वृन्दावन।सुनरख रोड़ स्थित बलराम बाबा के तीन नम्बर आश्रम पर प्रख्यात संत योगीराज परशुराम दास महाराज का 147 वां जयंती महोत्सव एवं तुलसी-शालिग्राम विवाह महोत्सव अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ प्रमुख संतों - विद्वानों एवं धर्माचार्यों की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।जिसके अन्तर्गत परिक्रमा मार्ग स्थित सुखधाम आश्रम से शालिग्राम भगवान की भव्य बारात अत्यंत धूमधाम और गाजे-बाजे के साथ विवाह स्थल तक निकाली गई।साथ ही बैंड-बाजों के बीच मंगल गान गाए गए।इसके अलावा आतिशबाजी व पटाखे चलाए गए।
इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त करते हुए पीपाद्वाराचार्य जगद्गुरू बाबा बलरामदास देवाचार्य महाराज ने कहा कि हमारे सदगुरुदेव योगीराज परशुराम दास महाराज परम तपस्वी एवं सिद्ध संत थे।उनका सम्पूर्ण जीवन वैदिक सनातन संस्कृति, संतों एवं परोपकार के लिए समर्पित रहा।वे भले ही आज हमारे बीच न हों, परंतु उनके दिव्य परमाणु आज भी इस आश्रम में विद्यमान हैं और हम सबका कल्याण कर रहे हैं।
श्रीराधा उपासना कुंज के महंत बाबा संतदास महाराज एवं
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि संत शिरोमणि योगीराज परशुराम दास महाराज श्रीरामानंदीय संप्रदाय के परम उपासक थे।उन्होंने अपनी साधना के बल पर असंख्य व्यक्तियों को प्रभु भक्ति के मार्ग से जोड़कर उनका कल्याण किया।ऐसे दिव्य संतों का दर्शन सदैव ही मंगलकारी होता है।
महंत सीताराम शरण महाराज एवं महंत रामस्वरूप दास ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि योगीराज परशुराम दास महाराज परम उदारवादी एवं त्यागमूर्ति थे।उनके जीवन में प्रभु का भजन व साधु सेवा ही सर्वोपरि था।ऐसी दिव्य पुण्यात्माएं पृथ्वी पर कभी-कभार ही अवतरित होती हैं।
महोत्सव में सिंहपौर हनुमान मंदिर के महंत सुंदरदास महाराज, भगवान भजनाश्रम के कोषाध्यक्ष बिहारीलाल सर्राफ, साध्वी डॉ. राकेश हरिप्रिया, अखंडानंद आश्रम के पुस्तकालयाध्यक्ष संत सेवानंद ब्रह्मचारी, महंत शिवदत्त प्रपन्नाचार्य महाराज, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, महंत लाड़िली दास, कोतवाल गंगानंद महाराज आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।संचालन डॉ. रमेश चंद्राचार्य विधिशास्त्री महाराज ने किया।
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