अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन का आज हुआ भव्य उद्घाटन
शांति स्थापना को हर स्तर पर प्रोत्साहित करने की आवश्यकता
-- श्री मैरी सिरिल एडी बोइसेज़ोन, उप-राष्ट्रपति, मॉरीशस
लखनऊ, 4 नवम्बर। सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा आयोजित ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के
24वें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ का उद्घाटन आज मॉरीशस के उप-राष्ट्रपति श्री मैरी सिरिल एडी बोइसेज़ोन ने सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री बोइसेजोन ने कहा कि शांति स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु हर स्तर पर प्रयास करने की जरूरत है। बदलाव तभी आ सकता है जब हम सब साथ खड़े हों। उन्होंने कहा कि सी.एम.एस. की पहल पर मुख्य न्यायाधीशों व न्यायाधीशों ने भावी पीढ़ी की भलाई का जो बीड़ा उठाया है, वह स्वागत योग्य है। सभी देशों में इस प्रकार के आयोजन होने चाहिए।
अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में विभिन्न देशों से पधारे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व अन्य राजनीतिक हस्तियों समेत कई प्रख्यात न्यायमूर्तियों ने अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर ट्यूनीशिया के नोबेल पुरस्कार विजेता श्री अब्देस्सतार बेन मूसा ने कहा कि आज विश्व में ऐसे लोगों एवं संस्थाओं की जरूरत है जो सबका भला सोचें। हमें जाति, रंग या भाषा से परे हटकर मानवाधिकार, न्याय, स्वतंत्रता, समानता पर जोर देना चाहिए। श्री मूसा ने विश्व एकता व विश्व शान्ति की स्थापना हेतु कई सुझाव भी दिये। घाना संसद के अध्यक्ष श्री अल्बान सुमना किंग्सफोर्ड बैगबिन ने कहा कि कोई देश या महाद्वीप वैश्विक समस्याओं से अकेले नहीं जूझ सकता है, हम सबको मिलकर इनसे लड़ना होगा। यू.एन. चार्टर में बदलाव लाने की आवश्यकता है। धरती में हमारे पुरखों से नहीं बल्कि अपने बच्चों से उधार में मिली है। अमेरिका से पधारे डा. जोशुआ लिंकन ने कहा कि हमें वर्तमान की समस्याओं से परे भविश्य के बारे में सोचना होगा। इस अवसर पर क्रोएशिया के पूर्व राष्ट्रपति श्री स्टीपन मेसिक, ने कहा कि यू.एन. को सिर्फ युद्ध के समय ही नहीं अपितु सामान्य परिस्थितियों में भी सदैव एकता व शान्ति स्थापना हेतु प्रयासरत रहना चाहिए। इस अवसर पर बुरण्डी के नेशनल असेंबली के अध्यक्ष श्री गेलेज़ डेनियल नडाबीराबे समेत कई न्यायविद्ों व कानूनविद्ों ने अपने सारगर्भित विचार रखे।
सम्मेलन के संयोजक व सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने आज एक प्रेस कान्फ्रेन्स में कहा कि मुख्य न्यायाधीशों ने सी.एम.एस. छात्रों की अपील को ध्यानपूर्वक सुना और इस पर गहरा विचार-विमर्श किया। डा. गाँधी ने न्यायविद्ों व कानूनविदों के विचार-विमर्श से पत्रकारों को विस्तार से अवगत कराया।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. छात्रों ने आज विशाल विश्व एकता मार्च निकालकर विश्व के ढाई अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य का अलख जगाया। 61 देशों से पधारे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद अध्यक्ष व कई अन्य गणमान्य हस्तियों समेत विभिन्न देशों के मुख्य न्यायाधीशों व न्यायाधीशों ने ‘विश्व एकता मार्च’ की अगवाई कर भावी पीढ़ी के लिए सरक्षित व सुखद भविष्य की आवाज बुलंद की। यह विश्व एकता मार्च कानपुर रोड स्थित पुरानी चुंगी से सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम तक निकाला गया। श्री शर्मा ने बताया कि दिनभर की चर्चा-परिचर्चा के बाद सभी
न्यायाधीश व कानूनविद् आज सायं नवीन हाईकोर्ट परिसर का अवलोकन किया एवं इसकी वास्तुकला भी भूरि-भूरि प्रशंसा की। इसके उपरान्त विभिन्न देशों से पधारे न्यायविद् सी.एम.एस. राजाजीपुरम कैम्पस में आयोजित साँस्कृतिक संध्या एवं रात्रिभोज में शामिल हुए।
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