उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में इलेक्ट्रिक व्हीकल क्रय सब्सिडी योजना के अन्तर्गत 4100 इलेक्ट्रिक वाहन क्रेताओं के बैंक खातों में सब्सिडी धनराशि का आॅनलाइन अन्तरण किया। इस अवसर पर उन्होंने 10 इलेक्ट्रिक वाहन क्रेताओं को सब्सिडी धनराशि का प्रतीकात्मक चेक भी प्रदान किया। उन्हांेने परिवहन विभाग के प्रवर्तन दलों हेतु 38 इण्टरसेप्टर वाहनों, सड़क सुरक्षा के प्रचार-प्रसार हेतु 12 प्रचार वाहनों तथा परिवहन निगम की 51 नवीन बी0एस0-6 डीजल बसों का फ्लैग आॅफ किया।
कार्यक्रम के दौरान परिवहन विभाग और वाहन निर्माता कम्पनी मारुति सुजुकी लि0 के मध्य ड्राइविंग, ट्रेनिंग एवं टेस्टिंग इन्स्टीट्यूट (डी0टी0टी0आई0) के आॅटोमेशन व मेन्टेनेन्स हेतु तथा उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम, उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एवं उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के मध्य ग्रामीण महिलाओं को हल्के व भारी वाहनों को चलाने के प्रशिक्षण के सम्बन्ध में एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित किया गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति बनायी है। इसमें वाहन रजिस्ट्रेशन के समय टैक्स व फीस में शत-प्रतिशत छूट, पंजीयन के समय डीलर प्वाइंट रजिस्ट्रेशन के माध्यम से वाहन स्वामी को प्रदान की जा रही है। यह व्यवस्था अक्टूबर, 2027 तक के लिए लागू है। इलेक्ट्रिक व्हीकल क्रय सब्सिडी योजना के अन्तर्गत भी एक नया वेबपोर्टल विकसित किया गया है। इसके माध्यम से किसी क्रेता को क्रय सब्सिडी, जो इस योजना की प्रभावी अवधि में एक ही बार अनुमन्य है, देने की व्यवस्था की गयी है। यह योजना 13 अक्टूबर, 2024 तक प्रभावी है। आवेदनकर्ता को आवेदन की अद्यतन स्थिति इस पोर्टल पर देखे जाने की सुविधा उपलब्ध है। आवेदन का सत्यापन सम्बन्धित डीलर एवं पंजीयन अधिकारी द्वारा किये जाने के पश्चात क्रय सब्सिडी का भुगतान, आवेदक के बैंक खाते में स्टेट बैंक आॅफ इण्डिया के माध्यम से आॅनलाइन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल सब्सिडी योजना के अन्तर्गत 4,110 लाभार्थियों को आज 13.11 करोड़ रुपये की सब्सिडी वितरित की जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल पाॅलिसी मंे सरकार द्वारा 20 लाख रुपये तक का इंसेंटिव भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इसका लाभ लोगों को लेना चाहिए। इन वाहनों में डीजल आदि का खर्चा नहीं होता। एक अनुमान के अनुसार प्रदेश में 01 लाख इलेक्ट्रिक बसों की आवश्यकता है। यदि प्रत्येक गांव को इसकी सुविधा से जोड़ा जाए तो 01 लाख अतिरिक्त बसें चाहिए। वर्तमान में केवल उत्तर प्रदेश में ही 02 लाख इलेक्ट्रिक बसों की आवश्यकता है। इनके माध्यम से रोजगार का सृजन भी होगा और लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बेहतर सुविधा भी मिलेगी। इनसे धुंआ तथा शोर नहीं होता। इन बसों के माध्यम से कार्बन एमिशन को शून्य तक पहुंचाने के प्रधानमंत्री जी विजन को भी पूरा कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी पेट्रोल पम्पों पर चार्जिंग स्टेशन बनाए जाने चाहिए। पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराने, सड़क दुर्घटना रोकने के लिए किये जा रहे प्रयासांे को आगे बढ़ाने तथा पेट्रोल पम्पों पर चार्जिंग स्टेशन बनाये जाने के कार्याें में उत्तर प्रदेश को नेतृत्व प्रदान करना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 16 मण्डलीय मुख्यालय वाले जनपदों में आई0टी0आई0 परिसर में ड्राइविंग टेªनिंग एवं टेस्टिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना का निर्णय लिया गया है। इसके माध्यम से प्रदेश में दक्ष एवं कुशल चालकों को तैयार किया जाएगा। इसमें एक जनपद को छोड़कर अन्य स्थानों पर कार्य पूरा किया जा चुका है। इन इंस्टीट्यूट्स के टेस्टिंग टैªक की डिजाइन सेन्ट्रल इंस्टीट्यूट आॅफ रोड ट्रांसपोर्ट, पुणे द्वारा तैयार की गयी है। वर्तमान में इन इंस्टीट्यूट्स में मैनुअल टेस्टिंग के साथ-साथ ड्राइविंग लाइसेंस निर्गमन का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उ0प्र0 परिवहन विभाग और ड्राइविंग टेªनिंग एवं टेस्टिंग इंस्टीट्यूट (डी0टी0टी0आई0) के आॅटोमेशन/मेन्टेनेन्स हेतु वाहन विनिर्माता कम्पनी मारुति सुजुकी लि0 के साथ आज यहां एम0ओ0यू0 सम्पन्न हुआ है। इसके अन्तर्गत देश की प्रमुख वाहन विनिर्माता कम्पनी मारुति सुजुकी लि0 द्वारा 05 डी0टी0टी0आई0-गोरखपुर, अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज एवं मथुरा के टेस्टिंग टैªक का आॅटोमेशन वीडियो एनालेटिक बेस्ड कैमरे के माध्यम से किया जाएगा। परिवहन विभाग एवं मारुति सुजुकी लि0 के मध्य यह एम0ओ0यू0 07 वर्ष के लिए हस्ताक्षरित किया गया है। एम0ओ0यू0 के तहत प्रति इंस्टीट्यूट लगभग 02 करोड़ रुपये सी0एस0आर0 से मारुति सुजुकी लि0 द्वारा वहन की जाएगी। मारुति सुजुकी लि0 द्वारा 03 वर्ष तक निःशुल्क मेटेनेन्स भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री जी ने इसे एक अच्छी शुरुआत बताते हुए मारुति सुजुकी का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सड़क दुर्घटना में होने वाली मृत्यु आज एक बड़ी चुनौती है। इससे परिवार के परिवार समाप्त हो जा रहे हैं। इसे रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने लगातार प्रयास किये हैं। ज्यादातर दुर्घटनाएं ओवरस्पीडिंग, चालक के दक्ष न होने, रोड इंजीनियरिंग में कमी, मानवीय गलती या अन्य कारणों से होती हैं। इस पर नियंत्रण करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा परिवहन विभाग को सड़क सुरक्षा कोष से क्रय किये गये 38 स्काॅर्पियो इण्टरसेप्टर वाहन उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इन इण्टरसेप्टर वाहनों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स युक्त स्पीड लेजर गन एवं ए0एन0पी0आर0 कैमरे लगाये गये हैं। इससे वाहनों की ओवरस्पीडिंग की जांच के साथ-साथ हेलमेट, सीट बेल्ट, ट्रिपल राइडर तथा नम्बर प्लेट की भी जांच की जा सकेगी।
इण्टरसेप्टर वाहन में पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगाया गया है, जिसके माध्यम से किसी संदेश को प्रसारित किया जा सकता है। वाहन की बाहरी बाॅडी पर रिफ्लेक्टिंग टेप से ब्राण्डिंग की गयी है, जिससे अंधेरे में भी गाड़ी दूर से दिखायी दे सकें। इस वाहन का निर्माण विनिर्माता महिन्द्रा कम्पनी द्वारा किया गया है। ड्रंकन ड्राइविंग की चेकिंग हेतु 558 ब्रेथ एनालाइजर दिये गये हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसके साथ ही, सड़क सुरक्षा के प्रचार-प्रसार हेतु 12 पब्लिसिटी वैन का फ्लैग आॅफ भी हो रहा है। प्रचार वाहनों में एल0ई0डी0 स्क्रीन की स्थापना की गयी है। इनके द्वारा वीडियो/पिक्चर के माध्यम से जानकारी दी जाएगी। हमारा प्रयास है कि स्कूल, काॅलेजों में यह वैन भेजी जाए। इसके माध्यम से सड़क सुरक्षा, यातायात नियमों के प्रति जनमानस को जागरूक किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि परिवहन निगम ट्रांसपोर्ट का प्रमुख माध्यम है। प्रयागराज कुम्भ-2019 में परिवहन निगम ने बेहतरीन सेवाएं दी थी। कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश के लगभग 40 लाख कामगार और श्रमिक तथा अन्य प्रदेशों के लगभग 60 लाख कामगार और श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिये उस समय परिवहन निगम ने अपनी सेवाएं दी थी, वह अभिनन्दनीय है। परिवहन निगम के बेडे़ को मजबूत करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 400 करोड़ रुपये की पूंजी उपलब्ध करायी है। आज 51 बी0एस0-6 डीजल बसों का शुभारम्भ किया जा रहा है। इनका प्रयोग एन0सी0आर0 क्षेत्र में किया जाएगा।
इसके साथ ही, यहां जो एम0ओ0यू0 सम्पन्न किया गया है, वह ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को प्रशिक्षण देने का माध्यम बनेगा। आज महिलाएं हर एक क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। परिवहन निगम ने जनपद अयोध्या से बसों का संचालन महिला परिचालक के द्वारा किये जाने के कार्यक्रम की शुरुआत की है। रोजगार के अवसर सृजित करने तथा कार्बन एमिशन को शून्य पहुंचाने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन के लिए आज का यह कार्यक्रम आयोजित हुआ है। जिन व्यक्तियों ने इलेक्ट्रिक वाहन खरीदें हैं, सरकार उन्हें सब्सिडी भी उपलब्ध करा रही है। उन्हें रजिस्ट्रेशन में भी छूट दी जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जनपदों, गांवों, स्कूल-काॅलेजों में सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित जागरूकता के आयोजन होने चाहिए। इनसे सम्बन्धित होर्डिंग तथा बैनर लगाये जाने चाहिए। कोरोना काल में प्रदेश में 02 वर्ष में 24 हजार से कम लोगों की मृत्यु हुई, लेकिन सड़क दुर्घटना से ही प्रतिवर्ष 20 से 22 हजार लोगों की मृत्यु होती है। हम इन अमूल्य जीवन को बचा सकते हैं। सरकार के साथ ही समाज के हर व्यक्ति को इसके लिए जागरूक होना चाहिए। ओवरस्पीडिंग से बचना चाहिए, नशे में वाहन नहीं चलाना चाहिए और यातायात के नियमों का पालन करना चाहिए।
इस अवसर पर परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर सिंह, मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव परिवहन श्री एल0 वेंक्टेश्वर लू सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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