उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए :-
मंत्रिपरिषद ने उ0प्र0 एक्सप्रेसवेज इण्डस्ट्रियल डेवलपमेन्ट अथॉरिटी (यूपीडा) द्वारा निर्मित एवं निर्माणाधीन एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ चयनित स्थलों पर औद्योगिक गलियारा विकसित किए जाने हेतु ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने सम्बन्धी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि यूपीडा द्वारा औद्योगिक केन्द्र विकसित किए जाने का कार्य प्रारम्भ किया जा रहा है। बुन्देलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण की भांति यूपीडा के पास भी इसके लिए पूर्व से अपना कोई वित्तीय स्रोत उपलब्ध नहीं है। इस कारण वर्तमान में यूपीडा द्वारा स्वयं के स्रोतों से शर्त के अनुसार 50 प्रतिशत का वित्त पोषण किया जाना सम्भव नहीं है। ऐसी स्थिति में यूपीडा को भी बुन्देलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण हेतु प्राविधानित शर्तों के अनुरूप 3,000 करोड़ रुपये में से आवश्यक धनराशि तथा वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं आगामी वित्तीय वर्षों में भी इस मद में प्राविधानित धनराशि में से आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराये जाने के प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित किया गया है।
यह भी उल्लेखनीय है कि शासनादेश संख्या 4577/77-4-23-4389/22 दिनांक 02 अगस्त, 2023 द्वारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार एवं अन्य औद्योगिक विकास प्राधिकरणों को भूमि क्रय के लिए ऋण के मद में आवंटित 8,000 करोड़ रुपये की धनराशि की कार्ययोजना जारी की गई है। इसमें बुन्देलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण को 5,000 करोड़ रुपये तथा अन्य विकास प्राधिकरणों के लिए 3,000 करोड़ रुपये का प्राविधान रखा गया है। अन्य विकास प्राधिकरणों हेतु मांग किए जाने पर धनराशि उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में भूमि की लागत का 50 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा ब्याज मुक्त ऋण के रूप में तथा शेष 50 प्रतिशत धनराशि का वित्त पोषण सम्बन्धित प्राधिकरण द्वारा वित्तीय संस्थाओं/स्वयं के स्रोतों से कराए जाने का प्राविधान है। अन्य विकास प्राधिकरणों हेतु प्राविधानित 3,000 करोड़ रुपये की धनराशि में से औद्योगिक केन्द्रों के लिए भूमि अर्जन हेतु आवश्यक धनराशि की मांग निर्धारित शर्तों के अनुसार यूपीडा द्वारा की गई।
इस निर्णय से राज्य सरकार पर आने वाला व्ययभार ऋण के रूप में होगा। केन्द्र सरकार पर हुई व्ययभार सम्भावित नहीं है। निर्णय के उपरान्त परियोजना को समयबद्ध रूप से पूर्ण किया जा सकेगा। औद्योगिक गलियारों से आर्थिक विकास को बल मिलेगा तथा प्रदेश के लाखों युवाओं को रोजगार अथवा स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
मंत्रिपरिषद ने जनपद ललितपुर में फार्मा पार्क स्थापित किए जाने हेतु पशुपालन विभाग के स्वामित्व वाली 1472.33 एकड़ भूमि औद्योगिक विकास विभाग को निःशुल्क हस्तांतरित किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा विभिन्न फार्मा कम्पनियों के साथ 184 एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित किए गए। इनके सापेक्ष 1,02,366.55 करोड़ रुपये का निवेश सम्भावित है। प्रदेश शासन द्वारा औषधि के क्षेत्र में उद्योगों की स्थापना हेतु जनपद ललितपुर में फार्मा पार्क स्थापित किए जाने का निर्णय लिया गया। फार्मा पार्क की स्थापना के लिए पशुपालन विभाग के अधीन तहसील मडावरा एवं महरौनी के विभिन्न गांवों में प्रसरित उपलब्ध 2,000 एकड़ भूमि से 1472.33 एकड़ भूमि चिन्हित करते हुए मण्डलायुक्त झांसी द्वारा अग्रेतर कार्यवाही हेतु शासन को सन्दर्भित किया गया।
राज्य सरकार द्वारा फार्मा पार्क हेतु भूमि का विकास किया जाएगा, ताकि भारत सरकार द्वारा फार्मा सेक्टर में दी गई रियायतों का पर्याप्त लाभ भी लिया जा सके। फार्मा पार्क हेतु चिन्हित भूमि का विकास यूपीसीडा द्वारा किया जाएगा।
मंत्रिपरिषद ने ‘मुख्यमंत्री-ग्रीन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेन्ट स्कीम (अर्बन)’ के दिशा-निर्देशों को अनुमोदित कर दिया है। योजना गाइडलाइंस की अंतर्वस्तु में संशोधन/परिवर्तन किए जाने की आवश्यकता होने पर आवश्यक सुसंगत संशोधन हेतु मंत्रिपरिषद ने नगर विकास मंत्री को अधिकृत किए जाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की है।
ज्ञातव्य है कि अमृत काल में एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी में योगदान देने तथा शहरी क्षेत्रों में 10 से 45 मीटर की चौड़ाई वाली सड़कों के निर्माण/पुर्ननिर्माण हेतु नगर विकास विभाग ने वित्तीय वर्ष 2013-14 से संचालित “नगरीय सडक सुधार योजना’ को अधिक प्रभावी बनाते हुए इसे एक प्रोत्साहन आधारित योजना के रूप में परिवर्तित करते हुए ‘मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेन्ट स्कीम (अर्बन)’ आरम्भ करने का निर्णय लिया है।
‘मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेन्ट स्कीम (अर्बन)’ के अन्तर्गत सड़क से सम्बन्धित समस्त सुविधाओं एवं अवसंरचनाओं यथा-यूटीलिटी डक्ट, फुटपाथ, ग्रीन जोन्स, सौर आधारित स्ट्रीट लाइट, बस स्टॉप, ई0वी0 चार्जिंग स्टेशन, सौन्दर्यीकरण, पैदल यात्री अवसंरचना इत्यादि से युक्त एकीकृत सड़कों का विकास किया जायेगा।
योजना के माध्यम से पर्यावरण अनुकूल एवं आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करते हुये कम कार्बन उत्सर्जन के साथ कॉस्ट इफेक्टिव हरित सड़कों का विकास किया जायेगा। सड़क सुधार/गढ्ढामुक्ति हेतु अन्य रिपेयर के लिए भी प्राविधानित बजट की अधिकतम 10 प्रतिशत तक की धनराशि अनुमन्य की जा सकेगी।
वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में योजना के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट प्राविधान किया गया है। इस वर्ष प्रथम चरण में नगर निगमों को अनुदान दिया जायेगा। योजना के अनुवर्ती चरण/चरणों में नगर पालिका परिषदों एवं नगर पंचायतों को भी आच्छादित किया जाएगा।
नगर विकास विभाग द्वारा सड़कों के निर्माण/पुनर्निमाण हेतु संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों के साथ-साथ इस योजना के कार्यान्वयन, संचालन एवं मूल्यांकन के लिए नगर विकास विभाग के अन्तर्गत अर्बन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेन्ट एजेन्सी (यूरीडा) का गठन किया जायेगा। एजेन्सी के अन्तर्गत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आम सभा तथा अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग की अध्यक्षता में कार्यकारी समिति का गठन किया जायेगा।
एजेंसी एवं इस योजना से सम्बन्धित सभी गतिविधियों के संचालन में सहयोग प्राप्त करने के लिए राज्य स्तर पर परियोजना प्रबन्धन इकाई का गठन किया जायेगा।
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन प्रान्तीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के अन्तर्गत कार्यरत चिकित्सकों की अधिवर्षता आयु 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष किए जाने के प्रस्ताव को कतिपय शर्तों एवं प्रतिबन्धों के अधीन अनुमोदित कर दिया है। इन प्राविधानों में भविष्य में आवश्यकतानुसार परिवर्तन/परिवर्धन मुख्यमंत्री जी का अनुमोदन प्राप्त करके किया जा सकेगा।
(1) मंत्रिपरिषद के निर्णय के अनुसार प्रादेशिक चिकित्सा सेवा संवर्ग के लेवल-1, लेवल-2, लेवल-3 तथा लेवल-4 तक के चिकित्साधिकारियों की अधिवर्षता आयु 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी जाए।
(2) महानिदेशक (लेवल-7), निदेशक (लेवल-6), अपर निदेशक/प्रमुख अधीक्षक/अधीक्षिका/मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी (लेवल-5) के चिकित्साधिकारी 62 वर्ष की आयु में ही अधिवर्षता आयु पूर्ण कर अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त होंगे।
(3) संयुक्त निदेशक ग्रेड (लेवल-4) के चिकित्साधिकारी यथा संयुक्त निदेशक, मुख्य चिकित्साधिकारी, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, प्रधानाचार्य (ट्रेनिंग सेन्टर), जिला क्षय रोग अधिकारी, जिला कुष्ठ रोग अधिकारी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी आदि प्रशासनिक पद पर सेवारत अधिकारी 62 वर्ष की आयु पूर्ण करने के उपरान्त उक्त प्रशासनिक पदों के सापेक्ष कार्य नहीं करेंगे, अपितु चिकित्सालयों में चिकित्सक के पद के सापेक्ष 65 वर्ष की आयु तक कार्य कर सकेंगे।
(4) 62 वर्ष की आयु पूर्ण करने के उपरान्त लेवल-1, लेवल-2, लेवल-3 तथा लेवल-4 तक का कोई भी चिकित्सक यदि अग्रेतर 65 वर्ष की आयु तक चिकित्सीय पद के सापेक्ष कार्य करने का इच्छुक नहीं है, तो वह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन कर सकता है।
प्रान्तीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग में चिकित्सकों की उपलब्धता होने से आम जनमानस को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं सुलभ होंगी।
मंत्रिपरिषद ने 03 वर्ष से 06 वर्ष आयु तक के बच्चों हेतु आई0सी0डी0एस0 के अन्तर्गत हॉट कुक्ड मील योजना को प्रदेश के आंगनबाड़ी के केन्द्रों में संचालित किए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। मंत्रिपरिषद ने भविष्य में योजना के दिशा-निर्देशों में किसी प्रकार के परिवर्तन हेतु मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया है।
ज्ञातव्य है कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में गरम पका भोजन देने हेतु दिनांक 03 दिसम्बर, 2018 को सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक के निर्णय के क्रम में शासनादेश संख्या 5/2019/172/60-2-19-2/3(2)/08 टीसी, 17 जनवरी, 2019 द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश निर्गत किए गए थे। व्यावहारिक कठिनाइयों के कारण इस शासनादेश में संशोधन आवश्यक है। इस सम्बन्ध में निदेशक बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार द्वारा संशोधन हेतु प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया। अतः आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों के पर्याप्त पोषण हेतु गरम पका भोजन दिए जाने की सुदृढ़ व्यवस्था किया जाना प्रस्तावित किया जा रहा है।
भारत सरकार के नवीनतम शासनादेश संख्या - 11/4/2021-सीडी-आई (ई-95706) दिनांक 01 अगस्त, 2022 द्वारा ‘सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0’ के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश निर्गत किये गये हैं, जिसमें आंगनबाड़ी केन्द्र पर आने वाले 03 वर्ष से 05 वर्ष तक के आयु के बच्चों को गर्म पका भोजन दिये जाने के निर्देश हैं। इस योजना में भारत सरकार व राज्य सरकार की सहभागिता 50ः50 प्रतिशत निर्धारित है। भारत सरकार द्वारा 03 से 06 वर्ष की आयु के बच्चों को अनुपूरक पोषाहार प्रदान किये जाने हेतु 08 रुपये प्रति लाभार्थी प्रतिदिन (माह में 25 दिन) अनुमन्य है। इस धनराशि में से 3.50 रुपये प्रति लाभार्थी मॉर्निंग स्नैक्स के रूप में तथा शेष 4.50 रुपये प्रति लाभार्थी हॉट कुक्ड मील योजना व्यय किया जाना है।
मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित योजना के तहत को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा नॉन को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए भिन्न व्यवस्था बनायी गई है। को-लोकेटेड आंगनबाड़ी, ऐसे आंगनबाड़ी केन्द्र हैं, जो ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रांगण में अथवा प्राथमिक विद्यालयों से 200 मीटर की दूरी पर स्थित हैं। इन आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या लगभग 01 लाख 21 हजार 866 है। नॉन लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्र, ऐसे आंगनबाड़ी केन्द्र हैं, जो प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों में संचालित नहीं हो रहे हैं। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में इन आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या लगभग 67,148 हैं।
को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों के लिए हॉट कुक्ड फूड तैयार किए जाने हेतु प्राथमिक विद्यालयों पर पी0एम0 पोषण योजना के लिए उपलब्ध संसाधनां (आवश्यक बर्तन व अन्य सुविधाएं) का साझा उपयोग किया जाना प्रस्तावित है। गर्म पका भोजन की रेसिपी पी0एम0 पोषण (एम0डी0एम0) योजना की भांति रहेगी। इन आंगनबाड़ी केन्द्रों को समीपस्थ प्राथमिक विद्यालय से सम्बद्ध करते हुए विद्यालय में ही हॉट कुक्ड मील तैयार किया जाएगा। इन प्राथमिक विद्यालयों से भोजन को सुरक्षित रूप से तैयार करवाकर आंगनबाड़ी केन्द्र तक पहुंचाने और बच्चों को वितरित/परोसने का दायित्व आंगनबाड़ी सहायिका का होगा। को-लेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों पर भोजन परोसने तथा बच्चों के खाना खाने (प्लेट, कटोरी, ग्लास, चम्मच आदि) बर्तनों की अनुपलब्धता की स्थिति में सम्बन्धित ग्राम सभा/नगर पंचायत/नगर पालिका परिषद/नगर निगम को-लेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों में आवश्यक बर्तनों की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।
नॉन को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों के लिए भोजन तैयार करने व परोसने का उत्तरदायित्व आंगनबाड़ी सहायिका का होगा। नॉन को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों में भोजन पकाने हेतु गैस चूल्हा, सिलेण्डर, रेगुलेटर इत्यादि बर्तन की प्रारम्भिक व्यवस्था ग्राम पंचायतों के पास उपलब्ध केन्द्रीय वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग, ग्राम सभा निधि, ओ0एस0आर0 अथवा अन्य वित्तीय स्रोत, जो ग्राम पंचायत के पास उपलब्ध हो, से तथा नगरीय क्षेत्रों में सम्बन्धित नगर पंचायत/नगर पालिका परिषद/नगर निगम के पास उपलब्ध वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग एवं निकाय निधि में अथवा अन्य वित्तीय स्रोतों से की जानी प्रस्तावित है। योजना का अनुश्रवण राज्य व जनपद स्तरीय टास्क फोर्स गठित कर किया जाएगा।
मंत्रिपरिषद ने अटल नवीकरण और शहरी रूपान्तरण मिशन-2.0 (अमृत 2.0) योजना के अन्तर्गत जनपद फतेहपुर में फतेहपुर सीवरेज एण्ड सीवेज ट्रीटमेण्ट स्कीम जोन-1, फेज-1 के निर्माण एवं तत्सम्बन्धी कार्य की योजना से सम्बन्धित प्रायोजना तथा व्यय वित्त समिति द्वारा उसकी अनुमोदित लागत 29336.63 लाख रुपये (जी0एस0टी0 एवं सेण्टेज सहित) के व्यय के प्रस्ताव को स्वीकृत कर दिया है।
अमृत-2.0 योजना के अन्तर्गत जनपद फतेहपुर में फतेहपुर सीवरेज एण्ड सीवेज ट्रीटमेण्ट स्कीम जोन-1, फेज-1 के निर्माण एवं तत्सम्बन्धी कार्य कराये जाने हेतु प्रश्नगत परियोजना तैयार की गयी है।
इस योजना के तहत प्रस्तावित कार्य पूर्ण होने के उपरान्त जनपद फतेहपुर में फतेहपुर सीवरेज एण्ड सीवेज ट्रीटमेण्ट स्कीम जोन-1 के अन्तर्गत आने वाले क्षेत्रों को सीवरेज व्यवस्था से आच्छादित किये जाने पर सीवेज प्रवाह को एस0टी0पी0 तक शोधन हेतु पहुंचाया जा सकेगा, जिसके फलस्वरूप प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी तथा जन स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश में सांस्कृतिक, पौराणिक, धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व के स्थलों पर अवस्थापना तथा अन्य सुविधाओं के विकास हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रारम्भ की जा रही ‘वंदन योजना’ हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश निर्गत किए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
शहरी स्थानीय निकायों का मुख्य कार्य अपने क्षेत्रान्तर्गत नागरिक सुविधाएं प्रदान करना है, जिसमें प्रकाश, पेयजल, जलनिकासी, शौचालय एवं साफ-सफाई की व्यवस्था इत्यादि सम्मिलित है। प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों (नगर पालिका परिषदों/नगर पंचायतों) में अवस्थित सांस्कृतिक, धार्मिक, पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व के स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं/आगन्तुकों को मूलभूत अवस्थापना तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है।
इस उद्देश्य से प्रदेश में सांस्कृतिक, पौराणिक, धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व के स्थलों पर अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में एक नई योजना ‘वंदन’ प्रारम्भ की जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत उन्हीं कार्यों को प्रस्तावित किया जाएगा, जो अत्यन्त आवश्यक हो तथा किसी अन्य विभाग की योजना/कार्यक्रम अथवा नगर विकास विभाग की दूसरी योजनाओं में प्रस्तावित अथवा स्वीकृत नहीं हो।
जिलाधिकारी द्वारा अपने क्षेत्र में स्थित सांस्कृतिक, पौराणिक, धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों एवं उन पर विभिन्न विभागों द्वारा पूर्व में कराए गए कार्यों को सूचीबद्ध किया जाएगा। उपरोक्तानुसार गैप्स के रूप में चिन्हित कार्यों हेतु भूमि की उपलब्धता आदि देखते हुए आगणन तैयार कराया जाएगा और निकाय क्षेत्र में पड़ने वाले योजना से आच्छादित स्थलों में प्रस्तावित कार्यों की सूची सुसंगत विवरणों सहित संबंधित जिलाधिकारी को उपलब्ध करायी जाएगी।
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित चयन समिति द्वारा प्रत्येक वित्तीय वर्ष में दिशा-निर्देश के अनुरूप एक जिले की समस्त नगर पंचायतों एवं नगर पालिका परिषदों में से सामान्यतः 02 स्थलों का चयन किया जाएगा। ऐसी परियोजनाओं जिनको 12 माह के भीतर पूरा किया जा सकता है, उनका चयन प्राथमिकता पर किया जाएगा। विशेष परिस्थितियों में निधि के उपयोग को 18 माह तक बढ़ाया जा सकता है।
मंत्रिपरिषद ने वरुण अर्जुन विश्वविद्यालय, शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश की स्थापना किए जाने के सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 में संशोधन किए जाने हेतु उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (छठवां संशोधन) अध्यादेश, 2023 को प्रख्यापित कराये जाने एवं तत्पश्चात संचालन प्राधिकार पत्र निर्गत किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा प्रदान करने हेतु नये निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना करने और विद्यमान निजी विश्वविद्यालयों को निगमित करने तथा उनके कृत्यों को विनियमित करने और उससे सम्बन्धित या आनुषंगिक विषयों की व्यवस्था करने के लिए ‘उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019’ (उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या-12 सन् 2019) विधायी अनुभाग-01 की अधिसूचना दिनांक 06 अगस्त, 2019 द्वारा प्रख्यापित किया गया है। उच्च शिक्षा विभाग की दिनांक 30 अगस्त, 2019 की अधिसूचना द्वारा इस अधिनियम को दिनांक 01 सितम्बर, 2019 से प्रवर्तित किया गया है।
प्रायोजक संस्था को निर्गत किये गये आशय-पत्र के सम्बन्ध में धारा-6 की उप धारा-2 में धारा-3 में विनिर्दिष्ट अपेक्षाओं और शर्तों को पूर्ण करने और राज्य सरकार को उसकी अनुपालन आख्या शपथ पत्र के साथ आशय पत्र जारी किए जाने के दिनांक से अधिकतम 02 वर्ष की अवधि के भीतर प्रस्तुत किये जाने तथा उप धारा (3) में धारा-3 के उपबन्धों का अनुपालन करने में विफल रहने पर जारी किये गये आशय पत्र को वापस लेने की शक्ति राज्य सरकार में निहित है।
उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 की धारा-7 की उप धारा-(1) में नये विश्वविद्यालय की स्थापना अथवा निगमन के प्राविधान के अन्तर्गत गजट में प्रकाशित अधिसूचना द्वारा विश्वविद्यालय के संचालन की अनुज्ञा दिये जाने तथा उप धारा-2 में अधिनियम के अधीन स्थापित किये जाने वाले नये विश्वविद्यालयों के नाम इस अधिनियम में संशोधन करके अनुसूची में सम्मिलित किये जाने का उल्लेख है। उप धारा-3 में अधिनियम के साथ संलग्न अनुसूची-2 में अंतिम विश्वविद्यालय के नीचे अगले क्रमांक पर नये विश्वविद्यालय का नाम रखे जाने का प्राविधान है।
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग द्वारा निर्गत निजी सार्वजनिक सहभागिता (पी0पी0पी0) गाइडलाइन्स-2016 द्वारा निर्धारित प्रक्रियान्तर्गत, सचिव स्तरीय समिति (सी0ओ0एस0) द्वारा की गयी संस्तुति के आलोक में मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अवशेष 18 बस स्टेशनों हेतु पुनः निविदा आमंत्रित किए जाने एवं संशोधित/परिमार्जित आर0एफ0क्यू0, आर0एफ0पी0 एवं ड्राफ्ट कन्सेशन एग्रीमेण्ट को अनुमोदित कर दिया है। मंत्रिपरिषद ने बस टर्मिनल हेतु परिवहन निगम के सम्बन्ध में अनुमन्य 55 प्रतिशत एफ0ए0आर0 के अन्तर्गत क्रियाओं की अनुमन्यता के सम्बन्ध में सचिव स्तरीय समिति के 22 अगस्त, 2023 के निर्णय को भी अनुमोदित कर दिया है।
इसके क्रम में संशोधित/परिमार्जित आर0एफ0क्यू0, आर0एफ0पी0 एवं ड्राफ्ट कन्सेशन एग्रीमेण्ट के अनुसार अवशेष 18 बस स्टेशनों हेतु पुनः निविदा आमंत्रित किए जाने की कार्यवाही की जाएगी। इससे नवीनतम सुविधायुक्त बस स्टेशनों के निर्माण की कार्यवाही शीघ्रता से प्रारम्भ हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के बस स्टेशनों पर नवीनतम सुविधा युक्त व्यवस्थाओं की नवीन पहल के तहत निगम के 23 महत्वपूर्ण बस स्टेशनों को निजी सार्वजनिक सहभागिता (पी0पी0पी0) पद्धति पर डिजाइन बिल्ड फाइनेन्स ऑपरेट एण्ड ट्रांसफर मॉडल पर विकसित किए जाने की महत्वाकांक्षी परियोजना प्रस्तावित की गयी। इसके तहत 05 बस स्टेशनों हेतु विकासकर्ता चयन की कार्यवाही सम्पन्न हो चुकी है।
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