औरैया // 50 शैया जिला अस्पताल में शुक्रवार इमरजेंसी वार्ड ओपीडी के बाहर बच्चों को लेकर पहुंचे परिजनों को घंटों इंतजार करना पड़ा। कई तीमारदार बच्चों को लेकर वापस भी लौट गए, वहीं कुछ ने जानकारी होने पर इमरजेंसी में पहुंचकर बाल रोग विशेषज्ञ को बच्चों को दिखवाया,एक लंबे समय से शहर के 50 शैया युक्त जिला अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी के चिकित्सकों की कमी के चलते यह समस्या चल रही है। हालांकि अस्पताल प्रशासन की ओर से ईएमओ की तैनाती के लिए कईयों बार शासन को पत्र भी लिखे जा चुके हैं बावजूद इसके आज तक चिकित्सकों का अभाव बना है 50 शैया जिला अस्पताल के इमरजेंसी में चार ईएमओ के पद खाली है जिन्हें वर्षों से भरा नहीं जा सका है स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक ऐसे में यहां पर एक स्थाई स्पेशलिस्ट डाक्टर की तैनाती आवश्यक होती है जिसे देखते हुए शुक्रवार को डॉ. पंकज राजपूत की इमरजेंसी में ड्यूटी लगाई गई जिससे ओपीडी में उनकी खाली कुर्सी देख तमाम महिलाएं बीमार बच्चों को लेकर चिंतित नजर आईं। उनका कहना था कि वह दो घंटे से बाल रोग विशेषज्ञ का इंतजार कर रही हैं। उन्हें ही बच्चे को दिखाएंगे तीमारदारों की निष्ठा प्रबल रही, लेकिन डॉक्टर का अभाव परेशान करने वाला रहा ओपीडी में काफी संख्या में बीमार बच्चों के मामले शुक्रवार को पहुंचे। गले में खरास, सीने में जकड़न, सांस लेने में दिक्कत, उल्टी आदि सर्दी से जुड़ी समस्याएं बच्चो को हो रही है,50 शैया जिला अस्पताल की सीएमएस मंजू सचान का कहना है की 50 शैया जिला अस्पताल में दो बाल रोग विशेषज्ञ होने चाहिए वैकल्पिक व्यवस्था से ओपीडी चलती रहे इमरजेंसी में चार इएमओ के पद खाली हैं ऐसे में स्पेशलिस्ट डॉक्टर लगातार तैनात होना अनिवार्य है जिसे देखते हुए डॉ. पंकज राजपूत की ड्यूटी लगाई जाती है ईएमओ के खाली पदों को भरने के लिए सीएमओ व शासन को पूर्व में पत्र भेजा जा चुका है।

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