राजकुमार गुप्ता 
मथुरा / बंदरों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। ग्रामीण अब बंदरों से स्थाई निजात पाना चाहते हैं क्योंकि बंदरों के हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।  बंदरों के खौफ की वजह से लोगों का बाहर निकलना दुश्वार हो गया है। बलदेव क्षेत्र के गढ़सौली, बरौली बंदरों के हमले से कई लोग जख्मी हो चुके हैं। गढ़सौली निवासी भाकियू चढूनी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रतन सिंह पहलवान, व  80 वर्षीय अनौखी देवी को बंदरों ने 6 महीने में दो बार काट कर जख्मी कर दिया है। बरौली के चित्रेश पुत्र हरिपाल सिंह , नेहनी पत्नी केवल सिंह, गुप्पाली पत्नी श्यामसुंदर को बंदरों ने काट लिया है। पूर्व में भी बंदर कई लोगों को जख्मी कर चुके हैं। भाकियू चढूनी के मंडल अध्यक्ष रामवीर सिंह तोमर ने कहा कि बंदर के हमले सबसे ज्यादा बच्चे, बुजुर्ग और महिलाओं पर हो रहे हैं। बावजूद शासन और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
गांव में बंदरों ने लोगों का जीना हराम कर दिया है। बच्चे बाहर निकलने में घबराने लगे हैं। घर के अंदर तक घुसकर हमला बोल रहे हैं। जिम्मेदार इस समस्या को हल्के में ले रहे हैं। बरौली के हरिपाल सिंह परिहार ने बताया कि बंदरों का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि पलक झपकते ही खाने-पीने की चीजों को झपटकर ले जाने के अलावा तमाम सामानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। बंदरों को रोकने पर वे हमलावर हो रहे हैं और लोगों को घायल कर रहे हैं। भाकियू चढूनी के मंडल अध्यक्ष रामवीर सिंह तोमर, हथकौली के रमेश चंद्र सिकरवार, आंगई के सोहन सिंह सिकरवार, बरौली के श्याम सिंह परिहार, ओमवीर परिहार, जादोपुर के रविकांत सहित कठैला बरौली आदि  गांव  लोगों ने बंदरों से स्थाई मुक्ति दिलाने की सरकार से मांग की हैं। ग्रामीण अब मुखर हो गए हैं। उन्होंने कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

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