उतरौला(बलरामपुर) उतरौला तहसील क्षेत्र में एक भी कोल्ड स्टोरेज न होने के कारण किसान आलू का उत्पादन करके उसको सुरक्षित कोल्ड स्टोरेज में रख सके। मजबूरन किसान आलू का उत्पादन न करके गन्ने की खेती करके नगदी फसलों पर आधारित है। क्षेत्र में आलू की कमी पर हजारों बोरी आलू पश्चिम जनपद के फरुखाबाद, कानपुर समेत कई जिलों से रोज आता है। 
इस क्षेत्र के लोगों का आलू मुख्य भोजन है। लगभग सभी सब्जियों के भोजन में आलू की सब्जियो का उपयोग किया जाता है। परन्तु आलू की पैदावार इस क्षेत्र में न होने से इसको पश्चिम जिले से मंगाया जाता है। प्रतिदिन हजारों बोरी आलू पर लोग निर्भर रहने से सब्जी में उपयोग करते है। किसान राम फेर ने बताया हैं कि इस क्षेत्र में आलू की खेती काफी उत्पादन किसान कर सकते हैं लेकिन पूरे तहसील क्षेत्र में एक भी कोल्ड स्टोरेज न‌ होने से किसान आलू को सुरक्षित रख नहीं पाते है। इससे किसान आलू की जगह नगदी फसल  गन्ने का उत्पादन करने में रुचि लेते हैं। किसान अब्दुल समद ने कहा कि इस क्षेत्र की जमीन उपजाऊ होने से किसान आलू का उत्पादन करना चाहते हैं लेकिन उसकी सुरक्षा के इंतजाम न होने से किसान आलू उत्पादन से मुंह मोडे हुए हैं। सहायक कृषि अधिकारी जुगुल किशोर वर्मा ने बताया कि इस क्षेत्र में आलू की कमी को पश्चिम जिलों से पूरा किया जाता है।‌ इस क्षेत्र में आलू की काफी खपत भी है। आलू पर अनुसंधान के लिए सी पी आर आई शिमला में केंद्र खुला है।
उसके बाद मोदीपुर में अनुसंधान केन्द्र खुला है। इस जनपद में एक भी कोल्ड स्टोरेज न होने से किसानों का आलू उत्पादन के बाद सुरक्षित नहीं रहता है। गर्मियों में काफी आलू सड जाते है। इस कारण इस क्षेत्र में आलू उत्पादन काफी कम हो रहा है।‌
असगर अली
उतरौला 

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