लखनऊ: 24 नवम्बर, 2023:ः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी कहा कि भारत में संत परम्परा का व्यापक महत्व है। गुरु व शिष्य में रक्त सम्बन्धों से ज्यादा गहरा सम्बन्ध एवं मर्यादा होती है। हमारे संतों तथा उनके त्याग, बलिदान एवं समर्पण के कारण 500 वर्षांे के बाद अयोध्या में श्रीरामलला मन्दिर का निर्माण हो रहा है। श्रीरामलला 22 जनवरी, 2024 को अपने भव्य मन्दिर में विराजमान होंगे। यह देश और दुनिया के लिए एक अद्भुत क्षण होगा।
मुख्यमंत्री जी आज जनपद अयोध्या में बड़ा भक्तमाल के महन्त श्री अवधेशदास जी द्वारा आयोजित सीताराम जी/अवध बिहारी जी को स्वर्ण मुकुट समर्पित करने तथा भक्तमाल के साकेतवासी पीठाधीश्वर की स्मृति में आयोजित संत सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने पूज्य भक्तमाल जी को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि गुरु-शिष्य की परम्परा कैसी होती है और भगवान तथा भक्त के बीच किस प्रकार का सम्बन्ध होता है, यह समारोह इसका उदाहरण है। आज बड़े भक्तमाल जी के शिष्यों ने प्रभु श्रीराम तथा माता जानकी को सोने का मुकुट और छत्र प्रदान करते हुए प्रभु के प्रति समर्पण का भाव प्रदर्शित किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूज्य संतों के नेतृत्व में श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन एक लम्बे संघर्ष के बाद आज निर्णायक स्थिति प्राप्त कर रहा है। अयोध्या पूरे देश में रामराज्य की आधारशिला को पुष्ट करते हुए उसके गुण-गान के लिए तैयार हो रही है। केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार अयोध्या को भव्य रूप में विकसित करने के लिए संकल्पबद्ध है। इसी क्रम में यहां पर सड़कों एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हम सभी का दायित्व है कि हम लोग मिलकर श्रीरामलला के भव्य मन्दिर में विराजमान होने के कार्यक्रम को सफल बनाये। इस कार्यक्रम के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आएंगे और यह क्रम लगातार चलता रहेगा। ऐसे में अयोध्यावासियों को आदर-सत्कार का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करना होगा। अयोध्या की व्यवस्था को सुन्दर व सुव्यवस्थित करने में अपना योगदान देना होगा। अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के प्रति सद्व्यवहार हो, जो भी यहां आए वह प्रभावित होकर जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक भाई का भाई के प्रति, पुत्र का पिता के प्रति, पुत्र का माँ के प्रति, पति का पत्नी के प्रति तथा पत्नी का पति के प्रति क्या दायित्व होना चाहिए, मानवीय जीवन से जुड़े सभी रिश्ते भगवान श्रीराम के आदर्श जीवन से प्रेरणा प्राप्त करते हैं। हमारे आश्रमों में गुरु-शिष्य सम्बन्धांे की परम्परा को सुदृढ़ भाव से आगे बढ़ाने का कार्य हो रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज देश में बहुत परिवर्तन हुए है और हो रहे हैं। हम एक नये भारत का दर्शन कर रहे हैं। पूरी दुनिया का दृष्टिकोण भारत के प्रति बदला है। आज हिन्दू व भारतीय शब्द बोलने में संकोच नहीं होता। हर व्यक्ति सनातन, भारत तथा भारतीयता के प्रति सम्मान का भाव रखता है। इस दृष्टि से अयोध्या दुनिया की सुन्दरतम नगरी के रूप में दिखाई दे, यह कार्य हमें अभी से प्रारम्भ करना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है। इसका एक आदर्श उदाहरण विभिन्न धार्मिक आयोजन तथा कुम्भ के अवसर पर पूज्य संतों के माध्यम से हमंे देखने को मिलता है।
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