बिरहा गवारों का नहीं बुद्धिजीवियों का, बिरहा जगत को मिला टेक्निकल डिग्री धारी उच्च शिक्षित कलाकार
चुनार,मीरजापुर।जनपद मिर्जापुर के ग्रामसभा कुसुम्हीं, चुनार निवासी सुनील कुमार यादव जिन्हे लोकजगत इंजीनीयर सुनील यादव के नाम से जानता है, जिन्होने बी.टेक(कंम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग), एम.टेक(साइबर सेक्युरिटी गोल्डमेडलिस्ट), पीएच.डी*(राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान, पटना), जो गलगोटिया इंजीनियरिंग संस्थान में असीसटेंट प्रोफेसर स्केल III, के साथ साथ लोकविधा के सरंक्षण व संवर्धन हेतु प्रयासरत है|
इस बार शारदीय नवरात्र में आयोजीत छ: दिवसीय विंध्य महोत्सव,विंध्याचल मिर्जापुर में जहा पद्मश्री मालीनी अवस्थी, पद्मश्री अजीता श्रीवास्तव, उर्मिला श्रीवास्तव जैसे बडे़ नामचिन्ह कलाकारों ने अपनें गीतों से भाव विभोर किया वही महोत्सव के आखिरी शाम लोकगायक इंजीनीयर सुनील यादव ने गीत की शुरुआत देवी भजन 'माई के मोबाइल नम्बर' से शुरु करते हुये, सन 1772 के समय की मिर्जापुर मे गायें जाने वाली प्रमुख क्रांतिकारी कजरी 'मिर्जापुर के कईला गुलजार हो कचौडी गली सुन कईला बलमू, सबकर नईया जाले शहर बनारस रामा, नागर नईया जाले काले पनिया ए रामा, तथा बिरहा के प्रमुख छंद जो लुप्तप्राय: के कगार पर है, कलाधर एवं रसना गहन(जिसे जीभ पकड़कर गाया जाता है) सुनाते हुये, देशभक्ति गीत भारत दर्शन 'धरती सोनवा उगावै सोवरन चिरई कहावै सुंदर देशवा हमार' से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया|
महोत्सव में उपस्थित श्रोताओं ने जमकर तालियों की गड़गड़ाहट एवं मेला प्रभारी सदर उपजिलाधिकारी श्री सिद्धार्थ यादव जी दृारा स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्रम एवं मां की प्रतिमा देकर सम्मानित किया|
बताते चले की इंजीनीयर सुनील यादव बचपन से ही शिक्षा में मेधावी होने के साथ लोकगीत, बिरहा, कजरी दृारा जनमानस को माटी के गीत, खेती खलीहानी के गीत पीरम्परीक गीत जो विशेषत: लुप्तप्राय के कगार पे है, सुनाते आ रहे है, करीब 23 वर्ष के सफल गायन कैरियर में करीब 3 हजार सफल मंचन कर चुके है, करीब 1 हजार एलबमों को मार्केट में ध्वनि मुद्रित कर चुके है|
आकाशवाणी एवं संस्कृति विभाग उ. प्र. से रजिस्टर्ड कलाकार इं. सुनील ने बताया पुर्वजों की विरासत लोकगीत, बिरहा, कजरी को नई पिढी़ तक पहुंचाना एवं सांस्कृतिक प्रदूषण मुक्त गीतो से श्रोताओं का स्वस्थ्य मनोरंजन तथा समाज को एक नई दिशा देना ही मेरे गायन का लक्ष्य है|
एक साक्षात्कार में इ. सुनील ने बताया की श्री गुरु गणेश अखाडें से ताल्लुक रखते है, आप स्व. चंद्रिका यादव, स्व. नरेश यादव, श्री राधेश्याम यादव 'जौनपुर जो दिृतीय चंद्रिका के नाम से जाने जाते है, एवं इन्ही के शिष्य जो वर्तमान में साहित्यिक रचनायें जो लुप्तप्राय के कगार पर थी जैसे कलाधर, अहिर,गुरुराधेश्याम छंद, वर्णशोख,अधर वंदिश, डमरु बंद, शिशापलट जैसे विलुप्त होती साहित्यिक रचनाओ मे पुन: प्राण डालने का काम किया है, श्री सुरेन्द्रनाथ यादव जौनपुर (अध्यापक, मुम्बई), गीतकार श्री रामअधार यादव गाजीपुर, इत्यादि की रचनाओं को गाते है |
गीतों में अश्लीलता के के जवाब में बडे़ सरलता से आपने बताया कि हम काटों को भले साफ न कर पाये लेकिन शत प्रतिशत बच सकते है|
Great news.. Er. Sunil Yadav is great Birha Gayak
जवाब देंहटाएंengineer sahab jitne achhe gayak utne hi achhe birha aur kalakaro ke shubhcintak bhi hai
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