब अखिल कोटि ब्रह्माण्ड नायक परब्रह्म परमेश्वर भगवान नारायण किसी न किसी रूप में अवतरित होकर पाप और अधर्म का नाश करते हैं।साथ ही धर्म की पुनः स्थापना करके भक्तों के सभी संकटों को हर लेते हैं।द्वापर युग में जब मथुरा के राजा कंस के अत्याचारों से ब्रजभूमि त्रस्त हो गई थी, तब भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लेकर कंस का अंत किया।साथ ही ब्रजवासियों को पापी राजा के अत्याचारों से मुक्ति दिलाई।इसीलिए वे ब्रजवासियों के ईष्ट देव हैं।
पूज्य महाराजश्री ने कहा कि द्वापर में पृथ्वी पर भगवान श्रीकृष्ण ने अवतार लेकर उन ऋषियों, मुनियों व तपस्वियों की मनोकामनाओं को पूर्ण किया, जिन्होंने युगों-युगों से प्रभु को पाने के लिए कठोर तप व कठिन भगवद साधना की थी।उन ऋषियों, मुनियों व तपस्वियों ने भी अपनी कठोर तप व भगवद साधना के फलस्वरूप भगवान श्रीकृष्ण के  समकालीन गोप-गोपियों और भगवान के सखाओं के रूप में जन्म लिया।
आयोजन के मुख्य यजमान ललित बेरीवाला, बिरम प्रकाश सुल्तानिया, रवि बेरीवाला, प्रदीप तोदी, दीपक गोयनका, निकुंज बेरीवाला, संजय बरलिया, महेश अग्रवाल, संजय अग्रवाल, किशन मोदी, विनाद केडिया, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, प्रमुख समाजसेवी दासबिहारी अग्रवाल, राजा पण्डित, पण्डित रविन्द्र, पण्डित उमाशंकर मिश्रा एवं डॉ. राधाकांत शर्मा, अमित पाठक आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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