एक दिवसीय वैक्सीन प्रीवेंटबल डिजिज विषयक कार्यशाला में बेहतर उपचार के लिए चिकित्सकों को दी गयी जानकारी।
शहर के एक स्थानीय होटल में शुक्रवार को वैक्सीन प्रीवेंटबल डिजिज (वीपीडी) विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलरामपुर डॉ मुकेश कुमार रस्तोगी ने किया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की ओर से कार्यशाला आयोजित की गयी। कार्यशाला में टीकों से बचाव वाली बीमारी जैसे पोलियो डिप्थीरिया (गलघोटू) परट्यूसिस (काली खांसी) नियोनेटेल टिटनेस (नवजात टिटनेस) के सर्विलेंस के बारे में बताया गया। इसमें एएफपी, मिजिल्स, डीप्थीरिया, काली खांसी व नवजात टेटनस जैसे गंभीर बीमारियों के बेहतर इलाज की जानकारी दी गयी। कार्यशाला में डब्लू एच ओ की एस एम ओ डा सिंथू एस ने चिकित्सकों को वैक्सीन से सुरक्षित की जाने वाली जानलेवा बीमारियों के लक्षण, जांच के तौर तरीके व लैब सेंपल की जानकारी दी।जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अजय कुमार शुक्ला ने कहा कि कम्युनिटी को भी जागरूक करें कि कम से कम हर बच्चों को वैक्सीन जरूर दिलायें, क्योंकि वैक्सीन उपलब्ध रहने के बाद भी जानकारी के अभाव में जान चली जाती है। कार्यशाला में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनिल कुमार चौधरी, डॉ मीनाक्षी चौधरी, समस्त ब्लॉक स्तरीय चिकित्सा इकाइयों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, डी पी एम शिवेंद्र मणि त्रिपाठी, श्याम मिश्रा , यूनिसेफ डी एम सी शिखा श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।
हिंदी संवाद न्यूज़ से
वी. संघर्ष की रिपोर्ट
बलरामपुर
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