स्कूल में बंद हो गई 3 बच्चियां, परिजनों का रो-रोकर हुआ बुरा हाल

उत्तर प्रदेश। यूपी के एक गर्ल्स स्कूल में छुट्टियों का समय है. शिक्षक भी स्कूल गेट पर ताला लगाकर घर चले गए। थोड़ी देर बाद क्लासरूम से लड़कियों की आवाजें सुनाई दीं. राहगीरों ने सुना और देखा, लेकिन मदद की पेशकश नहीं की। कुछ देर बाद जब अभिभावक स्कूल पहुंचे तो अंदर का नजारा देखकर दंग रह गए। इसके बाद तुरंत डीआईओएस के पास फोन आया। दरअसल, बुधवार को दोपहर के बाद राजकीय कन्या महाविद्यालय चिनहटा (जीजीआईसी) की शिक्षिकाएं 9वीं कक्षा की एक दिव्यांग छात्रा समेत दो छात्राओं को स्कूल में बंद कर घर चली गईं।

कुछ देर बाद दोनों छात्राएं गेट पर पहुंचीं तो ताला देख रोने लगीं। अभिभावक स्कूल पहुंचे तो दोनों रोती मिलीं। जीजीआईसी में दोपहर करीब तीन बजे छुट्टी के बाद प्रभारी प्रधानाचार्या ममता वर्मा दूसरे शिक्षकों के साथ स्कूल के चैनल में ताला लगवा घर चली गईं। एक कमरे में साथ बैठीं कक्षा 9 की दिव्यांग समेत दो छात्राएं अंदर ही छूट गईं। कुछ देर बाद दोनों छात्राएं बाहर आईं तो गेट पर ताला पड़ा था। चिल्लाकर लोगों से मदद मांगी, पर कोई नहीं आया। रोज के समय से करीब आधा घंटा बाद भी छात्राओं के घर न पहुंचने पर अभिभावक स्कूल पहुंचे। डीआईओएस को फोन कर सूचना दी तो उन्होंने प्रभारी प्रधानाचार्या को फोन कर तत्काल छात्राओं को निकालने के निर्देश दिए।

करीब एक घंटा बाद ताला खुलने पर दोनों बाहर आईं। डीआईओएस ने जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी बनाई है। प्रधानाचार्या से भी रिपोर्ट मांगी है। 27 सितम्बर को मोहनलालगंज में सिसेण्डी प्राथमिक स्कूल में कक्षा एक की छात्रा को स्कूल में बंद कर शिक्षक घर चले गए थे। छात्रा सो गई थी। उसके शोर मचाने पर पड़ोस के एक युवक की पहल पर निकाला गया था। इस मामले में बीएसए ने स्कूल की प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया था। डीआईओएस राकेश कुमार का कहना है कि छात्राओं के स्कूल में बंद होने की सूचना पर तुरंत प्रधानाचार्या को भेज चैनल खुलवाया। छात्राओं को अभिभावकों के सुपुर्द कर दिया गया है। जांच के लिए कमेटी व प्रधानाचार्या से रिपोर्ट मांगी गई है। गुरुवार को जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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