मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय सिंधी अधिवेशन को सम्बोधित किया
मुख्यमंत्री ने भगवान झूलेलाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया, विभिन्न क्षेत्रों में
विशिष्ट कार्य करने वाले सिंधी समाज की 06 विभूतियों को सम्मानित किया
सिंधी समाज भारत के सनातन धर्म का अभिन्न अंग, सम-विषम
परिस्थितियों से जूझते हुए सिंधी समाज ने अपने परिश्रम
और पुरुषार्थ से सफलता प्राप्त की: मुख्यमंत्री
सिन्ध की धरती पर अवतरित होकर भगवान झूलेलाल
ने मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया
सिंधी समाज ने धार्मिक कार्यक्रमों के माध्यम से सामाजिक चेतना
जागृत करने, सनातन धर्म के मूल्यों की रक्षा करने, भारत की राष्ट्रीयता
को मजबूती प्रदान करने तथा व्यापार में शून्य से शिखर की यात्रा को
आगे बढ़ाने का कार्य जिस मजबूती से किया, वह अभिनन्दनीय
बुराई का परिमार्जन करने वाला समाज जब अच्छाई के मार्ग का
अनुसरण करते हुए आगे बढ़ता है, तो वह लम्बी यात्रा तय करता है
सिंधी समाज देश के दुर्भाग्यपूर्ण विभाजन से सर्वाधिक प्रभावित हुआ, लेकिन
वह फिर से खड़ा हुआ और आज तेजी के साथ अपनी यात्रा को आगे बढ़ा रहा
हमारी जिम्मेदारी है कि समाज के साथ-साथ राष्ट्र को भी मजबूती
प्रदान करें, हमारी पहली प्राथमिकता ‘राष्ट्र प्रथम’ होनी चाहिए
देश है तो धर्म है, धर्म है तो समाज है और समाज है तो हमारा अस्तित्व है
अयोध्या में 500 वर्षों बाद भगवान श्रीराम के भव्य मन्दिर का
निर्माण हो रहा, प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से काशी में श्री काशी
विश्वनाथ धाम जगमगा रहा, यह विरासत का ही सम्मान
अधिवेशन में आए लोग अयोध्या, श्री काशी विश्वनाथ धाम, माँ विन्ध्यवासिनी
धाम तथा प्रयागराज की यात्रा करें, प्रदेश में बहुत कुछ नया हो रहा
यदि 500 वर्षाें बाद श्रीराम जन्मभूमि वापस ली जा सकती
है, कोई कारण नहीं कि हम सिन्धु वापस न ले पायें
लखनऊ: 08 अक्टूबर, 2023
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि सिंधी समाज भारत के सनातन धर्म का अभिन्न अंग है। सम-विषम परिस्थितियों से जूझते हुए सिंधी समाज ने अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से सफलता प्राप्त की है। सिंधी समाज ने विपरीत परिस्थितियों में हिम्मत न हारते हुए शून्य से शिखर की यात्रा तय करने का उदाहरण प्रस्तुत किया है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां सिंधी काउंसिल आॅफ इण्डिया (यूथ विंग), उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित ‘राष्ट्रीय सिंधी अधिवेशन’ के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने भगवान झूलेलाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। देश के 10 राज्यों से आए सिंधी समाज के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री जी का सम्मान किया। मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट कार्य करने वाले सिंधी समाज की 06 विभूतियों को सम्मानित किया। इनमें बिलियड्र््स खिलाड़ी श्री पंकज आडवाणी, सांसद श्री शंकर लालवानी, समाजसेवी श्री राम जौहरानी, उद्यमी श्री एस0एन0 लधानी, श्री राजेश चन्दीरमानी और सुश्री सोनाक्षी नथानी शामिल थे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हम सभी भगवान झूलेलाल जी के प्रति श्रद्धा और सम्मान का भाव व्यक्त करते हैं। भगवान झूलेलाल वरुण देवता के अवतार माने जाते हैं। सिन्ध की धरती पर अवतरित होकर उन्होंने मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने आततायियों को भी अच्छे कार्य करने की प्रेरणा देते हुए समाज को नई दिशा दी। यही कारण है कि सिंधी समाज श्रद्धा व सम्मान के साथ भगवान झूलेलाल जी का स्मृति महोत्सव आयोजित करता है।
मुख्यमंत्री जी ने देश के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राज्य के रूप में प्रसिद्ध उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय सिंधी अधिवेशन में आए हुए सभी लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि आज भी सिंधी समाज में राष्ट्रीयता का भाव कूट-कूट कर भरा हुआ है। उन्हें देश के अलग-अलग भागों में सिंधी समाज के अनेक कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर मिला है। सिंधी समाज ने धार्मिक कार्यक्रमों के माध्यम से सामाजिक चेतना जागृत करने, सनातन धर्म के मूल्यों की रक्षा करने, भारत की राष्ट्रीयता को मजबूती प्रदान करने तथा व्यापार में शून्य से शिखर की यात्रा को आगे बढ़ाने का कार्य जिस मजबूती से किया है, वह अभिनन्दनीय है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह अधिवेशन उत्साह व उमंग के साथ आयोजित हो रहा है। इसमें समाज की प्रगति के साथ ही विभिन्न मुद्दों पर चिन्तन-मनन किया गया है और भावी कार्ययोजना को आगे बढ़ाया गया है। विभिन्न राज्यों से 225 से अधिक प्रतिनिधि यहां उपस्थित हुए हैं। एक तरफ इस अधिवेशन में समाज की उपलब्धियों पर चर्चा हो, दूसरी तरफ हमने क्या खोया और किन कारणों से खोया, इस पर भी चिन्तन होना चाहिए। समाज की प्रगति के दौरान यदि कोई कमी रह गई हो, तो उसका परिमार्जन भी इस अधिवेशन के माध्यम से होना चाहिए। बुराई का परिमार्जन करने वाला समाज जब अच्छाई के मार्ग का अनुसरण करते हुए आगे बढ़ता है, तो वह लम्बी यात्रा तय करता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत में रहने वाला सिंधी समाज देश में पूरी तरह रच-बस गया है। वह पहले भी अखण्ड भारत का हिस्सा था। सिंधी समाज देश के दुर्भाग्यपूर्ण विभाजन से सर्वाधिक प्रभावित हुआ, लेकिन वह फिर से खड़ा हुआ और आज तेजी के साथ अपनी यात्रा को आगे बढ़ा रहा है। विपरीत परिस्थितियों में हिम्मत न हारने की यह शानदार यात्रा है। वर्ष 1947 में हुए देश के विभाजन को रोका जा सकता था। भारत का एक बड़ा भू-भाग पाकिस्तान के रूप में अलग हो गया। आज भी विभाजन की त्रासदी आतंकवाद के रूप में दिखायी देती है। यह देश का सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत में आतंकवाद अन्तिम सांसे गिन रहा है। कोई भी सभ्य समाज आतंकवाद, उग्रवाद या किसी भी प्रकार की अराजकता को मान्यता नहीं दे सकता।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारे धर्मग्रन्थ इस बात की निरन्तर प्रेरणा देते हैं कि मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए किसी भी दुष्प्रवृत्ति को पूरी तरह समाप्त करना ही होगा। भगवान झूलेलाल और भगवान श्रीकृष्ण यही प्रेरणा देते हैं कि हमें सज्जनों का संरक्षण भी करना है और दुर्जनों को समाप्त भी करना है। ईश्वरीय अवतार मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए ही होते हैं। सिंधी समाज सदैव इस बात को मानता रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सिंधी समाज भारत में एक सुखद और अच्छे माहौल में प्रगति के कीर्तिमान स्थापित कर रहा हैै। यह हमारी जिम्मेदारी है कि समाज के साथ-साथ राष्ट्र को भी मजबूती प्रदान करें। वर्ष 1947 जैसी त्रासदी फिर न हो, यह हमारा संकल्प होना चाहिए। हमारी पहली प्राथमिकता ‘राष्ट्र प्रथम’ होनी चाहिए। राष्ट्र की एकता और अखण्डता के साथ खिलवाड़ करने की छूट किसी को नहीं दी जानी चाहिए। हमें यह ध्यान रखना होगा कि देश है तो धर्म है, धर्म है तो समाज है और समाज है तो हमारा अस्तित्व है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज देश में विरासत के संरक्षण के अनेक कार्य हो रहे हैं। लखनऊ से अयोध्या की दूरी बहुत ज्यादा नहीं है। अयोध्या में 500 वर्षों बाद भगवान श्रीराम के भव्य मन्दिर का निर्माण हो रहा है। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से काशी में श्री काशी विश्वनाथ धाम जगमगा रहा है। यह विरासत का ही सम्मान है। अधिवेशन में अलग-अलग राज्यों से लोग आए हैं। वे सभी अयोध्या, श्री काशी विश्वनाथ धाम, माँ विन्ध्यवासिनी धाम तथा प्रयागराज की यात्रा करें। प्रदेश में बहुत कुछ नया हो रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सिंधी समाज को अपनी वर्तमान पीढ़ी को अपने इतिहास, मूल्यों तथा आदर्शों से सतत परिचित कराने की आवश्यकता है। समाज आपस में जुड़े यह अच्छी बात है। साथ ही, यह राष्ट्र को जोड़ने का माध्यम बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि 500 वर्षाें बाद श्रीराम जन्मभूमि वापस ली जा सकती है, कोई कारण नहीं कि हम सिन्धु वापस न ले पायें।
इस अवसर पर सिंधी काउंसिल आॅफ इण्डिया (यूथ विंग) उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों सहित विभिन्न राज्यों से आए सिंधी समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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