जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने परीक्षा नियंत्रक का किया घेराव
परीक्षा नियंत्रक के आश्वासन पर कर्मचारी संघ हुए शांत
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कर्मचारी संघ के नेतृत्व में कर्मचारियों ने परीक्षा नियंत्रक का घेराव किया। उनके कार्यालय में एक घंटे तक जमे रहे और गरमा गरम बहस वार्ता में वह कर्मचारियों के ऊपर दर्ज एफआईआर वापस लेने की मांग की और न वापस लेने पर आंदोलन की धमकी दी। परीक्षा नियंत्रक के आश्वासन के बाद कर्मचारी लोग शांत हुए।
उपाधि विभाग के फर्जीवाड़े के आरोप में अचानक दो कर्मचारी समेत एक बाहरी व्यक्ति के ऊपर परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह ने छह धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया और बिना जांच पड़ताल के एक तरफा मुकदमा दर्ज कराने पर कर्मचारी संघ भङक गया। कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर सिंह, महामंत्री रमेश यादव के नेतृत्व में कर्मचारियों ने बुधवार को परीक्षा नियंत्रक का घेराव कर लिया और उनके कार्यालय में जमे रहे। परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि किस आधार पर आपने सीधे-साधे कर्मचारियों को पर मामला दर्ज कराया है। जबकि शिकायती उपाधि का क्रमांक का बुक विश्वविद्यालय में छपा नहीं है और जो विश्वविद्यालय में उपाधि आई है वह पूरी तरह से फर्जी है बाहर की है। शिकायत करने वालों का अपने जांच पड़ताल नहीं किया और सीधे मुकदमा दर्ज करना यह तरफ साजिश है। विश्वविद्यालय परिसर के डाकघर से एक डिग्री और दूसरी रोडवेज के बगल वाले डाक से डिग्री पोस्ट कर शिकायत की गई है और जिन बिहार के लोगों के नाम पर शिकायत गई , उनका भी कुछ अता-पता नहीं। बिना जांच पड़ताल के मुकदमा क्यों की गई। इसलिए तत्काल मुकदमा वापस ले, अन्यथा कर्मचारी संघ आंदोलन के लिए बाध्य होगा। क्योंकि मुकदमा विधि संगत नहीं दर्ज कराया गया है। जांच के बाद अगर कर्मचारी उस दायरे मे आते हैं तो वह कार्रवाई करा सकते हैं। कर्मचारियों को गुस्से को देखते हुए परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह ने कहा कि कुलपति व अन्य अधिकारियों से बातचीत करने के बाद में मुकदमा वापस लेने पर विचार करूंगा। इसके बाद कर्मचारी लोग शांत हुए और वापस लौटे हैं। इस मौके पर कर्मचारी संघ के पूर्व अध्यक्ष रामजी सिंह, राधेश्याम सिंह मुन्ना, राजेश सिंह, जगदंबा मिश्रा, दिनेश सिंह ,धर्मेंद्र प्रकाश सिंह, विनय सिंह, महातम यादव, संपूर्णानंद पांडे, संतोष तिवारी, स्वामीनाथ ,संतोष विश्वकर्मा समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
विश्वविद्यालय कर्मचारियो के साथ साजिश की आशंका
आरोपित कर्मचारियों पर आज तक नहीं लगा था कोई आरोप
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में दिनभर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा की सादी उपाधि को राजभवन या विश्वविद्यालय में भेज कर शिकायत करना इसके पीछे बड़ी साजिश की आशंका है। जिन लोगों का बिहार से स्पीड पोस्ट करना बताया जा रहा है उनके बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं हुई, न तो उनके किसी फोन नंबर पर संपर्क हो पाया। इतना ही नहीं सभी स्पीड पोस्ट जौनपुर से किए गए हैं। उन नाम पर भी लोगों ने संदेह करना शुरू कर दिया है कि यह किसी ने कर्मचारियों को फसाने के लिए बड़ी साजिश की है। अगर कोई 40 से 50 हजार में सादी उपाधि खरीदेगा तो वह राजभवन शिकायत नहीं करेगा, वह अपने किसी काम में इस्तेमाल करेगा। इतना किसी को पैसा इतना नहीं है कि वह सादी उपाधि खरीद कर अधिकारियों से शिकायत करें ।
इसमें विश्वविद्यालय के किसी एक धड़े का काम है जो उनके विरोधी गुटों में शामिल रहे हैं। आशंका को लेकर इन पहलुओं पर जरूरी जांच होनी चाहिए। हालांकि यह सभी मामले परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह के कार्यकाल में दर्शाया गया है। जिम्मेदारी उनकी भी बनती है जो फ्रॉड के छह धाराओं में मामला दर्ज कराया है ,उसमें स्वामीनाथ चौबे ना तो यहां का कोई कर्मचारी है ना तो जिम्मेदार है, वह सिर्फ यहां लोगों को पानी पिलाने का कार्य कर रहा था। मामले को लेकर विश्वविद्यालय में भी चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। कि आरोपी कर्मचारी पर आज तक कोई आरोप नहीं लगा था। कोई कर्मचारी इन लोगों को भरोसे में लेकर शादी डिग्री फाड़ कर बाहर कर दिया हो और साजिश का इन लोगों को शिकार बनाया। साजिश के पीछे विश्वविद्यालय के एक अधिकारी का नाम चोरों से उछाला जा रहा है।
डिग्री बनवाने के लिए परेशान रहे लोग
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के उपाधि विभाग में सील होने पर तीन दिन से डिग्री बनवाने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है और वह इस पटल उस पटल का चक्कर लगा रहे हैं। परीक्षा नियंत्रक के पास जा रहे हैं वह भी उनका कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं, और डिग्री बनवाने के लिए छात्र इधर-उधर भटकते हुए चक्कर लगा रहे हैं। कई छात्रों का कहना था कि वह दूर दराज से आए हैं लेकिन यहां डिग्री पर बनाने से रोक लगी है। जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ गई है।
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