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सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश
01 नवम्बर से 31 दिसम्बर तक विशेष अभियान चलाकर निराश्रित गोवंश का संरक्षण किया जायेगा
मिशन मिलियन अन्तर्गत 10 लाख गोवंशीय पशुओं का वर्गीकृत वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान किये जाने का लक्ष्य
प्रदेश में उच्च उत्पादक देशी गोवंश को बढ़ावा देने एवं दुग्ध उत्पादन बढ़ाने हेतु प्रदेश नन्दबाबा दुग्ध मिशन लागू
मदरसा छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु उन्हें आर्टीफीशियल इन्टेलीजेंश तकनीक से भी जोड़ा जा रहा
-श्री धर्मपाल सिंह
लखनऊ: 11 अक्टूबर, 2023
उत्तर प्रदेश के पशुधन, दुग्ध विकास, अल्पसंख्यक कल्याण, राजनैतिक पेंशन एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के कैबिनेट मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने आज यहां योजना भवन में आयोजित प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि निराश्रित गोवंश का संरक्षण एवं संवर्द्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता है और 01 नवम्बर, 2023 से 31 दिसम्बर, 2023 तक दो माह का अभियान चलाकर निराश्रित गोवंश को गोआश्रय स्थलों में संरक्षित किया जायेगा और गोआश्रय स्थलों पर उनके लिए पर्याप्त व्यवस्थायें सुनिश्चित की जायेगी।
श्री सिंह ने पशुधन विभाग के अद्यतन कार्यकलापों के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि अधिक दुग्ध उत्पादन हेतु वर्गीकृत वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम चलाया जा रहा, जिससे 90 प्रतिशत बछिया ही उत्पन्न होती है। मिशन मिलियन अन्तर्गत 10 लाख गोवंशीय पशुओं का वर्गीकृत वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान किये जाने का लक्ष्य है, जिसके सापेक्ष लगभग 1 लाख कृत्रिम गर्भाधान किया जा चुका है। वर्गीकृत वीर्य के उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रहमानखेडा लखनऊ में एक अतिआधुनिक प्रयोगशाला की स्थापना की जा रही है।
नस्ल सुधार हेतु राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आर०जी०एम०) अन्तर्गत 200 गायों के ब्रीड मल्टीप्लिकेशन फार्म की स्थापना करायी जा रही जिसकी कुल लागत 4 करोड़ है जिसमें 2 करोड़ की सब्सिडी भारत सरकार द्वारा प्रदान की जा रही है। 4 ब्रीड मल्टीप्लिकेशन फार्म की स्वीकृति हो चुकी है जिससे 16 करोड़ का अतिरिक्त निवेश हुआ है।
श्री सिंह ने बताया कि प्रदेश में उच्च उत्पादक देशी गोवंश एवं दुग्ध उत्पादन बढ़ाने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा नन्दबाबा दुग्ध मिशन लागू किया गया है। मिशन अन्तर्गत नंदिनी कृषक समृद्धि योजना में 25 स्वदेशी गोवंश की 35 डेयरी इकाईयां 10 जनपदों यथा वाराणसी गोरखपुर, बरेली, लखनऊ, झांसी मे प्रत्येक में 4 इकाईया एवं जनपद प्रयागराज, आयोध्या, आगरा, कानपुर नगर मेरठ प्रत्येक मे 3 इकाईया स्थापित की जा रही है। इसके लिए अधिकतम 31.5 लाख रूपये के अनुदान की व्यवस्था है। योजनान्तर्गत प्रदेश के बाहर से साहीवाल थारपारकर गिर एवं हरियाणा प्रजाति के गोवंश क्रय किए जाएंगे तथा आधुनिक डेयरी स्थापित की जाएंगी। मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ-संवर्धन योजनान्तर्गत 2 स्वदेशी उन्नत नस्ल के दुधारू गोवंश को बाहर से क्रय, उनके बीमा, शेड व चारा काटने की मशीन इत्यादि पर 2 लाख रूपये तक के लिए 40 प्रतिशत या अधिकतम रु०-80,000 की छूट की योजना वर्तमान में 18 जनपदो में संचालित है। इसके अंतर्गत साहीवाल, थारपारकर गिर हरियाणा एवं गंगातीरी गोवंश का पालन किया जायेगा। योजनांतर्गत 18 मण्डल मुख्यालय जनपदो 1008 इकाइया स्थापित की जा रही है ।
श्री सिंह ने बताया कि निराश्रित गोवंश संरक्षण योजनान्तर्गत अद्यतन 6940 गौ आश्रय स्थलों में कुल 12.11 लाख गोवंश संरक्षित है। मा० मुख्यमंत्री जी द्वारा गोवंश के भरण पोषण हेतु रू0 30 प्रति गोवंश प्रतिदिन को बढ़ाकर रू0 50 प्रति गोवंश प्रतिदिन किया गया है। गोवंश के भरण पोषण हेतु रू0 1000.00 करोड़ की बजट व्यवस्था की गयी है। मा० मुख्यमंत्री सहभागिता योजना तथा पोषण मिशन अन्तर्गत 101737 पशुपालकों को अद्यतन 187564 गोवंश सुपुर्द किये गये है। गोवंशो के भरण पोषण हेतु डी०बी०टी० द्वारा सीधे भुगतान किया जा रहा है, निदेशालय स्तर पर एकीकृत कमांड कन्ट्रोल सेन्टर स्थापित। अभियान चलाकर प्रदेश में लगभग 8103 हेक्टयर गोचर भूमि को कब्जा मुक्त कराकर 3782 हे0 भूमि पर हरा चारा उत्पादन किया जा रहा है।
श्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि डेयरी सेक्टर में रू0 31465 करोड़ के कुल 1063 एम०ओ०यू० के प्रस्ताव जिसके सापेक्ष 13509 करोड़ के 288 एम0ओ0यू0 शॉर्ट लिस्टेड 115 एम०ओ०यू० ग्रांउड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिये तैयार रू0 3628 करोड़ का निवेश हुआ है। पशुपालन के क्षेत्र मे जी०बी०सी० अन्तर्गत 3076 एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित रू० 9101 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है।
प्रदेश में लम्बी बीमारी की दस्तक एवं नियंत्रण के संबंध में विगत वर्ष 2022 में पश्चिमी उ0प्र0 प्रदेश के 27 जनपदों एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 3 जनपदो मे लम्पी स्किन रोग का संक्रमण हुआ था. जिसमे कुल 1.12.201 गोवंश संक्रमित हुए थे। मृत्य दर 0.6 प्रतिशत रही, जो अन्य प्रदेशों की तुलना मे अत्यन्त ही न्यून रही। प्रदेश सरकार द्वारा लम्बी बीमारी की रोकथाम हेतु किये गये प्रयासों की सराहना भारत सरकार द्वारा भी की गयी एवं प्रदेश के मॉडल को अन्य प्रदेशों में भी अपनाया गया। एल०एस०डी० की प्रभावी रोकथाम हेतु पशुपालन विभाग उ0प्र0 को स्कोच अवार्ड से सम्मानित किया गया। वर्तमान में 40 जनपद बीमारी से प्रभावित हुये जिसमें 10399 गोवंश लम्पी बीमारी से प्रभावित हुये है। मात्र 66 गोवंश की मृत्य हुई है। अबतक 1 करोड़ 20 लाख 33 हजार गोवंश को लम्पी बिमारी से बचाव हेतु टीकाकरण किया जा चुका है। वर्तमान में प्रदेश में बीमारी पर पूर्ण नियंत्रण है।
श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश में पहली बार बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान प्रारम्भ किया गया। प्रथम चरण में 35 जनपदों में बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान किया जायेगा। कृत्रिम गर्भाधान कार्य हेतु 197 अधिकारियों तथा कर्मचारियों को पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय मथुरा में प्रशिक्षित किया जा चुका है।
उत्तराखण्ड राज्य से 250 रेमबुले नस्ल के उन्नत मेढ़े उपलब्ध कराये जा रहे है। उन्नत मेढे चयनित 11 जनपदो (प्रयागराज, वाराणसी चन्दाली, मिर्जापुर, भदोही, सोनभद्र, कौशाम्बी, चित्रकूट, बांदा, बदायूँ पीलीनीली) के भेड़ पालकों को नस्ल सुधार हेतु वितरित किये जायेगे जिससे ऊन की गुणवत्ता में सुधार होगा और भेड पालको की आय में वृद्धि होगी। अबतक जनपद बदांयू, पीलीभीत, चित्रकूट बांदा, प्रयागराज, कौशाम्बी तथा मिर्जापुर के चयनित पशुपालकों को 100 मेढों का वितरण किया जा चुका है। प्रदेश में भेड़ एवं बकरी पालको को प्रशिक्षण देने हेतु जमुनापारी बकरी पालन केन्द्र इटावा पर आधुनिक प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की गयी है। प्रदेश में बकरी पालन को बढ़ावा देने हेतु राज्य सरकार द्वारा अनुदान सहायता आधारित योजना प्रारम्भ की गयी है। जिसके अन्तर्गत 5 बकरी 1 बकरे प्रति इकाई के रूप में 739 इकाईया स्थापित करायी जा रही है। एक ईकाइ की लागत रू0 45000.00 है जिसमे रू० 40500.00 अनुदान सहायता एवं रू0 4500 ( 10 प्रतिशत) लाभार्थी अश है।
श्री सिंह ने बताया कि प्रदेश को अण्डा एवं कुक्कुट मांस उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाये जाने हेतु उ०प्र० कुक्कुट विकास नीति 2022 प्रख्यापित की गयी है।
श्री सिंह ने बताया कि स्वदेशी गायों में नस्ल सुधार एवं दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि हेतु ’’मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना’’ अन्तर्गत स्वदेशी नस्ल की गाय यथा- गिर, साहीवाल, हरियाणा थारपारकर एवं गंगातीरी नस्ल की उच्च उत्पादक गाय पालने वाले पशुपालकों को प्रोत्साहन दिये जाने की योजना है। प्रोत्साहन के रूप में रू0 10000/- व रू0 15000/- का प्रोत्साहन प्रत्येक प्रजाति के पशुओं के लिए दिए जाने की योजना है। योजना में 2025 लाभार्थी चयन का न्यूनतम लक्ष्य है।
आदर्श ग्राम योजना के अन्तर्गत 621 विकास खण्डों में प्रत्येक विकास खण्ड में 1-1 प्रारम्भिक दुग्ध सहकारी समिति का गठन डी०पी०एम०सी०यू० की स्थापना के साथ नन्द बाबा दुग्ध मिशन से किए जाने की योजना है, जिस पर रू0 1360/- लाख व्यय किया जाना है।
प्रदेश में दुग्ध व्यवसाय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उ०प्र० दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022 का प्रख्यापन कराया गया है। उ०प्र० दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022 के अन्तर्गत आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के अधीन उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद तथा विकास प्राधिकरण एवं औद्योगिक विकास विभाग के अधीन उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण, उ०प्र० एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण एवं अन्य औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के क्षेत्र में स्थापित होने वाले उद्योगों के लिये कृषि भूमि में स्थापित होने की स्थिति में भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क की दर में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की जायेगी।
उ0प्र0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 अन्तर्गत वर्तमान में डेयरी सेक्टर में प्राप्त कुल रू. 31465.31 करोड़ के कुल 1063 एम०ओ०यू०/निवेश प्रस्ताव के सापेक्ष प्रथम जी०बी०सी० हेतु धनराशि रू0 13509.3 करोड़ का 288 एम0ओ०यू०/निवेश प्रस्ताव को शार्टलिस्ट किया गया है, जिसमें 115 एम0ओ0यू०/निवेश प्रस्ताव प्रथम जी०बी०सी० के लिए तैयार हैं, जिसकी सन्निहित धनराशि रू0 3628.00 करोड़ है।
जिला योजना अन्तर्गत समिति गठन एवं पुनर्गठनः प्रदेश में दुग्ध उपार्जन बढ़ाने के दृष्टिकोण से वित्तीय वर्ष 2023-24 में 220 दुग्ध समितियों का गठन के सापेक्ष शतप्रतिशत गठन की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है एवं 450 दुग्ध समितियों के पुनर्गठन के लक्ष्य के सापेक्ष 122 दुग्ध समितियों का पुनर्गठन कर लिया गया है।
नन्द बाबा दुग्ध मिशन अन्तर्गत समितियों का गठनः नन्द बाबा दुग्ध मिशन अन्तर्गत समिति गठन के लक्ष्य 621 के सापेक्ष 569 ग्रामों का चयन करते हुए 284 दुग्ध समितियों का गठन कर लिया गया है।
वर्तमान में पीसीडीएफ अन्तर्गत 03 पशुआहार निर्माणशाला अम्बेडकरनगर, वाराणसी व मेरठ संचालित है जिनकी उत्पादन क्षमता 100 मी0टन प्रतिदिन की है, जिसमे दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हेतु विभिन्न प्रकार के पशु आहार यथा- पराग बाईपास प्रोटीन, पराग संतुलित टाईप-2. पराग गोल्ड, पराग फैट बूस्टर फीड का उत्पाद कराया जा रहा है। पशुआहार निर्माणशाला मेरठ में मिनिरल मिक्स्चर का उत्पादन कराया जा रहा है।
ई-कामर्स पोर्टल के माध्यम से माह सितम्बर, 2023 तक लगभग 97964 उपभोक्ता, 211 महिला स्वंय सहायता समूह तथा 220 पराग मित्रों को जोडा जा चुका है।
श्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा प्रथम बार मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से नव चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रदान की गयी। प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अर्न्तगत वर्ष 2023-24 में कुल 203 परियोजनाएं पूर्ण कराई गई हैं तथा धनराशि रू0 196 करोड़ की नवीन वित्तीय स्वीकृतियाँ जारी की गयी।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में 204 परियोजनाओं को पूर्ण कराते हुए कुल रू0 758.31 करोड़ की वित्तीय स्वीकृतियाँ निर्गत की गई। मदरसों में पढ़ने वाले छात्र / छात्राओं को आनलाइन शिक्षा से जोड़ने हेतु मेला ऐप लॉच किया गया तथा मदरसा छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु उन्हें Artificial intelligence (कृत्रिम बौद्धिकता) तकनीक से भी जोड़ा जा रहा है।
प्रथम बार मदरसों को यू-डायस कोड से जोड़ा गया है तथा छात्र/छात्राओं के विवरण आनलाइन पोर्टल पर समस्त विवरणों के साथ अपलोड किये गये। मदरसा आधुनिकीरण योजना के अन्तर्गत कुल 20,023 आधुनिक शिक्षकों के मानदेय मद में घनराशि रू0 11.45 करोड़ जनपदों को जारी की गयी है। हज-2023 में दिनांक 21 मई, 2023 से 19 जून, 2023 के मध्य कुल 24960 हज यात्री, हज यात्रा पर भेजे गये।
श्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि नागरिक सुरक्षा जनपदों में कुल 440 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर 43,920 व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया गया तथा 434 अभ्यास, 387 प्रदर्शन एवं 163 मॉकड्रिल आयोजित की गई। नागरिक सुरक्षा की विभिन्न 12 सेवाओं में कुल लक्ष्य 95,958 के सापेक्ष कुल 93,374 स्वयंसेवकों की भर्ती की गई। वर्तमान में सम्पूर्ण विश्व में युद्ध की विभीषिका एवं अशांत वातावरण के दृष्टिगत नागरिक सुरक्षा विभाग के गठन के प्रथम एवं प्रमुख उद्देश्यों के तहत प्रदेश के नागरिकों की किसी भी आपात स्थिति में सुरक्षा एवं बचाव हेतु प्रशिक्षित किये जाने के सम्बन्ध में इसी माह (अक्टूबर, 2023) के अंत में ब्लैकआउट एवं मॉकड्रिल का वृहद आयोजन पूर्ण तयारी के साथ कराया जा रहा है।
श्री सिंह ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 25 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं 950 उनके आश्रित है, जिनको प्रतिमाह नियमित रूप से रू0 20,176/- पेंशन प्रदान की जा रही है। प्रदेश में वर्तमान में 4693 लोकतंत्र सेनानी एवं 1090 उनके आश्रित है, जिनको रू0 20,000/- प्रतिमाह नियमित रूप से सम्मान राशि प्रदान की जा रही है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व उनके आश्रितों के लिये लखनऊ एवं मथुरा सेवा सदनों के माध्यम से आवास एवं भोजन की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है।
प्रेसवार्ता में अपर मुख्य सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास डा0 रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव अल्पसंख्यक कल्याण श्रीमती मोनिका एस0 गर्ग, अपर मुख्य सचिव नागरिक सुरक्षा एवं राजनैतिक पेंशन श्री रजनीश गुप्ता सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
सम्पर्क सूत्र- निधि वर्मा
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