राजकुमार गुप्ता 
मथुरा।मथुरा पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है।पुलिस ने मुठभेड़ में एक ऐसे अपराधी को पकड़ा है जो खुद को आईपीएस बताता था और सरकारी अधिकारियों पर रौब झाड़ता था।मथुरा पुलिस ने इस फर्जी आईपीएस अफसर को गिरफ्तार कर लिया है।एनकाउंटर में घायल फर्जी आईपीएस अफसर का अस्‍पताल में इलाज चल रहा है।हैरानी की बात तो यह है कि आरोपी फर्जी आइपीएस बनकर थाना प्रभारियों से दर्ज मामलों की जानकारी लेता था और उसके बाद आरोपितों से दर्ज एफआईआर से उनके नाम निकालने के नाम पर मोटी रकम वसूलता था। 
यह शातिर जालसाज बुधवार रात पुलिस से भागने की कोशिश में एसओजी और थाना मगोर्रा पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में घायल हो गया। पुलिस ने जब इसके रिकॉर्ड खंगाले तो वह राजस्थान का शातिर अपराधी निकला,जिसके अपराधों की लंबी कुंडली है।फर्जी आईपीएस के खिलाफ मथुरा और राजस्थान में 13 मामले दर्ज हैं। मथुरा पुलिस के मुताबिक, पकड़े गए आरोपी की पहचान राधेश्‍याम उर्फ सुभाष कुंतल निवासी अजान थाना उद्योगनगर भरतपुर के रूप में हुई।
फर्जी आईपीएस अधिकारी यानी कि राधेश्‍याम उर्फ सुभाष कुंनत पर आरोप हैं कि वह जिले के थानेदारों को फोन कर उनसे बड़े मुकदमों की जानकारी लेता था और फिर उन मुकदमों से आरोपियों के नाम निकालने के लिए लोगों से अवैध वसूली करता था। इतना ही नहीं मथुरा पुलिस ने बताया कि राधेश्याम कई बार अधिकारियों को फोन कर फटकार भी लगाता था। 
इसी तरह 23 अक्टूबर को फरह थाना क्षेत्र में बीते दिनों तेल चोरी के मामले में भी शातिर राधेश्याम ने फरह थाने में फोन किया और खुद को लखनऊ आईजी क्राइम बताकर वांछितों की जानकारी ली,लेकिन बाद में इसकी जानकारी पुलिस को हो गई तो उसके खिलाफ मामला दर्ज कर एसओजी को इसकी गिरफ्तारी के लिए लगाया गया। तभी एसओजी प्रभारी राकेश यादव, मगोर्रा थाना प्रभारी पुष्पेंद्र सिंह ने फोर्स के साथ सौंख रोड पर दबिश दी। पुलिस को देखते ही शातिर ने फायरिंग कर दी। बचाव में पुलिस ने भी फायरिंग की, जिसमें राधेश्याम के पैर में गोली लगी और वह गिर पड़ा।

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