जौनपुर। बूरे फंसे फर्जी डिग्री बेचने के आरोप में पूविवि के तीन कर्मचारी, मुकदमा दर्ज

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री बनाकर बेचने के आरोप में विश्वविद्यालय के तीन कर्मचारियों पर सोमवार को सरायख्वाजा थाना में परीक्षा नियंत्रक की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। परीक्षा नियंत्रक की तहरीर पर तीनों कर्मचारियों को नामजद करते हुए पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है। कर्मचारियों पर 40 से 50 हजार रुपये में फर्जी डिग्री बनाने व बेचने का आरोप है। 
बता दें कि विश्वविद्यालय स्तर पर मामले की जांच के लिए कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है। ये प्रकरण करीब दो सप्ताह पहले स्पीड पोस्ट से विश्वविद्यालय प्रशासन को मिले दो शिकायती पत्रों से जुड़ा बताया गया है। दोनों ही पत्रों में कुलपति के फर्जी हस्ताक्षर कर बीफार्मा व बीएड की फर्जी डिग्री तैयार कर बेचने का आरोप है। एक पत्र में छपरा बिहार निवासी विष्णु प्रसाद चौबे तथा दूसरे पत्र में भोजपुरा आरा बिहार निवासी रविकांत तिवारी ने प्रमाण के तौर पर फर्जी डिग्री को भी पत्र में संलग्न किया था। दोनों ने ही विश्वविद्यालय के दो कर्मचारियों का नाम लेते हुए उन पर 50 एवं 40 हजार रुपये में डिग्री बेचने का आरोप लगाया। पत्र में तीसरे कर्मचारी का नाम डिग्री बेचने के मामले में मध्यस्थ के रूप में लिया गया था। पत्र मिलने के बाद से विश्वविद्यालय ने अपने स्तर पर छानबीन की और आरोपों की गंभीरता को देखते हुए सोमवार को तीनों आरोपी कर्मचारी संतोष तिवारी, अनिल सिंह व स्वामीनाथ मिश्र के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया है। 

सरायख्वाजा प्रभारी निरीक्षक सतीश सिंह ने बताया कि परीक्षा नियंत्रक की तहरीर पर तीन कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच कर आगे की आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। परीक्षा नियंत्रक बीएन सिंह के अनुसार डिग्री बेचने की शिकायत मिलने पर तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। विश्वविद्यालय स्तर से मामले की जांच के लिये तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित की गई है। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन तीनों कर्मचारियों के खिलाफ राजभवन के निर्देश पर कार्रवाई करेगा।

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